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झुंझुनू: 50 फीसदी से भी कम मजदूरी आने पर बंद होंगे ऐसे मनरेगा के कार्य

झुंझुनू में मनरेगा के कार्यों के लिए 30 हजार से ज्यादा श्रमिक काम पर आ रहे हैं. लेकिन कई जगहों पर मजदूर काम करने के बजाय सिर्फ हाजिरी लगवाकर चले जा रहे हैं. ऐसी शिकायतें मिलने से जिला परिषद के सीईओ ने सभी ग्राम सचिवों, अभियंताओं और विकास अधिकारियों को अधिकाधिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही ऐसे टास्कों में सुधार नहीं होने पर उन्हें बंद करने के लिए भी कहा है.

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50% से भी कम मजदूर आने पर मनरेगा कार्य होंगे बंद
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Published : Jun 4, 2020, 9:08 AM IST

झुंझुनू. महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों पर पिछले पांच साल के दौरान पहली बार प्रतिदिन 30 हजार से ज्यादा श्रमिक काम पर आ रहे हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर काम के बजाय केवल हाजिरी लगवाकर चले जाना या बिल्कुल काम नहीं करने की शिकायतें जिला नियंत्रण कक्ष को प्राप्त हो रही हैं.

ऐसी शिकायतों को गंभीरता से लेकर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट की ओर से सभी ग्राम सचिवों, अभियंताओं और विकास अधिकारियों को अधिकाधिक निरीक्षण करने और समुह वार नाप करने के निर्देश दिए गए हैं.

50% से भी कम मजदूर आने पर मनरेगा कार्य होंगे बंद

निरीक्षण के दौरान दुर्व्यवहार की भी शिकायतें उदयपुरवाटी, बुहाना और खेतड़ी ब्लॉक कि कुछ ग्राम पंचायतों में निरीक्षण करने वाले कर्मचारियों के साथ श्रमिकों की ओर से दुर्व्यवहार जैसी शिकायतें भी प्राप्त हुई है. नरेगा के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक जाट की ओर से निर्देश दिए हैं. लगातार निरीक्षण के उपरांत भी किसी कार्य के प्रति व्यक्ति प्रति दिन 150 रुपए से कम टास्क आने पर ऐसे मामलों में मेट को तुरन्त हटाकर ब्लैक लिस्टेड करने और ऐसे कामों का तीन दिन तक लगातार निरीक्षण किया जाकर टास्क में सुधार नहीं होने पर ऐसे कार्यों को बन्द कर दिया जाए.

पढ़ें- झुंझुनूः दो विभागों के बीच फंसा पेयजल संकट का पेंच, एक-दूसरे पर डाल रहे जिम्मेदार

इसलिए मजदूरी भी आई है कम

उल्लेखनीय है कि दैनिक मजदूरी 220 रुपए निर्धारित होने के बावजूद पिछले पखवाड़े के दौरान 50 प्रतिशत से अधिक कार्यों पर लगे श्रमिकों की दैनिक मजदूरी 150 रुपए से भी कम आई है. कुछ लोगों की ओर से जानबूझ कर काम नहीं करने का दुष्परिणाम अन्य जरूरतमंद श्रमिकों को भुगतना करना पड़ता है. ऐसे में अब प्रशासन की ओर से सख्ती करना शुरू कर दिया गया है. जहां भी निर्धारित के अनुसार कम काम मिलेगा उस कार्य को बंद कर दिया जाएगा.

झुंझुनू. महात्मा गांधी नरेगा के कार्यों पर पिछले पांच साल के दौरान पहली बार प्रतिदिन 30 हजार से ज्यादा श्रमिक काम पर आ रहे हैं, लेकिन कुछ स्थानों पर काम के बजाय केवल हाजिरी लगवाकर चले जाना या बिल्कुल काम नहीं करने की शिकायतें जिला नियंत्रण कक्ष को प्राप्त हो रही हैं.

ऐसी शिकायतों को गंभीरता से लेकर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट की ओर से सभी ग्राम सचिवों, अभियंताओं और विकास अधिकारियों को अधिकाधिक निरीक्षण करने और समुह वार नाप करने के निर्देश दिए गए हैं.

50% से भी कम मजदूर आने पर मनरेगा कार्य होंगे बंद

निरीक्षण के दौरान दुर्व्यवहार की भी शिकायतें उदयपुरवाटी, बुहाना और खेतड़ी ब्लॉक कि कुछ ग्राम पंचायतों में निरीक्षण करने वाले कर्मचारियों के साथ श्रमिकों की ओर से दुर्व्यवहार जैसी शिकायतें भी प्राप्त हुई है. नरेगा के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक जाट की ओर से निर्देश दिए हैं. लगातार निरीक्षण के उपरांत भी किसी कार्य के प्रति व्यक्ति प्रति दिन 150 रुपए से कम टास्क आने पर ऐसे मामलों में मेट को तुरन्त हटाकर ब्लैक लिस्टेड करने और ऐसे कामों का तीन दिन तक लगातार निरीक्षण किया जाकर टास्क में सुधार नहीं होने पर ऐसे कार्यों को बन्द कर दिया जाए.

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इसलिए मजदूरी भी आई है कम

उल्लेखनीय है कि दैनिक मजदूरी 220 रुपए निर्धारित होने के बावजूद पिछले पखवाड़े के दौरान 50 प्रतिशत से अधिक कार्यों पर लगे श्रमिकों की दैनिक मजदूरी 150 रुपए से भी कम आई है. कुछ लोगों की ओर से जानबूझ कर काम नहीं करने का दुष्परिणाम अन्य जरूरतमंद श्रमिकों को भुगतना करना पड़ता है. ऐसे में अब प्रशासन की ओर से सख्ती करना शुरू कर दिया गया है. जहां भी निर्धारित के अनुसार कम काम मिलेगा उस कार्य को बंद कर दिया जाएगा.

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