झुंझुनू. जिले में आवारा पशुओं का आतंक जैसी स्थिति है और किसान इससे बेहद परेशान हैं. इसके चलते जिले में अलग-अलग गौशाला बनाने का प्रशासन प्रयास कर रहा है. नई गौशालाओं के रजिस्ट्रेशन और प्रत्येक ग्राम पंचायत पर नई गौशालाऐं बनाने को लेकर हर ग्राम स्तर पर गौशाला समिति के सदस्य, संगठन और सरपंच द्वारा गोचर भूमि का प्रपोजल भिजवाए जाने के लिए शनिवार को बैठक रखी गई है, ताकि भूमि आवंटित की जा सके.
अभी जिले में 78 गौशाला पहले से संचालित हैं और कम से कम 22 गौशाला और बनाकर कुल 100 गौशाला बनाने का लक्ष्य रखा गया है. जिला कलेक्टर यूडी खान ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन गोशालाओं का अनुदान बाकी है, उनको जल्द से जल्द अनुदान मिले, यह सुनिश्चित किया जाए. साथ ही जिले में जो व्यक्ति नई गौशाला खोलने के इच्छुक हैं, वह भूमि विकास बैंक में ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं.
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इस दौरान कलेक्टर यूडी खान ने पशुपालन विभाग की डॉ. अर्चना राहुल को गौशाला का नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए, सभी गौशाला संचालकों को कहा कि अब गौशाला से संबंधित किसी भी समस्या के लिए गौशाला प्रबंधक नियुक्त अधिकारी से समन्वय कर अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं.
सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश-
नंदी गौशाला में बेसहारा गोवंश रखने, भूमि आवंटन करने, गोवंश के लिए उपकरण संबंधी गौशाला में औषधियों और चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने, गौशालाओं के लिए अच्छी नस्ल सुधार और सांड उपलब्ध करवाने, चारा विकास और पशु चारा से संबंधित बेसहारा गोवंश के लिए जिले को आदर्श मॉडल बनाने के लिए अभियान को गति और सहयोग देने के लिए चर्चा की गई. इस दौरान जिले के गौशाला संचालक उपस्थित रहे.