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जयपुर: महिला दिवस पर महिला पटवारियों का सामूहिक उपवास और भूख हड़ताल - Jaipur News

झुंझुनू जिले के सभी पटवारी शहीद स्मारक जयपुर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही मंगलवार को महिला पटवारी भी महिला दिवस को भूलकर यहां 1 दिन की भूख हड़ताल और सामूहिक उपवास में शामिल हुई.

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जयपुर में पटवारियों का सामूहिक उपवास
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Published : Mar 8, 2021, 10:43 PM IST

झुंझुनू. राजस्थान पटवार संघ विभिन्न मांगों को लेकर काफी लंबे समय से आंदोलनरत हैं. इसी में मंगलवार को झुंझुनू जिले के सभी पटवारी जिलाध्यक्ष राजेंद्र थालोर के नेतृत्व में शहीद स्मारक जयपुर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही महिला पटवारी भी महिला दिवस को भूलकर यहां 1 दिन की भूख हड़ताल और सामूहिक उपवास में शामिल हुई.

पटवारियों ने ऐसे पनपा असंतोष

मीडिया प्रभारी होशियार सिंह खीचड़ ने बताया कि राजस्थान पटवार संघ पिछले 14 महीने से अपनी 3 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. जिसमें 28 अप्रैल 2018 को हुए समझौते को लागू करने, पे ग्रेड 3600 में शामिल करने, सिलेक्शन स्केल 9, 18, 27 के स्थान पर 7, 14, 21, 28 और 32 करने के लिए राजस्थान पटवार संघ 11 फरवरी को रेवेन्यू बोर्ड से जयपुर के लिए 7700 पटवारियों ने पैदल कूच किया था. जहां विधानसभा घेराव के लिए पहुंचे इस कार्मिकों को विधानसभा पहुंचने से पहले ही रास्ते में रोक दिया गया. साथ ही उनके ऊपर लाठीचार्ज किया गया. उसके बाद पैदल मार्च शहीद स्मारक पर धरने के रूप में परिवर्तित हो गया. जिसके बाद 15 फरवरी से लेकर आज दिनांक तक पटवार संघ का धरना अनवरत चला रहा है. जिसके चलते विशेरू रूप से किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, एक तरफ राजस्थान सरकार केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी अध्यादेश का विरोध कर रही है.

यह भी पढ़ें. स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों ने मांगी भीख

दूसरी तरफ किसानों का काम करने वाले पटवारी आंदोलनरत हैं. जिनकी आवाज राजस्थान सरकार नहीं सुन रही है. पटवार संघ के अधिकारियों ने राजस्थान सरकार पर आरोप लगाया है कि किसानों का काम करने वाले पटवारी को आपने आंदोलन पर बैठा रखा है. दूसरी तरफ अपने केंद्र सरकार की ओर से जारी किसान विरोधी अध्यादेश के विरोध में शामिल हो, यह कौन सी राजनीति है.

150 गांव की रबी फसल की गिरदावरी रूकी

जिलाध्यक्ष राजेंद्र थालोर ने बताया कि झुंझुनू जिले के लगभग 150 गांव की रबी फसल की गिरदावरी नहीं हो पाई है. जिससे किसान समर्थन मूल्य पर अपनी फसल नहीं भेज पाएंगे. जिसका खामियाजा राजस्थान सरकार की हठधर्मिता के कारण किसान भुगतेंगे. संघ के पदाधिकारियों ने घोषणा की है कि जब तक राजस्थान सरकार पटवारियों की जायज मांगे नहीं मानती है तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.

सीकेआरडी हॉस्पिटल में मना महिला दिवस

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हॉस्पिटल में मना महिला दिवस

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीकेआरडी हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर्स और नर्सों के द्वारा केक काट कर महिला दिवस मनाया गया. हॉस्पिटल की निर्देशक और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष ढाका ने बताया कि नारी शक्ति है, सशक्त है, सम्मान है, नारी गौरव है, अभिमान है, नारी ने ही ये रचा विधान है. उक्त कथन आज की नारी पर बिल्कुल सटीक बैठता है. श्रीमति ढ़ाका ने कहा कि नारी आत्मनिर्भर है, संबल है और दूसरों को भी आत्मनिर्भर बना रही है. आज के दौर में महिलाओं को सशक्त होना बहुत जरूरी है. इस अवसर पर डॉ. लाल चंद ढाका ने कहा की हॉस्पिटल में सभी महिला डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों एवं पेरामेडिकल स्टाफ, नर्सेज विशेष सम्मान की हकदार है, जिनकी कोरोना काल में महिला योद्धाओं के रूप में भूमिका बहुत अहम रही. समाज में नारियों को सम्मान मिलना चाहिए.

झुंझुनू. राजस्थान पटवार संघ विभिन्न मांगों को लेकर काफी लंबे समय से आंदोलनरत हैं. इसी में मंगलवार को झुंझुनू जिले के सभी पटवारी जिलाध्यक्ष राजेंद्र थालोर के नेतृत्व में शहीद स्मारक जयपुर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही महिला पटवारी भी महिला दिवस को भूलकर यहां 1 दिन की भूख हड़ताल और सामूहिक उपवास में शामिल हुई.

पटवारियों ने ऐसे पनपा असंतोष

मीडिया प्रभारी होशियार सिंह खीचड़ ने बताया कि राजस्थान पटवार संघ पिछले 14 महीने से अपनी 3 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. जिसमें 28 अप्रैल 2018 को हुए समझौते को लागू करने, पे ग्रेड 3600 में शामिल करने, सिलेक्शन स्केल 9, 18, 27 के स्थान पर 7, 14, 21, 28 और 32 करने के लिए राजस्थान पटवार संघ 11 फरवरी को रेवेन्यू बोर्ड से जयपुर के लिए 7700 पटवारियों ने पैदल कूच किया था. जहां विधानसभा घेराव के लिए पहुंचे इस कार्मिकों को विधानसभा पहुंचने से पहले ही रास्ते में रोक दिया गया. साथ ही उनके ऊपर लाठीचार्ज किया गया. उसके बाद पैदल मार्च शहीद स्मारक पर धरने के रूप में परिवर्तित हो गया. जिसके बाद 15 फरवरी से लेकर आज दिनांक तक पटवार संघ का धरना अनवरत चला रहा है. जिसके चलते विशेरू रूप से किसानों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, एक तरफ राजस्थान सरकार केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी अध्यादेश का विरोध कर रही है.

यह भी पढ़ें. स्कूल व्याख्याता भर्ती 2018 की नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों ने मांगी भीख

दूसरी तरफ किसानों का काम करने वाले पटवारी आंदोलनरत हैं. जिनकी आवाज राजस्थान सरकार नहीं सुन रही है. पटवार संघ के अधिकारियों ने राजस्थान सरकार पर आरोप लगाया है कि किसानों का काम करने वाले पटवारी को आपने आंदोलन पर बैठा रखा है. दूसरी तरफ अपने केंद्र सरकार की ओर से जारी किसान विरोधी अध्यादेश के विरोध में शामिल हो, यह कौन सी राजनीति है.

150 गांव की रबी फसल की गिरदावरी रूकी

जिलाध्यक्ष राजेंद्र थालोर ने बताया कि झुंझुनू जिले के लगभग 150 गांव की रबी फसल की गिरदावरी नहीं हो पाई है. जिससे किसान समर्थन मूल्य पर अपनी फसल नहीं भेज पाएंगे. जिसका खामियाजा राजस्थान सरकार की हठधर्मिता के कारण किसान भुगतेंगे. संघ के पदाधिकारियों ने घोषणा की है कि जब तक राजस्थान सरकार पटवारियों की जायज मांगे नहीं मानती है तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा.

सीकेआरडी हॉस्पिटल में मना महिला दिवस

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हॉस्पिटल में मना महिला दिवस

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सीकेआरडी हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर्स और नर्सों के द्वारा केक काट कर महिला दिवस मनाया गया. हॉस्पिटल की निर्देशक और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. संतोष ढाका ने बताया कि नारी शक्ति है, सशक्त है, सम्मान है, नारी गौरव है, अभिमान है, नारी ने ही ये रचा विधान है. उक्त कथन आज की नारी पर बिल्कुल सटीक बैठता है. श्रीमति ढ़ाका ने कहा कि नारी आत्मनिर्भर है, संबल है और दूसरों को भी आत्मनिर्भर बना रही है. आज के दौर में महिलाओं को सशक्त होना बहुत जरूरी है. इस अवसर पर डॉ. लाल चंद ढाका ने कहा की हॉस्पिटल में सभी महिला डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों एवं पेरामेडिकल स्टाफ, नर्सेज विशेष सम्मान की हकदार है, जिनकी कोरोना काल में महिला योद्धाओं के रूप में भूमिका बहुत अहम रही. समाज में नारियों को सम्मान मिलना चाहिए.

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