खेतड़ी (झुंझुनू). जिले के खेतड़ी में कश्मीर के तंगधार क्षेत्र में हिमस्खलन में शहीद हुए हरड़िया ग्राम पंचायत की ढाणी ढहरवाला के जवान राजेंद्र सिंह का शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. वहीं, शहीद राजेंद्र सिंह को उनके 4 महीने के पुत्र ने मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखे भर आई. बता दें कि शुक्रवार देर शाम शहीद जवान के पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव लाया गया.
वहीं, शहीद राजेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह बबाई पहुंच गया था, जिसके बाद सैकड़ों युवा तिरंगा यात्रा के साथ उनके घर तक गए. शहीद राजेंद्र सिंह का शव उनके घर पहुंचते ही वहां का माहौल गमगीन हो गया. बता दें कि शहीद की अंतिम शव यात्रा के दौरान स्कूली बच्चों और युवाओं ने हाथों में तिरंगा लेकर गगनभेदी नारे लगाए.
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अंतिम संस्कार से पूर्व जयपुर से आई 20 जाट रेजिमेंट के जवानों और पुलिस की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. शहीद के चार महीने के बेटे करण कृष्णिया ने देश के लिए वीरगति को प्राप्त होने वाले पिता शहीद राजेंद्र सिंह को मुखाग्नि दी. शहीद की बेटी अंशु ने कहा कि उनके पापा राजेंद्र सिंह ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुती दी है जिसे वह नमन करती है. उन्होनें कहा कि मैं भी सेना में जाकर पिता का नाम रोशन करूंगी.
शहीद जवान राजेंद्र सिंह का जीवन परिचय
हरड़िया पंचायत की ढाणी ढहरवाले के शहीद राजेंद्र सिंह का जन्म 25 जून 1983 को रोहताश कृष्णिया के घर में हुआ था. राजेंद्र सिंह 31 दिसंबर 2001 को सेना में भर्ती हुए थे. वर्तमान में वह सेना की 2 जाट रेजीमेंट में कश्मीर के तंगधार इलाके में तैनात थे. उनका विवाह गोरधनपुरा निवासी सरोज देवी के साथ 2003 में हुआ था. शहीद राजेंद्र सिंह को एक 14 वर्ष की बेटी अंशु और 4 महीने का बेटा करण कृष्णिया है. शहीद राजेंद्र सिंह के पिता रोहताश कृष्णिया का करीब 8 साल पूर्व और माता रजकौरी का करीब 3 साल पूर्व देहांत हो चुका है. वहीं, शहीद राजेंद्र सिंह एक छोटा भाई किशनलाल है जो गांव में ही रहकर खेती बाड़ी का कार्य करता है.
करीब 10 फीट की चट्टान गिरने से वीरगति को प्राप्त हुए थे राजेंद्र सिंह
शहीद राजेंद्र सिंह के शव के साथ आए सेना के जवानों ने बताया कि राजेंद्र सिंह जम्मू कश्मीर के तंगधार इलाके में अपने साथियों के साथ पोस्ट पर डयूटी कर रहे थे. उन्होंने बताया कि 4 दिसंबर की शाम को अचानक आए बर्फीले तूफान के कारण हिमस्खलन हो गया. हिमस्खलन होने से बर्फ की करीब 10 फीट की चट्टान उन पर आ गिरी, जिससे वह उसके नीचे दब गए.
हिमस्खलन होने की सूचना पर हवास फोर्स की टीम मौके पर पहुंची और सर्चिंग अभियान चलाया. जवानों ने बताया कि पहले उनका मोबाइल और फिर टॉर्च मिली. वहीं, टीम की ओर से काफी देर तक बर्फ की खुदाई करने के बाद राजेंद्र सिंह को निकाला तो राजेंद्र सिंह देश के लिए वीरगति को प्राप्त हो चुके थे.