रानीवाड़ा (जालोर). महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को लेकर व्यापारियों ने बाबा रामदेव मंदिर से पंचायत समिति तक आक्रोश रैली निकाली. इसके बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. संयुक्त व्यापार संघ की ओर से रानीवाड़ा बंद के आह्वान पर रानीवाड़ा बाजार पूर्णरूप से बंद रहा.
रानीवाड़ा के व्यापारीयों ने बाबा रामदेव मंदिर से पंचायत समिति तक आक्रोश रैली निकालकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा. इससे पूर्व संयुक्त व्यापार संघ ने बाबा रामदेव मंदिर में एक सभा को भी संबोधित किया. सभा में हैदराबाद में हुए डॉ. महिला की निर्मम हत्या कांड की घोर शब्दों में निंदा की गई. साथ ही महिला डॉ. की हत्या के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देकर न्याय दिलाने की मांग की. इस मौके पर बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद थे.
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वहीं, रानीवाड़ा कस्बे के बंद के दौरान आवश्यक सेवाएं चालू रही. इसके तहत मेडिकल स्टोर, पेट्रोल पंप और हॉस्पिटल खुले रहे. वहीं, व्यापारियों ने पंचायत समिति के बाहर जमकर नारेबाजी की और हैदराबाद में हुए घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. रानीवाड़ा सरपंच रिड़मलसिंह डाभी ने कहा कि आज देश के अंदर बेटियां सुरक्षित नहीं है, जिसको लेकर डाभी ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को दुष्कर्मियों के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की मांग की. संयुक्त व्यापार की ओर रानीवाड़ा बंद होने पर पुलिस जाप्ता जगह-जगह तैनात रहा.
दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं के विरोध में बाजार बंद का एलान दिखा बेअसर
झुंझुनू के सूरजगढ़ में देश और राज्य में महिलाओं और बेटियों के साथ बढ़ती दुष्कर्म की घटनाओं के विरोध में गुरुवार को भारत बंद का असर कस्बे में पूरी तरह बेअसर रहा. दरअसल दुष्कर्म के दोषियों के खिलाफ फांसी जैसे कड़े कानून लागू करने की मांग को लेकर सोशल मीडिया और अन्य संचार माध्यमों के जरिये गुरुवार को भारत बंद का एलान किया गया था.
वहीं, इस एलान का असर झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ कस्बे में पूरी तरह बेअसर रहा. सुबह से ही अनाज मंडी, मुख्य बाजार सहित अन्य जगहों के व्यापारिक प्रतिष्ठान अन्य दिनों की भांति सुचारु रूप से खुले रहे. सूरजगढ़ की अनाज मंडी प्रदेश की प्रमुख अनाज मंडियों में शामिल है. भारत बंद का असर यहां देखने को नजर नहीं आया. मंडी के सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान दिन भर खुले रखे. व्यापारियों ने बंद को लेकर व्यापार संघ के पदाधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाये
इस मौके पर नरेश नूनिया, बृजलाल गाड़ोदिया आदि ने कहा की व्यापार संघ ने बाजार बंद को लेकर किसी प्रकार की कोई रूचि नहीं दिखाई, और सभी व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान खोले है. उन्होंने कहा की व्यापार संघ के पदाधिकारियों को इस प्रकार के मामले में तो सभी का साथ देते हुए बाजार बंद में भूमिका निभानी चाहिए थी.