झुंझुनू. दुनिया भर में रेल सेवा को सबसे सस्ता और सुगम यातायात का साधन माना जाता है. लेकिन झुंझुनू जिले के लिए ये रेल सेवाएं अब तक पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हो पाई हैं. शहर में ब्रॉड गेज लाइन है, खूब यात्री भार है, लेकिन बावजूद इसके लोग इस सुविधा से महरूम है. जिले के लिए देश की राजधानी दिल्ली की नियमित रेल सेवा अभी दूर ही नजर आ रही है. वहीं जयपुर के लिए ट्रेन की सेवा भी अभी ख्वाब जैसा ही है.
बता दें कि जयपुर से दिल्ली वाया सीकर, झुंझुनू और लोहारू एक भी नियमित ट्रेन नहीं है. इसी साल 21 फरवरी को झुंझुनू आए तत्कालीन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा था कि मई में जयपुर तक ट्रेन चला देंगे. रेलवे ने जयपुर दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेन का टाइम टेबल भी ढाई माह पहले जारी कर दिया था. लेकिन अब तक ट्रेन का काम ही पूरा नहीं हो पाया है. साथ ही ट्रेन का संचालन भी नहीं हुआ है.
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22 साल पहले चलती थी ट्रेन...
जिले में साल 1997 से पहले रोजाना एक ट्रेन दिल्ली-जयपुर के बीच चलती थी. जो छोटी लाइन की ट्रेन थी. लेकिन लोगों को इससे बड़ी सुविधा थी. बाद में कभी लोहारू में काम चलने लगा, तो कभी सराय रोहिल्ला का काम हुआ. इसके बाद यहां बड़ी लाइन यानी ब्राडगेज का काम शुरू हो गया. अब इस काम को पूरे हुए भी 2 साल से अधिक हो गए हैं. लेकिन अभी ट्रेन केवल रींगस तक ही जाती है. वह भी केवल एक ही ट्रेन के 2 फेरे लगते हैं और सप्ताह में केवल 3 दिन ही ट्रेन सराय रोहिल्ला तक जाती है.
चूरू से हर आधा घंटे में है ट्रेन...
वहीं शेखावटी के एक अन्य जिले चूरु से हर आधे घंटे में दिल्ली के लिए ट्रेन है. जबकि झुंझुनू के लिए 24 घंटे में भी नहीं है. ऐसे में लोगों का कहना है कि उनके साथ यह अन्याय क्यों हो रहा है. ऐसे में लोग निजी परिवहन सेवाओं के भरोसे किसी तरह से अपना सफर पूरा कर रहे हैं.
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जनता की हैं और भी मांगें...
शेखावाटी रेल सेवा संघर्ष समिति की ओर से रेल सेवा में विस्तार करने के लिए और भी कई तरह की मांग की गईं हैं. जिसमें जयपुर से हरिद्वार वाया रींगस- सीकर-लोहारू-दिल्ली, दिल्ली-मुंबई वाया लोहारू-झुंझुनू-सीकर-रींगस-जयपुर-सवाई माधोपुर तथा वाया अजमेर और अहमदाबाद के लिए भी नई रेल सेवा शुरू करने की मांग है. लेकिन यह तो दूर की ही कोड़ी नजर आ रही है.