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राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर सील, 7 मई के बाद से अब कैसे हैं हालात...देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

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Published : May 25, 2020, 8:04 PM IST

राजस्थान की गहलोत सरकार के आदेश के बाद प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमाओं को सील है. केवल सरकार की अनुमति से ही लोगों का आवागमन हो रहा है. 7 मई से हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर भी सील है और यहां पर पुलिस पहरा दे रही है. देखिए ईटीवी भारत की हरियाणा-राजस्थान बॉर्डर से ये ग्राउंड रिपोर्ट....

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राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर से ग्राउंड रिपोर्ट

झुंझुनू. राजस्थान की गहलोत सरकार के आदेश के बाद प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमाओं से अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को रोकने के लिए राज्य की सभी अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया है. केवल सरकार की अनुमति से ही लोगों का आवागमन हो रहा है. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे अलग-अलग प्रयासों के तहत हरियाणा और राजस्थान बॉर्डर भी सील है.

राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर से ग्राउंड रिपोर्ट

राजस्थान बॉर्डर को जब अचानक राज्य सरकार ने पूरी तरह से सील किया तो प्रशासन के सामने बड़ी समस्या थी कि आखिर हरियाणा और राजस्थान के बीच आने जाने वाले लोगों पर कैसे लगाम लगाई जा सके. दरअसल, कई कच्चे रास्ते भी हरियाणा को राजस्थान से जोड़ते थे और उन पर नाकाबंदी करना बड़ी टेढ़ी खीर थी. ऐसे में प्रशासन ने वहां पर स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया और नाकाबंदी के लिए पेड़ों के नीचे वाले तनों को काम में लिया. इसके अलावा और भी कई जुगाड़ लगाकर प्रशासन ने लोगों को रोकने की कोशिश की....

हरियाणा राजस्थान बॉर्डर प्रशासन की तैयारी और दावों की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत मौके पर पहुंचा. जब हमने हरियाणा बॉर्डर पहुंचे तो वहां पर क्षेत्र के तहसीलदार, पुलिस उप अधीक्षक और स्थानीय पिलानी थाना अधिकारी खुद जायजा लेते हुए हमें वहां पर मिले....

बिना सर्वे और स्क्रीनिंग के प्रवेश नहीं:
यहां पर मौजूद राजस्थान के प्रशासन का एक ही प्रयास है कि यहां से कोई भी बिना पास और स्क्रीनिंग के नहीं गुजरे. इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. मेडिकल और स्थानीय प्रशासन की टीम भी मौके पर मौजूद है. गर्मियों के दिनों में यहां तापमान 40 से 45 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है. बावजूद इसके इस भीषण गर्मी में पुलिस और मेडिकल की टीमें पूरी तरह से मुस्तैद हैं.

ये भी पढ़ें: दौसा में खनिज विभाग की नाक के नीचे हो रहा अवैध खनन...प्रशासन मौन

बॉर्डर से गुजरने वाले हख्स का यहां की यहां पर मेडिकल जांच की जाती है. इसके अलावा आने जाने वाले लोगों का पूरा रिकॉर्ड भी मेंटेन किया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे जरुरत पड़ने पर उसकी शख्स का रिकॉर्ड खंगाला जा सके.

हरियाणा प्रशासन के साथ तालमेल:
बॉर्डर पर तैनात अधिकारियों के मुताबिक, बॉर्डर सील करने से साथ ही हमने हरियाणा के अधिकारियों से तालमेल कर लिया था. उन्होंने कहा कि हम सहयोग भी ले रहे हैं. हरियाणा के प्रशासनिक अधिकारी भी इस मामले में पूरा स्पोर्ट करते हैं और यहां आपसी मनमुटाव जैसी कोई बात नजर नहीं आती है. राजस्थान के जो श्रमिक बिना पास के अभी गए थे यहां के प्रशासन ने बिना किसी किसी विरोध के उन्हें अंदर ले लिया है. हलांकि इन लोगों को बॉर्डर के पास ही क्वारेंटाइन किया गया था और फिर 14 रहने के बाद उनको उनके घर भेज दिया गया है.

ये भी पढ़ें: कोरोना संक्रमण के दौर में गरीबों का सुरक्षा कवच बनी 'फ्री राशन स्कीम'

बॉर्डर पर कई प्रदेश के प्रवासी फंसे:
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, राजस्थान बॉर्डर सील करने के साथ ही सिर्फ राजस्थानी प्रवासी श्रमिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय होने की वजह से यहां पर कई दूसरे प्रदेश के लोग भी फंस गए थे. बॉर्डर पर भारी भीड़ जमा हो गई थी. तब यहां आने वाले ज्यादातक लोगों के पास, पास भी नहीं था ऐसे में इन लोगों को यहीं पर रोक लिया गया था. कुछ दिन क्वारेंटिन रखने के बाद उन्हें जाने दिया गया.

अभी कैसे हैं हालात:

पुलिस के मुताबिक, अभी पास लेकर ही यहां से लोग आते-जाते हैं. ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो यहां पास लेकर नहीं आते. अधिकारियों के मुताबिक अभी स्थिति यहां सामान्य हैं. कभी हद तक हम कामयाब भी हुए हैं.

झुंझुनू. राजस्थान की गहलोत सरकार के आदेश के बाद प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमाओं से अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश को रोकने के लिए राज्य की सभी अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया है. केवल सरकार की अनुमति से ही लोगों का आवागमन हो रहा है. कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए किए जा रहे अलग-अलग प्रयासों के तहत हरियाणा और राजस्थान बॉर्डर भी सील है.

राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर से ग्राउंड रिपोर्ट

राजस्थान बॉर्डर को जब अचानक राज्य सरकार ने पूरी तरह से सील किया तो प्रशासन के सामने बड़ी समस्या थी कि आखिर हरियाणा और राजस्थान के बीच आने जाने वाले लोगों पर कैसे लगाम लगाई जा सके. दरअसल, कई कच्चे रास्ते भी हरियाणा को राजस्थान से जोड़ते थे और उन पर नाकाबंदी करना बड़ी टेढ़ी खीर थी. ऐसे में प्रशासन ने वहां पर स्थानीय रूप से उपलब्ध संसाधनों का उपयोग किया और नाकाबंदी के लिए पेड़ों के नीचे वाले तनों को काम में लिया. इसके अलावा और भी कई जुगाड़ लगाकर प्रशासन ने लोगों को रोकने की कोशिश की....

हरियाणा राजस्थान बॉर्डर प्रशासन की तैयारी और दावों की हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत मौके पर पहुंचा. जब हमने हरियाणा बॉर्डर पहुंचे तो वहां पर क्षेत्र के तहसीलदार, पुलिस उप अधीक्षक और स्थानीय पिलानी थाना अधिकारी खुद जायजा लेते हुए हमें वहां पर मिले....

बिना सर्वे और स्क्रीनिंग के प्रवेश नहीं:
यहां पर मौजूद राजस्थान के प्रशासन का एक ही प्रयास है कि यहां से कोई भी बिना पास और स्क्रीनिंग के नहीं गुजरे. इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. मेडिकल और स्थानीय प्रशासन की टीम भी मौके पर मौजूद है. गर्मियों के दिनों में यहां तापमान 40 से 45 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है. बावजूद इसके इस भीषण गर्मी में पुलिस और मेडिकल की टीमें पूरी तरह से मुस्तैद हैं.

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बॉर्डर से गुजरने वाले हख्स का यहां की यहां पर मेडिकल जांच की जाती है. इसके अलावा आने जाने वाले लोगों का पूरा रिकॉर्ड भी मेंटेन किया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे जरुरत पड़ने पर उसकी शख्स का रिकॉर्ड खंगाला जा सके.

हरियाणा प्रशासन के साथ तालमेल:
बॉर्डर पर तैनात अधिकारियों के मुताबिक, बॉर्डर सील करने से साथ ही हमने हरियाणा के अधिकारियों से तालमेल कर लिया था. उन्होंने कहा कि हम सहयोग भी ले रहे हैं. हरियाणा के प्रशासनिक अधिकारी भी इस मामले में पूरा स्पोर्ट करते हैं और यहां आपसी मनमुटाव जैसी कोई बात नजर नहीं आती है. राजस्थान के जो श्रमिक बिना पास के अभी गए थे यहां के प्रशासन ने बिना किसी किसी विरोध के उन्हें अंदर ले लिया है. हलांकि इन लोगों को बॉर्डर के पास ही क्वारेंटाइन किया गया था और फिर 14 रहने के बाद उनको उनके घर भेज दिया गया है.

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बॉर्डर पर कई प्रदेश के प्रवासी फंसे:
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक, राजस्थान बॉर्डर सील करने के साथ ही सिर्फ राजस्थानी प्रवासी श्रमिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय होने की वजह से यहां पर कई दूसरे प्रदेश के लोग भी फंस गए थे. बॉर्डर पर भारी भीड़ जमा हो गई थी. तब यहां आने वाले ज्यादातक लोगों के पास, पास भी नहीं था ऐसे में इन लोगों को यहीं पर रोक लिया गया था. कुछ दिन क्वारेंटिन रखने के बाद उन्हें जाने दिया गया.

अभी कैसे हैं हालात:

पुलिस के मुताबिक, अभी पास लेकर ही यहां से लोग आते-जाते हैं. ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो यहां पास लेकर नहीं आते. अधिकारियों के मुताबिक अभी स्थिति यहां सामान्य हैं. कभी हद तक हम कामयाब भी हुए हैं.

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