चिड़ावा (झुंझुनू). स्वतंत्रता सेनानी सत्येदव कुल्हार का 96 साल की आयु में निधन हो गया. जिले के चिड़ावा कस्बे के नजदीक गांव देवरोड़ में उनका अंतिम संस्कार किया गया. सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई.
बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव कुल्हार की अंतिम विदाई में चिड़ावा एसडीएम जगदीश प्रसाद गौड़, डिप्टी रघुवीर प्रसाद शर्मा, सूरजगढ़ विधायक सुभाष पूनिया, पिलानी थानाधिकारी मदनलाल कड़वासरा, तहसीलदार ज्वाला सहाय मीणा, वरिष्ठ पार्षद योगेंद्र कटेवा, पूर्व प्रधान शेरसिंह प्रधान आदि ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें अंतिम विदाई दी. इस दौरान पुलिस बल ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया. सत्यदेव कुल्हार के पुत्रों के द्वारा उन्हें मुखाग्नि दी गई.
स्वतंत्रता सेनानी के जीवन का एक परिचय
देश की आजादी में अहम सहयोग करने वाले स्वतंत्रता सेनाना सत्यदेव कुल्हार ने महात्मा गांधीजी के साथ मिलकर आजादी के लिए लड़ाई लड़ी. स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव कुल्हार ने 1942 में बोर्ड की परीक्षा पिलानी से दी, लेकिन देश भक्ति जगने पर जयपुर की चरखा संघ की तरफ मन कर लिया. भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लेते हुए आजाद मोर्चा गठित किया और आजादी के लिए गिरफ्तारी दी.
शेखावाटी के दूसरे लाल पेचरी कला गांव के दिवंगत पंडित ताड़केश्वर शर्मा ने भी गिरफ्तारी दी. स्वतंत्रता सेनानी सत्यदेव गांधी जी के विचारों से प्रभावित थे और चरखा कातते थे. ये उनके प्रतिदिन की क्रिया थी. बाद में इन्हें भारत सरकार और केंद्र सरकार की ओर से ताम्र पत्र देकर सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की ओर से भी 2010 में सत्यदेव को सम्मानित किया गया.