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झुंझुनूः मालकेत बाबा के दर्शन के लिए चौबीस कोसीय परिक्रमा 25 अगस्त से होगी रवाना

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Published : Aug 22, 2019, 5:43 PM IST

झुंझुनू के उदयपुरवाटी में बाबा मालकेत की चौबीस कोसीय परिक्रमा 25 अगस्त को गोगानवमी से शुरू होगी. लोहार्गल से शुरु होने वाली यह यात्रा सूर्यकुण्ड में स्नान कर पहाड़ी पर स्थित मालकेत बाबा के दर्शन के लिए जाएगी. यात्रा का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से बाबा के दर्शन करने आते हैं.

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उदयपुरवाटी (झुंझुनू). प्रदेश सहित अन्य राज्यों से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा के केन्द्र बाबा मालकेत की चौबीस कोसीय परिक्रमा 25 अगस्त को गोगानवमी से शुरू होगी. लोहार्गल से शुरू होने वाले श्रद्धा के इस सफर की तैयारियां शुरू हो गई है. सबसे आगे बाबा की पालकी होगी और इसके पीछे लाखों श्रद्धालु होंगे. गोगानवमी से शुरू होनी वाली मालकेत बाबा की चौबीस कोसीय परिक्रमा की अगुवाई ठाकुरजी की पालकी करेगी. संत महात्मा ठाकुरजी को पालकी में बैठाकर गोगानवमी को परिक्रमा के लिए निकलेंगे.

लोहार्गल गोगानवमी से शुरू होगी मालकेत बाबा की 24 कोसीय परिक्रमा

पांच दिन की इस यात्रा में श्रद्धालु लोहार्गल में सूर्यकुण्ड में स्नान कर पहाड़ी पर स्थित मालकेत बाबा के दर्शन करेंगे. इसके बाद गोल्याना, चिराना, किरोड़ी, कोट शाकंभरी, नांगकुण्ड, भगोवा, टपकेश्वर महादेव, शोभावती, खाकी अखाड़ा, नीम की घाटी, डाबपनोरा, रघुनाथगढ़, खोरी कुण्ड, गोल्याना से होते हुए चौबीस कोस की परिक्रमा पूर्ण कर वापस लोहार्गल पहुंचेंगे. जिसके बाद 30 अगस्त को अमावस्या के दिन सूर्यकुण्ड में स्नान कर अपने घरों की ओर लौटेंगे. अनेक श्रद्धालु यात्रा करने से पहले बाबा मालकेत के दर्शन करते हैं तो अनेक यात्रा पूरी करने के बाद दर्शन करते हैं.

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ग्राम पंचायतों की ओर से शुरू की गई तैयारियां

परिक्रमा क्षेत्र में आने वाली लोहार्गल चिराणा नांगल आदि ग्राम पंचायतों में परिक्रमा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. लोहार्गल क्षेत्र की साफ सफाई करवाई जा रही है. सरपंच घासीराम स्वामी लोहार्गल परिक्रमा को लेकर ग्राम पंचायत की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है. खाती चौक सूर्यकुंड तक जाने वाले रास्ते पर स्थित दुकानदारों को दुकान के सामने रास्ता सामान नहीं रखने की लिए पाबंद किया गया है. सूर्य कुंड से खाती चौक तक सफाई और रोशनी व्यवस्था के लिए कर्मचारी जुटे हुए हैं. चिराणा सरपंच प्रियंका सैनी ने बताया कि परिक्रमा की साफ सफाई की जा रही है. आने वाले बाबू झाड़ियों को कटाई की जा रही है फिर से कराने का काम शुरू कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें- छात्रसंघ चुनाव 2019: अलवर के 17 कॉलेजों में 27 अगस्त को होंगे चुनाव


24 कोसीय परिक्रमा का पहला पड़ाव किरोड़ी में

24 कोसीय परिक्रमा का पहला पड़ाव किरोड़ी धाम में होता है. जहां ठाकुर जी की पालकी के साथ चलने वाले श्रद्धालु किरोड़ी धाम में पहले पड़ाव के साथ ही धार्मिक स्थान किरोड़ी में दो जल स्रोत जिसमें एक में गरम एक ठंडा पानी आता है. वहां ठाकुर जी को रात भर रखा जाता है. जिसके बाद वहां से सुबह जल्दी स्नान करने के बाद ठाकुर जी की पालकी को लेकर आरती पूजा अर्चना के बाद आगे निकल जाते हैं. जिसके बाद कोट बांध पर दिनभर रुकते हैं. वहीं देर शाम को शाकम्भरी माता के लिए रवाना हो जाते हैं

यह भी पढ़ें- BSP में चल रहा संगठन समीक्षा का काम, अपने दम पर लड़ा जाएगा निकाय चुनाव : प्रदेश प्रभारी

किरोड़ी धाम में दो जल स्रोत

धार्मिक स्थान किरोड़ी धाम में 24 कोसीय परिक्रमा का पहला पड़ाव किरोड़ी धाम में रहता है. जहां धार्मिक स्थान किरोड़ी में दो जल स्रोत हैं. जिसमें प्रकृति के अनुसार एक कुंड में गर्म पानी रहता है. वहीं दूसरे कुंड में ठंडा पानी रहता है. जिसके बाद रात भर ठाकुर जी की पालकी विश्राम करने के बाद रात भर भजन संध्या होगी. वहीं सुबह जल्द ठाकुर जी की पूजा अर्चना कर पालकी रवाना हो जाएगी. जिसके बाद कोट बांध पर दिन में विश्राम रहेगा. वहीं देर रात को शाकम्भरी माता के दूसरा पड़ाव रहेगा.

इन रास्तों से गुजरती है ठाकुर जी की पालकी

पांच दिन की इस यात्रा में श्रद्धालु लोहार्गल में सूर्यकुण्ड में स्नान कर पहाड़ी पर स्थित मालकेत बाबा के दर्शन करेंगे. इसके बाद गोल्याना, चिराना, किरोड़ी, कोट शाकंभरी, नांगकुण्ड, भगोवा, टपकेश्वर महादेव, शोभावती, खाकी अखाड़ा, नीम की घाटी, डाबपनोरा, रघुनाथगढ़, खोरी कुण्ड, गोल्याना से होते हुए चौबीस कोस की परिक्रमा पूर्ण कर वापस लोहार्गल पहुंचेंगे. जिसके बाद 30 अगस्त को अमावस्या के दिन सूर्यकुण्ड में स्नान कर अपने घरों की ओर लौटेंगे.

उदयपुरवाटी (झुंझुनू). प्रदेश सहित अन्य राज्यों से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और श्रद्धा के केन्द्र बाबा मालकेत की चौबीस कोसीय परिक्रमा 25 अगस्त को गोगानवमी से शुरू होगी. लोहार्गल से शुरू होने वाले श्रद्धा के इस सफर की तैयारियां शुरू हो गई है. सबसे आगे बाबा की पालकी होगी और इसके पीछे लाखों श्रद्धालु होंगे. गोगानवमी से शुरू होनी वाली मालकेत बाबा की चौबीस कोसीय परिक्रमा की अगुवाई ठाकुरजी की पालकी करेगी. संत महात्मा ठाकुरजी को पालकी में बैठाकर गोगानवमी को परिक्रमा के लिए निकलेंगे.

लोहार्गल गोगानवमी से शुरू होगी मालकेत बाबा की 24 कोसीय परिक्रमा

पांच दिन की इस यात्रा में श्रद्धालु लोहार्गल में सूर्यकुण्ड में स्नान कर पहाड़ी पर स्थित मालकेत बाबा के दर्शन करेंगे. इसके बाद गोल्याना, चिराना, किरोड़ी, कोट शाकंभरी, नांगकुण्ड, भगोवा, टपकेश्वर महादेव, शोभावती, खाकी अखाड़ा, नीम की घाटी, डाबपनोरा, रघुनाथगढ़, खोरी कुण्ड, गोल्याना से होते हुए चौबीस कोस की परिक्रमा पूर्ण कर वापस लोहार्गल पहुंचेंगे. जिसके बाद 30 अगस्त को अमावस्या के दिन सूर्यकुण्ड में स्नान कर अपने घरों की ओर लौटेंगे. अनेक श्रद्धालु यात्रा करने से पहले बाबा मालकेत के दर्शन करते हैं तो अनेक यात्रा पूरी करने के बाद दर्शन करते हैं.

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ग्राम पंचायतों की ओर से शुरू की गई तैयारियां

परिक्रमा क्षेत्र में आने वाली लोहार्गल चिराणा नांगल आदि ग्राम पंचायतों में परिक्रमा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है. लोहार्गल क्षेत्र की साफ सफाई करवाई जा रही है. सरपंच घासीराम स्वामी लोहार्गल परिक्रमा को लेकर ग्राम पंचायत की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है. खाती चौक सूर्यकुंड तक जाने वाले रास्ते पर स्थित दुकानदारों को दुकान के सामने रास्ता सामान नहीं रखने की लिए पाबंद किया गया है. सूर्य कुंड से खाती चौक तक सफाई और रोशनी व्यवस्था के लिए कर्मचारी जुटे हुए हैं. चिराणा सरपंच प्रियंका सैनी ने बताया कि परिक्रमा की साफ सफाई की जा रही है. आने वाले बाबू झाड़ियों को कटाई की जा रही है फिर से कराने का काम शुरू कर दिया गया है.

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24 कोसीय परिक्रमा का पहला पड़ाव किरोड़ी में

24 कोसीय परिक्रमा का पहला पड़ाव किरोड़ी धाम में होता है. जहां ठाकुर जी की पालकी के साथ चलने वाले श्रद्धालु किरोड़ी धाम में पहले पड़ाव के साथ ही धार्मिक स्थान किरोड़ी में दो जल स्रोत जिसमें एक में गरम एक ठंडा पानी आता है. वहां ठाकुर जी को रात भर रखा जाता है. जिसके बाद वहां से सुबह जल्दी स्नान करने के बाद ठाकुर जी की पालकी को लेकर आरती पूजा अर्चना के बाद आगे निकल जाते हैं. जिसके बाद कोट बांध पर दिनभर रुकते हैं. वहीं देर शाम को शाकम्भरी माता के लिए रवाना हो जाते हैं

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किरोड़ी धाम में दो जल स्रोत

धार्मिक स्थान किरोड़ी धाम में 24 कोसीय परिक्रमा का पहला पड़ाव किरोड़ी धाम में रहता है. जहां धार्मिक स्थान किरोड़ी में दो जल स्रोत हैं. जिसमें प्रकृति के अनुसार एक कुंड में गर्म पानी रहता है. वहीं दूसरे कुंड में ठंडा पानी रहता है. जिसके बाद रात भर ठाकुर जी की पालकी विश्राम करने के बाद रात भर भजन संध्या होगी. वहीं सुबह जल्द ठाकुर जी की पूजा अर्चना कर पालकी रवाना हो जाएगी. जिसके बाद कोट बांध पर दिन में विश्राम रहेगा. वहीं देर रात को शाकम्भरी माता के दूसरा पड़ाव रहेगा.

इन रास्तों से गुजरती है ठाकुर जी की पालकी

पांच दिन की इस यात्रा में श्रद्धालु लोहार्गल में सूर्यकुण्ड में स्नान कर पहाड़ी पर स्थित मालकेत बाबा के दर्शन करेंगे. इसके बाद गोल्याना, चिराना, किरोड़ी, कोट शाकंभरी, नांगकुण्ड, भगोवा, टपकेश्वर महादेव, शोभावती, खाकी अखाड़ा, नीम की घाटी, डाबपनोरा, रघुनाथगढ़, खोरी कुण्ड, गोल्याना से होते हुए चौबीस कोस की परिक्रमा पूर्ण कर वापस लोहार्गल पहुंचेंगे. जिसके बाद 30 अगस्त को अमावस्या के दिन सूर्यकुण्ड में स्नान कर अपने घरों की ओर लौटेंगे.

Intro:उदयपुरवाटी झुंझुनू


लोहार्गल के सूर्य कुंड से शुरू होती है। माल खेत बाबा की 24 कोसीय परिक्रमा

लाखों श्रद्धालु 24 कोसीय परिक्रमा में होते हैं शामिल।

देश प्रदेश के लोग भी लेते हैं 24 कोसीय परिक्रमा में हिस्सा।

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उदयपुरवाटी(झुंझुनूं). प्रदेश सहित अन्य राज्यों से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की आस्था व श्रद्धा के केन्द्र बाबा मालकेत की चौबीस कोसीय परिक्रमा 25 अगस्त को गोगानवमी से शुरू होगी। लोहार्गल से शुरू होने वाले श्रद्धा के इस सफर की तैयारियां शुरू हो गई है। सबसे आगे बाबा की पालकी होगी। इसके पीछे लाखों श्रद्धालु होंगे।
पांच दिन की इस यात्रा में श्रद्धालु लोहार्गल में सूर्यकुण्ड में स्नान कर पहाड़ी पर स्थित मालकेत बाबा के दर्शन करेंगे। इसके बाद गोल्याना, चिराना, किरोड़ी, कोट शाकंभरी, नांगकुण्ड, भगोवा, टपकेश्वर महादेव, शोभावती, खाकी अखाड़ा, नीम की घाटी, डाबपनोरा, रघुनाथगढ़, खोरी कुण्ड, गोल्याना से होते हुए चौबीस कोस की परिक्रमा पूर्ण कर वापस लोहार्गल पहुंचेंगे। जिसके बाद 30 अगस्त को अमावस्या के दिन सूर्यकुण्ड में स्नान कर अपने घरों की ओर लौटेंगे। अनेक श्रद्धालु यात्रा करने से पहले बाबा मालकेत के दर्शन करते हैं तो अनेक यात्रा पूरी करने के बाद दर्शन करते हैं।
गोगानवमी से शुरू होनी वाली मालकेत बाबा की चौबीस कोसीय परिक्रमा की अगुवाई ठाकुरजी की पालकी करेगी। संत महात्मा ठाकुरजी को पालकी में बैठाकर गोगानवमी को परिक्रमा के लिए निकलेंगे।


Conclusion:*ग्राम पंचायतों की ओर से शुरू की गई तैयारियां*

परिक्रमा क्षेत्र में आने वाली लोहार्गल चिराणा नांगल आदि ग्राम पंचायतों में परिक्रमा को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है लोहार्गल क्षेत्र की साफ सफाई करवाई जा रही है सरपंच घासीराम स्वामी लोहागल परिक्रमा को लेकर ग्राम पंचायत की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है खाती चौक सूर्यकुंड तक जाने वाले रास्ते पर स्थित दुकानदारों को दुकान के सामने रास्ता सामान नहीं रखने की लिए पाबंद किया गया है सूर्य कुंड से खाती चौक तक सफाई व रोशनी व्यवस्था के लिए कर्मचारी जुटे हुए हैं चिराणा सरपंच प्रियंका सैनी ने बताया कि परिक्रमा की साफ सफाई की जा रही है आने वाले बाबू झाड़ियों को कटाई की जा रही है फिर से कराने का काम शुरू कर दिया गया है।


*24 कोसीय परिक्रमा का पहला पड़ाव किरोड़ी में*

24 कोसीय परिक्रमा का पहला पड़ाव किरोड़ी धाम में होता है।जहां ठाकुर जी की पालकी के साथ चलने वाले श्रद्धालु किरोड़ी धाम में पहले पड़ाव के साथ ही धार्मिक स्थान किरोड़ी में दो जल स्रोत जिसमें एक में गरम एक ठंडा पानी आता है वहां ठाकुर जी को रात भर रखा जाता है जिसके बाद वहां से सुबह जल्दी स्नान करने के बाद ठाकुर जी की पालकी को लेकर आरती पूजा अर्चना के बाद आगे निकल जाते हैं जिसके बाद कोट बांध पर दिनभर रुकते हैं वहीं देर शाम को शाकम्भरी माता के लिए रवाना हो जाते हैं वहीं देर शाम को शाकम्भरी माता के विश्राम करते हैं और सुबह स्नान करने के बाद आगे की ओर निकल जाती है।


*किरोड़ी धाम में दो जल स्रोत*

धार्मिक स्थान किरोड़ी धाम में 24 कोसीय परिक्रमा का पहला पड़ाव किरोड़ी धाम में रहता है। जहां धार्मिक स्थान किरोड़ी में दो जल स्रोत हैं जिसमें प्रकृति के अनुसार एक कुंड में गर्म पानी रहता है वहीं दूसरे कुंड में ठंडा पानी रहता है जिसके बाद रात भर ठाकुर जी की पालकी विश्राम करने के बाद रात भर भजन संध्या होगी वही सुबह जल्द ठाकुर जी की पूजा अर्चना कर पालकी रवाना हो जाएगी जिसके बाद कोट बांध पर दिन में विश्राम रहेगा वहीं देर रात को शाकम्भरी माता के दूसरा पड़ाव रहेगा


*इन रास्तों से गुजरती है ठाकुर जी की पालकी*

पांच दिन की इस यात्रा में श्रद्धालु लोहार्गल में सूर्यकुण्ड में स्नान कर पहाड़ी पर स्थित मालकेत बाबा के दर्शन करेंगे। इसके बाद गोल्याना, चिराना, किरोड़ी, कोट शाकंभरी, नांगकुण्ड, भगोवा, टपकेश्वर महादेव, शोभावती, खाकी अखाड़ा, नीम की घाटी, डाबपनोरा, रघुनाथगढ़, खोरी कुण्ड, गोल्याना से होते हुए चौबीस कोस की परिक्रमा पूर्ण कर वापस लोहार्गल पहुंचेंगे। जिसके बाद 30 अगस्त को अमावस्या के दिन सूर्यकुण्ड में स्नान कर अपने घरों की ओर लौटेंगे।


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