झुंझुनू. रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान की ओर से फसल प्रदर्शन पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व कृषि वैज्ञानिक डॉ. हनुमान प्रसाद, विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्थान सलाहकार निरजंन सिंह, संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेन्द्र पालीवाल, कृषि समन्वयक राजकुमार यादव एवं ग्राम विकास समिति अध्यक्ष मौजूद रहे.
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परम्परागत खेती को छोड़, खेती में नई तकनीकों अपनाने पर दिया जोरइस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. हनुमान प्रसाद ने किसानों को कहा कि खेती को हमें देखना होगा कि किसानों को कम लागत, कम पानी, कम उरर्वक में अधिक उत्पादक कैसे लिया जाए. इसके बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की. उन्होंने परम्परागत खेती को छोड़ते हुए खेती की नई तकनीकों को अपनाने की बात कही और उरर्वक और किटनाशकों का प्रयोग कम करते हुए अब हमें जैविक खेती की तरफ आना होगा.
साथ ही खेती के साथ-साथ पशुपालन पर भी हमें जोर देना होगा. कार्यक्रम के दौरान किसानों को कृषि विभाग की तरफ से चलाई जा रही विभिन्न सरकारी योजनाओं और उन पर दी जाने वाली सब्सिडी के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी. साथ ही किसानों को बताया कि खेती में अब नवीनतम तकनीकीयों का समावेश करना होगा और फसल का उत्पादन प्रंसस्करण और मार्केटिंग का विशेष ध्यान रखना होगा तभी किसान को अपने उत्पाद का दोगुना मूल्य मिल सकता है. फसल चक्र को भी किसान को अपनाना होगा. फसलों के लिए विभिन्न प्रकार के लाभदायी मित्र किटों के बारे में भी जानकारी दी और उनका सरंक्षण करने की बात कही.
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घटते भूजल स्तर पर जताई चिंताकार्यक्रम में संस्थान सलाहकार निरजंन सिंह ने किसानों को नशामुक्त, खुला शौच मुक्त, प्लास्टिक मुक्त समाज बनाने की बात कहीं. जिससे समाज में आए दिन हो रही घटनाओं से छुटकारा मिल सके और एक सभ्य समाज का निर्माण हो सके. अंत में उन्होनें चिड़ावा क्षेत्र के घटते हुए भूजल स्तर पर चिंता जताते हुए अधिक से अधिक पेड़ लगाने की बात कही. कृषि समन्वयक राजकुमार यादव ने चना फसल में लगने वाले रोग और कीटों की विस्तृत जानकारी देते हुए उनके रोकथाम के बारे में बताया.