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बिजली समस्याओं को लेकर भड़के किसान, सड़क पर जाम लगाकर किया उग्र प्रदर्शन - Farmers protest in Jhunjhunu

बिजली संबंधी तमाम समस्याओं को लेकर झुंझुनू के निकटवर्ती सुलताना के पास के गांव के किसानों ने प्रदर्शन कर रोड जाम कर दी जिससे आवागमन बाधित हो गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने काफी प्रयास कर रास्ता खुलवाया.

Farmers protest in Jhunjhunu, बिजली समस्याओं पर किसानों का प्रदर्शन
किसानों ने समस्याओं को लेकर लगाया जाम
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Published : Jan 21, 2021, 10:09 PM IST

झुंझुनू. जिले के निकटवर्ती सुलताना के पास गांव के किसानों ने क्षेत्र में बिजली की विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्य मार्ग को जाम कर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने चिड़ावा रोड पर पावर हाउस के सामने एकत्र होकर धरना दिया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने काफी प्रयास कर रास्ता खुलवाया. पावर हाउस के सामने दिए गए धरने में वक्ताओं ने क्षेत्र में बिजली से जुड़ी समस्याओं प्रमुखता से उठाया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली के बिलों में मिलने वाली छूट को यह कहते हुए बंद कर दिया कि सब्सिडी की राशि खातों में भेजी जाएगी, लेकिन लंबे समय बाद भी किसानों के खातों कोई राशि नहीं भेजी जा रही.

इसके साथ ही किसानों से फ्लैट रेट के बजाय 10 गुणा तक बिलों में बढ़ोतरी कर वसूली की जा रही है. किसानों ने कहा कि घरेलू बिलों में भी लगातार बढ़ोतरी कर विद्युत विभाग की ओर से आम जनता का शोषण किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं. उन्होंने सरकार को चेताया कि जल्द ही बिजली से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं किया तो, किसान बड़ा आंदोलन करेंगे.

पढ़ें: पायलट सहित अन्य की याचिका खारिज करवाने वाली अर्जी पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए टली

रोड जाम से यातायात हुआ बाधित

किसानों ने चिड़ावा रोड पर पावर हाउस के सामने करीब तीन घंटे तक धरना दिया, जिस कारण रोड जाम हो गई. इससे वाहनों को बाइपास से निकाला गया. धरने से पहले किसानों ने पंचायत भवन के सामने से पैदल मार्च निकाला जो टेकड़ा मोड़, बस स्टैंड होते हुए धरना स्थल तक पहुंचा. उधर, धरना स्थल पर सीआई लक्ष्मीनारायण सैनी के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता भी तैनात रहा. धरने में सुलताना, चनाना, भुकाना, सोलाना, गोवला, किठाना, केहरपुरा कलां, सारी, अरड़ावता, अमरपुरा, जोडिय़ा, किशोरपुरा, पदमपुरा, महरमपुर सहित अन्य गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया.

पढ़ें: Special: वर्ष 2021 में कब और कितने लगेंगे ग्रहण, जानें किन-किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव

कर्मचारियों पर जड़े आरोप, तबादला करवाने की उठाई मांग

धरने में शामिल किसानों ने जीएसएस के कर्मचारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए. किसानों ने चिड़ावा एइएन केके डिग्रवाल और सुलताना एइएन से कर्मचारियों की शिकायत की. उन्होंने बताया कि जीएसएस के कर्मचारी उपभोक्ताओं से अभद्र व्यवहार करते हैं. नियमों के विरुद्ध उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे जाते हैं. उन्होंने जीएसएस की जेईएन दीपिका गोदारा और सभी कर्मचारियों का तबादला करवाने की भी मांग की.

किसानों ने की मुफ्त बिजली की मांग

इन सभी मांगों को लेकर किसानों ने चिड़ावा एईएन केके डिग्रवाल को ज्ञापन सौंपा जिसके माध्यम से किसानों को मुफ्त बिजली देने, घरेलू उपभोक्ताओं को तीन सौ यूनिट बिजली मुफ्त दिलवाने, वीसीआर के नाम पर वसूली बंद करने, बिजली बिलों में यूनिट चार्ज के अलावा सभी चार्ज हटवाने, बिजली के निजीकरण पर रोक लगवाने की मांग की. धरने को जिला परिषद सदस्य पंकज धनखड़, रामनिवास बाजला, पंस सदस्य उम्मेद सिंह धनखड़, मंजू देवी सुलताना, सरपंच घीसाराम चांवरिया, जेपी महला, रामकरण झाझडिय़ा आदि मौजूद थे.

झुंझुनू. जिले के निकटवर्ती सुलताना के पास गांव के किसानों ने क्षेत्र में बिजली की विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्य मार्ग को जाम कर प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने चिड़ावा रोड पर पावर हाउस के सामने एकत्र होकर धरना दिया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने काफी प्रयास कर रास्ता खुलवाया. पावर हाउस के सामने दिए गए धरने में वक्ताओं ने क्षेत्र में बिजली से जुड़ी समस्याओं प्रमुखता से उठाया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली के बिलों में मिलने वाली छूट को यह कहते हुए बंद कर दिया कि सब्सिडी की राशि खातों में भेजी जाएगी, लेकिन लंबे समय बाद भी किसानों के खातों कोई राशि नहीं भेजी जा रही.

इसके साथ ही किसानों से फ्लैट रेट के बजाय 10 गुणा तक बिलों में बढ़ोतरी कर वसूली की जा रही है. किसानों ने कहा कि घरेलू बिलों में भी लगातार बढ़ोतरी कर विद्युत विभाग की ओर से आम जनता का शोषण किया जा रहा है, जिससे उपभोक्ता परेशान हैं. उन्होंने सरकार को चेताया कि जल्द ही बिजली से जुड़ी समस्याओं का समाधान नहीं किया तो, किसान बड़ा आंदोलन करेंगे.

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रोड जाम से यातायात हुआ बाधित

किसानों ने चिड़ावा रोड पर पावर हाउस के सामने करीब तीन घंटे तक धरना दिया, जिस कारण रोड जाम हो गई. इससे वाहनों को बाइपास से निकाला गया. धरने से पहले किसानों ने पंचायत भवन के सामने से पैदल मार्च निकाला जो टेकड़ा मोड़, बस स्टैंड होते हुए धरना स्थल तक पहुंचा. उधर, धरना स्थल पर सीआई लक्ष्मीनारायण सैनी के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता भी तैनात रहा. धरने में सुलताना, चनाना, भुकाना, सोलाना, गोवला, किठाना, केहरपुरा कलां, सारी, अरड़ावता, अमरपुरा, जोडिय़ा, किशोरपुरा, पदमपुरा, महरमपुर सहित अन्य गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया.

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कर्मचारियों पर जड़े आरोप, तबादला करवाने की उठाई मांग

धरने में शामिल किसानों ने जीएसएस के कर्मचारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए. किसानों ने चिड़ावा एइएन केके डिग्रवाल और सुलताना एइएन से कर्मचारियों की शिकायत की. उन्होंने बताया कि जीएसएस के कर्मचारी उपभोक्ताओं से अभद्र व्यवहार करते हैं. नियमों के विरुद्ध उपभोक्ताओं के कनेक्शन काटे जाते हैं. उन्होंने जीएसएस की जेईएन दीपिका गोदारा और सभी कर्मचारियों का तबादला करवाने की भी मांग की.

किसानों ने की मुफ्त बिजली की मांग

इन सभी मांगों को लेकर किसानों ने चिड़ावा एईएन केके डिग्रवाल को ज्ञापन सौंपा जिसके माध्यम से किसानों को मुफ्त बिजली देने, घरेलू उपभोक्ताओं को तीन सौ यूनिट बिजली मुफ्त दिलवाने, वीसीआर के नाम पर वसूली बंद करने, बिजली बिलों में यूनिट चार्ज के अलावा सभी चार्ज हटवाने, बिजली के निजीकरण पर रोक लगवाने की मांग की. धरने को जिला परिषद सदस्य पंकज धनखड़, रामनिवास बाजला, पंस सदस्य उम्मेद सिंह धनखड़, मंजू देवी सुलताना, सरपंच घीसाराम चांवरिया, जेपी महला, रामकरण झाझडिय़ा आदि मौजूद थे.

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