झुंझुनू. ठंडे पेय पदार्थों की प्लास्टिक की बनी बोतलें क्या काम आ सकती हैं, हर कोई व्यक्ति ये कह सकता है. लेकिन यह पता लगे कि उनसे चारपाई भी बनाई जा सकती है तो निश्चित ही उसके कई तरह के फायदे होंगे. पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा, दूसरा वस्तु काम भी आ सकेगी. वहीं इसी तरह से कार चोरी आज भी पुलिस समाज के लिए एक बड़ा सरदर्द है. लेकिन यह भी उसमें कोई ऐसा सेंसर लग जाए कि वह गाड़ी टोल नाके पर जाए या पेट्रोल पंप पर फ्यूल लेने जाए और पकड़ी जाए तो निश्चित ही ये पुलिस और गाड़ी मालिक के लिए बड़ा काम करेगा.
इंस्पायर अवार्ड के तहत राजस्थान के सभी जिलों से चयनित मॉडलों की बाल वैज्ञानिकों की प्रदर्शनी जब झुंझुनू में शुरू हुई तो आने वाले विज्ञान और देश का भविष्य परिलक्षित हो रहा है. स्कूल में पढ़ने वाले ये बाल वैज्ञानिकों के इनोवेशन ही भविष्य में देश में बड़े वैज्ञानिक पैदा करेंगे तो साथ में समाज की तस्वीर भी यह नए आविष्कार बदल देंगे.
कुछ इस तरह के इनोवेशन भी आए हैं सामने
- गाड़ियों में तो आमतौर सेफ्टी फीचर के तौर पर एयर बाग लगाए जाते हैं. लेकिन एक छात्रा ने हेलमेट में एयर बैग लगाने का इनोवेशन किया है, जिससे कि दुर्घटना के दौरान गर्दन को कवर कर लेगा और इससे चोट लगने की संभावना कम हो जाएगी.
- इसी तरह से एक छात्र ने अंधे लोगों के लिए एक ऐसी छड़ी बनाई है, जिसमें व्यक्ति बाहर निकलेगा तो वह छड़ी किसी भी तरह का पत्थर या अन्य कोई दीवार होने पर पहले से ही आगाह कर देगी.
- वहीं इसी तरह से एक बाल वैज्ञानिक ने भुट्टे से मक्का निकालने की आसान विधि बनाई है, जिसमें कोई भी किसान अपने घर पर ही दाना निकाल सकता है.
- इंस्पायर अवार्ड प्रदर्शनी
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गुरुवार को समसपुर रोड की विज्डम सिटी झुंझुनू एकेडमी परिसर में शुरू हुई प्रदर्शनी में प्रदेश के 160 बाल वैज्ञानिक शामिल हुए. इनमें अकेले झुंझुनू जिले के 48 बाल वैज्ञानिक शामिल है. प्रदर्शनी का उद्घाटन सुबह 11:15 बजे हुआ. प्रदर्शनी का समापन 24 जनवरी को दोपहर 1:15 बजे होगा. इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित श्रेष्ठ 16 मॉडल बनाने वाले बच्चों को नेशनल स्तर पर आयोजित राष्ट्रीय प्रदर्शनी में शामिल होने का अवसर मिलेगा.