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झुंझुनू: बीजेपी सांसद संतोष अहलावत पर जिलाध्यक्ष का पलटवार, कहा- जीतने का श्रेय लेते हैं, तो हार पर भी सबकी जिम्मेदारी होनी चाहिए - सांसद संतोष अहलावत खबर

झुंझुनू में जिलाध्यक्ष पवन मावण्डिया पर पूर्व सांसद संतोष अहलावत के खुलकर हमले के बाद, मावण्डिया ने कहा है कि हमारी पार्टी सामूहिक नेतृत्व पर चलती है. अगर जीत की जिम्मेदारी सबकी है, तो हार की भी जिम्मेदारी सबकी होनी चाहिए. साथ ही रही बात निकाय चुनावों में हार की तो, वह राज्य सरकार के षड्यंत्र पूर्वक वार्डों का सीमांकन करने से हुआ है.

झुंझुनू जिलाध्यक्ष खबर,  jhunjhunu District Head news
सांसद संतोष अहलावत के हमले पर जिलाध्यक्ष ने दिया जवाब
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Published : Nov 28, 2019, 5:17 PM IST

झुंझुनू. भारतीय जनता पार्टी की झुंझुनू इकाई में हालात ठीक नहीं चल रहे हैं. करीब 10 माह पहले नियुक्त जिलाध्यक्ष को दो चुनाव में करारी हार के बाद जवाब देना भारी पड़ रहा है. उन पर पूर्व सांसद संतोष अहलावत के खुलकर हमले के बाद उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का नेतृत्व सामूहिक होता है. जीतने पर सबकी जिम्मेदारी है, तो हार पर भी सबकी जिम्मेदारी है. हमारी पार्टी व्यक्तिगत नेतृत्व की बात ही नहीं करती है और निकाय चुनाव तो राज्य सरकार के षड्यंत्र पूर्वक वार्डों का सीमांकन करने से हुआ है.

सांसद संतोष अहलावत के हमले पर जिलाध्यक्ष ने दिया जवाब

यहां पर पवन मावण्डिया जनवरी के अंतिम सप्ताह में जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए थे. उसके बाद पहले मंडावा विधानसभा के उपचुनाव में और बाद में हाल ही में निकाय चुनाव में पार्टी को मुंह की खानी पड़ी. मंडावा विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था. लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस ने 33000 से ज्यादा मतों से भाजपा को करारी शिकस्त देकर यह सीट छीन ली.

पढ़ें: गोडसे वाले बयान पर बोलीं प्रज्ञा- झूठ के बवंडर में छिप गई सच्चाई

वहीं पार्टी अभी इस हार को भुला भी नहीं पाई थी कि नगर निकाय चुनाव में भाजपा को झुंझुनू नगर परिषद पर 60 में से केवल 10, बिसाऊ नगर पालिका में 25 में से 5 और पिलानी में केवल 3 सीटों पर ही जीत मिली. ऐसे में पार्षद कुलदीप पूनिया ने सबसे पहले जिलाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला. इस बीच पार्टी निर्दलीयों के साथ जोड़ तोड़ कर भी तीनों जगह जब बोर्ड नहीं बना पाई, तो भाजपा के सदस्यों ने झुंझुनू नगर परिषद में क्रॉस वोटिंग कर डाली. जिसके बाद पूर्व सांसद संतोष अहलावत खुलकर सामने आ गईं. उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष का नेतृत्व कमजोर है, वहीं जिलाध्यक्ष इस पर सामूहिक जिम्मेदारी की बात कर रहे हैं.

झुंझुनू. भारतीय जनता पार्टी की झुंझुनू इकाई में हालात ठीक नहीं चल रहे हैं. करीब 10 माह पहले नियुक्त जिलाध्यक्ष को दो चुनाव में करारी हार के बाद जवाब देना भारी पड़ रहा है. उन पर पूर्व सांसद संतोष अहलावत के खुलकर हमले के बाद उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का नेतृत्व सामूहिक होता है. जीतने पर सबकी जिम्मेदारी है, तो हार पर भी सबकी जिम्मेदारी है. हमारी पार्टी व्यक्तिगत नेतृत्व की बात ही नहीं करती है और निकाय चुनाव तो राज्य सरकार के षड्यंत्र पूर्वक वार्डों का सीमांकन करने से हुआ है.

सांसद संतोष अहलावत के हमले पर जिलाध्यक्ष ने दिया जवाब

यहां पर पवन मावण्डिया जनवरी के अंतिम सप्ताह में जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए थे. उसके बाद पहले मंडावा विधानसभा के उपचुनाव में और बाद में हाल ही में निकाय चुनाव में पार्टी को मुंह की खानी पड़ी. मंडावा विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था. लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस ने 33000 से ज्यादा मतों से भाजपा को करारी शिकस्त देकर यह सीट छीन ली.

पढ़ें: गोडसे वाले बयान पर बोलीं प्रज्ञा- झूठ के बवंडर में छिप गई सच्चाई

वहीं पार्टी अभी इस हार को भुला भी नहीं पाई थी कि नगर निकाय चुनाव में भाजपा को झुंझुनू नगर परिषद पर 60 में से केवल 10, बिसाऊ नगर पालिका में 25 में से 5 और पिलानी में केवल 3 सीटों पर ही जीत मिली. ऐसे में पार्षद कुलदीप पूनिया ने सबसे पहले जिलाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला. इस बीच पार्टी निर्दलीयों के साथ जोड़ तोड़ कर भी तीनों जगह जब बोर्ड नहीं बना पाई, तो भाजपा के सदस्यों ने झुंझुनू नगर परिषद में क्रॉस वोटिंग कर डाली. जिसके बाद पूर्व सांसद संतोष अहलावत खुलकर सामने आ गईं. उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष का नेतृत्व कमजोर है, वहीं जिलाध्यक्ष इस पर सामूहिक जिम्मेदारी की बात कर रहे हैं.

Intro:कहते हैं कि जब जीत होती है तो सब श्रेय लेना चाहते हैं लेकिन हार की जिम्मेदारी कोई नहीं लेना चाहता। झुंझुनू की भाजपा जिला इकाई में भी यही हो रहा है और अब आपस में आरोप-प्रत्यारोप के दौर चल रहे हैं।


Body:झुंझुनू। भारतीय जनता पार्टी की झुंझुनू इकाई में हालात ठीक नहीं चल रहे हैं और करीब 10 माह पहले नियुक्त जिलाध्यक्ष दो चुनाव में करारी हार के बाद जवाब देना भारी पड़ रहा है। उन पर पूर्व सांसद संतोष अहलावत के खुलकर हमले के बाद उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का नेतृत्व है सामूहिक होता है जीतने पर सबकी जिम्मेदारी है तो हार पर भी सबकी जिम्मेदारी है। हमारी पार्टी व्यक्तिगत नेतृत्व की बात ही नहीं करती है और निकाय चुनाव तो राज्य सरकार के षड्यंत्र पूर्वक वार्डों का सीमांकन करने से हुआ है।

जनवरी में बने थे अध्यक्ष
यहां पर पवन मावण्डिया जनवरी के अंतिम सप्ताह में जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए थे और उसके बाद पहले मंडावा विधानसभा के उपचुनाव में व बाद में हाल ही में निकाय चुनाव में पार्टी को मुंह की खानी पड़ी। मंडावा विधानसभा पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा था लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस ने 33000 से ज्यादा मतों से भाजपा को करारी शिकस्त देकर यह सीट छीन ली गई पार्टी अभी इस हार को भुला भी नहीं पाई थी कि नगर निकाय चुनाव में भाजपा को झुंझुनू नगर परिषद पर 60 में से केवल 10, बिसाऊ नगर पालिका में 25 में से 5 व पिलानी में केवल 3 सीटें ही जीत पाई। ऐसे में पार्षद कुलदीप पूनिया ने सबसे पहले जिलाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला इस बीच पार्टी निर्दलीयों के साथ जोड़ तोड़ कर भी तीनों जगह जब बोर्ड नहीं बना पाई भाजपा के सदस्यों ने झुंझुनू नगर परिषद में क्रॉस वोटिंग कर डाली तो पूर्व सांसद संतोष अहलावत खुलकर सामने आ गई, उन्होंने कहा कि जिलाध्यक्ष का नेतृत्व कमजोर है वही जिलाध्यक्ष इस पर सामूहिक जिम्मेदारी की बात कर रहे हैं।

बाइट पवन मावण्डिया, जिला अध्यक्ष, भाजपा

इसमें पूर्व सांसद संतोष अहलावत के जिलाध्यक्ष पर सवाल उठाने की बाइट राजस्थान डेस्क पर मेल से भेजी गई है चाहे तो उसे भी काम में ले सकते हैं।


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