झुंझुनूं. लोकसभा सीट के लिए बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी विनोद सिंह निर्वाण ने भी अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. इसमें गौर करने वाली बात यह है झुंझुनू में गत तीन विधानसभा चुनाव में एक या दो प्रत्याशी हमेशा विधायक बने हैं, लेकिन इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी जमानत भी नहीं बचा पाता है. इस बार के नामांकन में भी विनोद सिंह निर्वाण ने जब नामांकन किया तो उनके साथ बसपा विधायक राजेंद्र सिंह गुड्डा शामिल नहीं थे. बसपा प्रत्याशी विनोद सिंह निर्वाण ने नामांकन के बाद भाजपा पर हमला बोला लेकिन कांग्रेस का कहीं नाम नहीं लिया.
इस बार भी जीते हैं बसपा विधायक:
झुंझुनू जिले से 2008 के विधानसभा चुनाव में बसपा के बैनर पर नवलगढ़ से राजकुमार शर्मा व उदयपुरवाटी से राजेंद्र सिंह गुड्डा चुनाव जीते थे. इसके बाद 2013 के चुनाव में खेतड़ी से बसपा के टिकट पर पूर्ण मल सैनी विधायक बने. इस बार के 2018 के विधानसभा चुनाव में भी उदयपुरवाटी से राजेंद्र सिंह गुड्डा बसपा के बैनर पर ही चुनाव जीते हैं.
हालांकि इनमें से कोई भी बसपा प्रत्याशी के साथ नजर नहीं आया. राजकुमार शर्मा तो बसपा का दामन छोड़कर कांग्रेस के साथ जा चुके हैं. वहीं पूरणमल सैनी भी इस बार के विधानसभा चुनाव में बसपा से चुनाव लड़े थे लेकिन वे जीत नहीं पाए थे, राजेंद्र सिंह गुड्डा इस समय सीकर में चल रहे आंदोलन में व्यस्त हैं.
हर विधानसभा में है जनाधार:
बसपा के बैनर पर ना केवल झुंझुनू से विधायक जीते रहे हैं बल्कि हर विधानसभा में पार्टी का जनाधार भी है. हर विधानसभा में बसपा से चुनाव लड़ने वाले भले ही जीत नहीं पाते हो लेकिन दूसरे प्रत्याशी की हार जीत यह जरूर तय करते हैं. ऐसे में जिले में बसपा का अच्छा खासा जनाधार होने के बावजूद हर बार लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी की जमानत जब्त हो जाती है. माना जाता है कि पार्टी का प्रत्याशी जीतने की स्थिति में नहीं होने की वजह से बसपा का कोर वोटर समर्थन नहीं करता है और वह अन्य दलों के साथ चला जाता है.