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नगर परिषद चुनाव में बीएलओ की लापरवाही...एक ही परिवार के सदस्यों के नाम जोड़ दिए अलग-अलग वार्ड में

झुंझुनू में अब एक परिवार के लोग चाहकर भी एक जगह वोट नहीं दे सकते हैं. उनको ना सिर्फ अलग-अलग वार्ड में जाकर वोट देना होगा, बल्कि चुनाव परिणाम के बाद उनके पार्षद भी अलग-अलग वार्ड में होंगे. यह समस्या बीएलओ की लापरवाही के कारण सामने आई है, जहां बीएलओ ने परिवार के सदस्यों के अलग-अलग जगह वोट कर दिए हैं. ऐसे में लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.

झुंझुनू न्यूज, jhunjhunu news
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Published : Nov 15, 2019, 11:14 PM IST

झुंझुनू. जिला नगर परिषद में आगामी 16 को चुनाव होने वाले हैं लेकिन, अभी तक मतदाताओं को लेकर कई खामियां सामने आ रही है. मतदान की तैयारियों के बीच बीएलओ की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है.

जल्दबाजी में खींची गई राजनीतिक रेखाएं

जिसमें एक घर में रह रहे पति पत्नी को अलग-अलग वार्ड में वोट देने पड़ेंगे, यानी पति को यदि काम हुआ तो वह अलग पार्षद के पास जाएगा और पत्नी को अलग जगह जाना पड़ेगा. यह केवल पति-पत्नी के मामले में ही नहीं हुआ है, बल्कि भाई-बहन, माता-पिता के भी एक ही घर में रहने के बाद भी अलग-अलग वार्ड में वोट होने सामने आया है.

क्या है समस्या
दरअसल यह समस्या वार्डों का सही विभाजन नहीं करने के कारण उत्पन्न हुई है. जहां बीएलओ ने अपने घर में ही बैठकर वार्ड विभाजन कर दिया. उसपर भी उन्होंने बिना भौतिक सत्यापन किए ही भाग संख्या के आधार पर वार्ड का विभाजन कर दिया.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: भरतपुर की ये पार्षद उम्मीदवार अनोखे तरीके से मांग रही वोट..किसी के साथ रोटियां तो किसी के साथ बनवाई सब्जी

ऐसे में यदि परिवार के किसी सदस्य का भाग संख्या अलग था, तो उसका वार्ड भी बदल गया. जबकि होना यह चाहिए था कि घर के हिसाब से भौतिक सत्यापन किया जाना जरूरी था. यह बीएलओ की लापरवाही कही जाएगी कि उन्होंने भाग संख्या के आधार पर वार्ड विभाजन किया. लेकिन, इसका सारा खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है.

स्थानीय लोग परेशान

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बीएलओ की लापरवाही कही जाएगी कि एक ही परिवार के सदस्यों का नाम अलग-अलग वार्ड में आ रहा है. इससे हमें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं जनसंपर्क में भी परेशानी आ रही है.

मांगी गई थी आपत्तियां

हालांकि, वोटिंग लिस्ट बनने से पहले मतदाताओं से आपत्तियां मांगी गई थी. लेकिन, उस समय किसी ने ध्यान नहीं दिया और इसमें किसी को यह अंदेशा भी नहीं था कि बीएलओ इस तरह की गड़बड़ी करेगा कि एक ही परिवार के सदस्य को अलग-अलग जगह वोट देना होगा. ऐसे में किसी के द्वारा इस मामले में कोई आपत्ति नहीं दी गई.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: उदयपुर के 'छोगालाल' वोटरों को लुभाने के लिए कर रहे नाना प्रकार के करतब, वीडियो भी खूब हो रहा वायरल

वहीं समय रहते आपत्ति नहीं देने पर मतदाता सूची का फाइनल प्रकाशन भी हो गया. समय बीत जाने के कारण अब मतदाता सूची में किसी तरह का संशोधन होना भी संभव नहीं है. बता दें कि अब आचार संहिता खत्म होने के बाद ही इसमें संशोधन किया जा सकेगा.

जिला निर्वाचन अधिकारी ने किया सुधार से इंकार

वहीं दूसरी ओर जब जिला निर्वाचन अधिकारी से इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि अब मतदाता सूची में किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता है. अभी जो लिस्ट तैयार हुई है उसे बदला नहीं जा सकता है, इस बार तो इस मतदान सूची के हिसाब से ही मतदान कराना होगा.

झुंझुनू. जिला नगर परिषद में आगामी 16 को चुनाव होने वाले हैं लेकिन, अभी तक मतदाताओं को लेकर कई खामियां सामने आ रही है. मतदान की तैयारियों के बीच बीएलओ की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है.

जल्दबाजी में खींची गई राजनीतिक रेखाएं

जिसमें एक घर में रह रहे पति पत्नी को अलग-अलग वार्ड में वोट देने पड़ेंगे, यानी पति को यदि काम हुआ तो वह अलग पार्षद के पास जाएगा और पत्नी को अलग जगह जाना पड़ेगा. यह केवल पति-पत्नी के मामले में ही नहीं हुआ है, बल्कि भाई-बहन, माता-पिता के भी एक ही घर में रहने के बाद भी अलग-अलग वार्ड में वोट होने सामने आया है.

क्या है समस्या
दरअसल यह समस्या वार्डों का सही विभाजन नहीं करने के कारण उत्पन्न हुई है. जहां बीएलओ ने अपने घर में ही बैठकर वार्ड विभाजन कर दिया. उसपर भी उन्होंने बिना भौतिक सत्यापन किए ही भाग संख्या के आधार पर वार्ड का विभाजन कर दिया.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: भरतपुर की ये पार्षद उम्मीदवार अनोखे तरीके से मांग रही वोट..किसी के साथ रोटियां तो किसी के साथ बनवाई सब्जी

ऐसे में यदि परिवार के किसी सदस्य का भाग संख्या अलग था, तो उसका वार्ड भी बदल गया. जबकि होना यह चाहिए था कि घर के हिसाब से भौतिक सत्यापन किया जाना जरूरी था. यह बीएलओ की लापरवाही कही जाएगी कि उन्होंने भाग संख्या के आधार पर वार्ड विभाजन किया. लेकिन, इसका सारा खामियाजा लोगों को उठाना पड़ रहा है.

स्थानीय लोग परेशान

वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बीएलओ की लापरवाही कही जाएगी कि एक ही परिवार के सदस्यों का नाम अलग-अलग वार्ड में आ रहा है. इससे हमें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं जनसंपर्क में भी परेशानी आ रही है.

मांगी गई थी आपत्तियां

हालांकि, वोटिंग लिस्ट बनने से पहले मतदाताओं से आपत्तियां मांगी गई थी. लेकिन, उस समय किसी ने ध्यान नहीं दिया और इसमें किसी को यह अंदेशा भी नहीं था कि बीएलओ इस तरह की गड़बड़ी करेगा कि एक ही परिवार के सदस्य को अलग-अलग जगह वोट देना होगा. ऐसे में किसी के द्वारा इस मामले में कोई आपत्ति नहीं दी गई.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: उदयपुर के 'छोगालाल' वोटरों को लुभाने के लिए कर रहे नाना प्रकार के करतब, वीडियो भी खूब हो रहा वायरल

वहीं समय रहते आपत्ति नहीं देने पर मतदाता सूची का फाइनल प्रकाशन भी हो गया. समय बीत जाने के कारण अब मतदाता सूची में किसी तरह का संशोधन होना भी संभव नहीं है. बता दें कि अब आचार संहिता खत्म होने के बाद ही इसमें संशोधन किया जा सकेगा.

जिला निर्वाचन अधिकारी ने किया सुधार से इंकार

वहीं दूसरी ओर जब जिला निर्वाचन अधिकारी से इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि अब मतदाता सूची में किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता है. अभी जो लिस्ट तैयार हुई है उसे बदला नहीं जा सकता है, इस बार तो इस मतदान सूची के हिसाब से ही मतदान कराना होगा.

Intro:झुंझुनू में अब घर के लोग चाहकर भी एक जगह वोट नहीं दे सकते हैं और बीएलओ ने एक घर में रहने के बाद भी अलग-अलग जगह वोट कर दिए हैं। ऐसे में उन्हें मजबूरी में अलग-अलग जगहों पर व अलग-अलग लोगों को मतदान करना होगा।


Body:झुंझुनू। झुंझुनू नगर परिषद में चुनाव होने वाले हैं और इस बीच बीएलओ की ऐसी कारस्तानी सामने आई है कि पति पत्नी के एक ही घर में रहने के बावजूद अलग-अलग वार्ड में वोट देने पड़ेंगे। यानी पति को यदि काम हुआ तो वह अलग पार्षद के पास जाएगा और पत्नी को अलग जगह जाना पड़ेगा यह केवल पति पत्नी के मामले में ही नहीं हुआ है बल्कि भाई-बहन, माता-पिता के भी एक ही घर में रहने के बाद भी अलग-अलग वार्ड में वोट होने सामने आया है। वहीं दूसरी ओर जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि अभी इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है इस बार तो इस मतदान सूची के हिसाब से ही मतदान करना होगा।

इस तरह से हुई गलती

दरअसल यह बीएलओ के घर पर ही बैठकर वार्ड विभाजन की वजह से सामने आया है उन्होंने बिना भौतिक सत्यापन किए ही भाग संख्या के आधार पर वार्ड का विभाजन कर दिया। ऐसे में यदि परिवार के किसी सदस्य का भाग संख्या अलग था तो उसका वार्ड भी बदल गया जबकि होना यह चाहिए था कि घर के हिसाब से भौतिक सत्यापन किया जाना जरूरी था।

मांगी गई थी आपत्तियां
हालांकि यह भी सत्य है कि पहले आपत्तियां मांगी गई थी लेकिन उस समय किसी ने ध्यान नहीं दिया इसमें किसी को यह अंदेशा भी नहीं था कि बीएलओ इस तरह की गड़बड़ी करेगा कि पति-पत्नी का वोट अलग-अलग जगह हो जाएगा। ऐसे में किसी ने इस मामले में आपत्ति भी नहीं दी गई समय रहते किसी ने आपत्ति नहीं दी तो मतदाता सूची का फाइनल प्रकाशन भी हो गया और अब इसका समाधान भी नहीं रह गया है। समय बीत जाने के कारण इसमें किसी तरह का संशोधन होना भी संभव नहीं है और अब जब आचार संहिता खत्म होने के बाद भी इसमें संशोधन किया जा सकेगा।

बाइट 1 दीनदयाल सैनी शहरवासी

बाइट 2 भावेश कुमार मतदाता

बाइट 3 रामसिंह मतदाता




बाइट रवि जैन जिला निर्वाचन अधिकारी


Conclusion:
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