झुंझुनू. राजस्थान प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा पास करने वाली प्रतिभाशाली प्रतिभा नेत्रहीन है. जिन्होंने आंखों की रोशनी गंवाने के बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी. वह नोट्स की ऑडियो सुनकर तैयारी करती रही. इसका नतीजा यह निकला कि उन्होंने हाल ही में जारी आरएएस मुख्य परीक्षा के परिणाम में सफलता हासिल की.
यह कहानी है सामान्य से स्पेशल होने की
29 वर्षीय प्रतिभा की जिंदगी साल 2011 तक आम लोगों की तरह सामान्य ही थी. उस दौरान प्रतिभा एमए (प्रीवियस) की परीक्षा दे रही थी. तभी अचानक उनकी आंखों की रोशनी चली गई, जिससे वह और उनके परिजन हताश हो गए. उन्होंने आंखों के इलाज के लिए दिल्ली एम्स से लेकर अमेरिका तक संपर्क साधा. लेकिन हर जगह से सिर्फ निराशा ही हाथ लगी.
चिकित्सकों का कहना था कि प्रतिभा की आंखों की रोशनी रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा बीमारी के कारण चली गई है, जिसका इलाज संभव नहीं है. घर के सभी सदस्य इस बात को सुनकर हताश हो गए. लेकिन प्रतिभा ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई जारी रखी. इस दौरान साल 2017 में उसने बीएड में प्रवेश लिया, पिछले साल पूरा भी हो गया.
प्रतिदिन 18 से 20 घंटे की तैयारी
प्रतिभा ने प्रतिदिन 18 से 20 घंटे तक अध्ययन किया. इस बीच उसकी दोस्त श्रद्धा पंसारी ने भी उसका खूब सहयोग दिया और चिड़ावा के राजेश शर्मा के सहयोग से नोट्स का ऑडियो बनाकर दिया. जिसने उसे आरएएस परीक्षा के लिए काबिल बना दिया. इस दौरान जब कोई प्रतिभा से वह सवाल पूछता तो वह बोलकर उसका जवाब देती.
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बता दें कि प्रतिभा के पिता एक व्यापारी है, जिनका नाम सुरेंद्र अग्रवाल है. वहीं, प्रतिभा की माता एक गृहणी है, जिनका नाम सरला देवी हैं. प्रतिभा शुरू से ही पढ़ाई में अव्वल रही है. उसने 10वीं में 70 प्रतिशत, 12वीं में 76 प्रतिशत अंक हासिल किए. साथ ही बीए की परीक्षा भी उसने प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की थी. जानकारी के मुताबिक प्रतिभा को महज परछाई ही दिखती है.