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झुंझुनू : जैव विविधता के लिए NGT सख्त, जिले में भी इस हफ्ते गठित होंगी समितियां

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Published : Feb 9, 2020, 12:00 PM IST

NGT यानि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों पर झुंझुनू की सभी ग्राम पंचायत समिति और जिला परिषद में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों की जैवविविधता समितियों का गठन होगा. ये समितियां भौतिक विकास को स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों के साथ जोड़कर, स्थानीय वनस्पति के समुचित उपयोग के लिए काम करेंगी.

जैव विविधता समितियों का गठन, Biodiversity Committees formed
जैव विविधता समितियों का गठन

झुंझुनू. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के तहत जिले की 301 ग्राम पंचायतों, 8 पंचायत समिति और जिला परिषद सहित कुल 310 जैवविविधता समितियां बनाई जाएंगी. जो इसी सप्ताह बन जाएंगी. प्रत्येक समिति में अध्यक्ष सहित 7 सदस्य होंगे. जिनमें 2 महिला और 1 अनुसूचित जाति या जनजाति का सदस्य होगा.

NGT के निर्देश पर जैव विविधता समितियों का गठन

इस प्रकार इन समितियों में जिले के 2170 लोगों को प्रतिनिधित्व मिलेगा. यह समिति स्थानीय बागवानी, वनस्पति, विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से वनस्पतियों के औषधीय उपयोग के परंपरागत ज्ञान का संग्रहण करेंगी.

पढ़ें: Special : फूलों की रंगत देखकर खिल उठे मायूस चेहरे...

राज्य सरकार ने इन समितियों के गठन और प्रशिक्षण के लिए प्रथम दौर में जिले को 16 लाख का अनुदान दिया है. जिनमें से कुछ सदस्य राज्य स्तरीय जैव विविधता बोर्ड में प्रतिनिधित्व के लिए चुने जाएंगे. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट को इन समितियों का प्रभारी और मार्गदर्शक नियुक्त किया गया है.

झुंझुनू. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के तहत जिले की 301 ग्राम पंचायतों, 8 पंचायत समिति और जिला परिषद सहित कुल 310 जैवविविधता समितियां बनाई जाएंगी. जो इसी सप्ताह बन जाएंगी. प्रत्येक समिति में अध्यक्ष सहित 7 सदस्य होंगे. जिनमें 2 महिला और 1 अनुसूचित जाति या जनजाति का सदस्य होगा.

NGT के निर्देश पर जैव विविधता समितियों का गठन

इस प्रकार इन समितियों में जिले के 2170 लोगों को प्रतिनिधित्व मिलेगा. यह समिति स्थानीय बागवानी, वनस्पति, विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से वनस्पतियों के औषधीय उपयोग के परंपरागत ज्ञान का संग्रहण करेंगी.

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राज्य सरकार ने इन समितियों के गठन और प्रशिक्षण के लिए प्रथम दौर में जिले को 16 लाख का अनुदान दिया है. जिनमें से कुछ सदस्य राज्य स्तरीय जैव विविधता बोर्ड में प्रतिनिधित्व के लिए चुने जाएंगे. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट को इन समितियों का प्रभारी और मार्गदर्शक नियुक्त किया गया है.

Intro:नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों की पालना में जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत पंचायत समिति तथा जिला परिषद में स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा विशेषज्ञों की जैवविविधता समितियों का गठन इसी सप्ताह में पूर्ण किया जा रहा है। भौतिक विकास को स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों के साथ जोड़कर स्थानीय वनस्पति के समुचित उपयोग के लिए ट्रिब्यूनल में राज्य सरकारों को त्वरित गति से जैव विविधता समितियों के गठन के आदेश दिए हैं।


Body:झुंझुनू। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के तहत जिले की 301 ग्राम पंचायतों 8 पंचायत समिति व जिला परिषद सहित कुल 310 समितियां बनाई जाएंगी। प्रत्येक समिति में अध्यक्ष सहित 7 सदस्य होंगे जिनमें 2 महिला तथा 1 अनुसूचित जाति या जनजाति का सदस्य होंगे। इस प्रकार इन समितियों में जिले के 2170 लोगों को इन समितियों में प्रतिनिधित्व मिलेगा। यह समिति स्थानीय बागवानी, वनस्पति, विशेषज्ञ एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के सहयोग से वनस्पतियों के औषधीय उपयोग के परंपरागत ज्ञान का संग्रहण करेंगे।

प्रशिक्षण के लिए मिला 16 लाख का अनुदान
राज्य सरकार ने इन समितियों के गठन तथा प्रशिक्षण के लिए प्रथम दौर मे जिले को 16 लाख का अनुदान दिया है । जिनमें से कुछ सदस्य राज्य स्तरीय जैव विविधता बोर्ड में प्रतिनिधित्व के लिए चुने जाएंगे। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रामनिवास जाट को इन समितियों का प्रभारी एवं मार्गदर्शक नियुक्त किया गया है।


बाइट रामनिवास जाट मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद


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