झुंझुनू. सब कुछ उम्मीद के अनुसार रहा तो बिना मेडिकल कॉलेज के 2 साल का पीजी डिप्लोमा कराने वाला झुंझुनू प्रदेश का पहला जिला बन जाएगा. इसमें प्रदेश के डॉक्टरों के लिए राजकीय बीडीके अस्पताल में ही 6 कैटेगरी सुपर स्पेशलिटी डिप्लोमा कोर्स शुरू हो जाएगा. इससे पीजी कोर्स में प्रवेश नहीं मिलने वाले चिकित्सक 2 साल का डिप्लोमा कोर्स कर सकेंगे. इसके लिए एनबीई ने 9 सितंबर को बीडीके अस्पताल का चयन भी कर लिया है, लेकिन इसमें अभी चिकित्सा विभाग और राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है.
नियामक संस्था ने किया है चयन...
चिकित्सकों के लिए परीक्षा आयोजित कराने वाली नियामक संस्था नेशनल बोर्ड ऑफ एजुकेशन में पीजी डिग्री के बराबर होने वाले 2 साल के डिप्लोमा कोर्स के लिए झुंझुनू के बीडीके अस्पताल का चयन किया है. इसके लिए एनबीई का मंजूरी का पत्र भी बीडीके अस्पताल को मिल गया है. जिसके बाद ये कोर्स बीडीके अस्पताल में शुरू करने के लिए पीएमओ डॉ. शुभकरण कालेर ने राज्य सरकार और चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पत्र भेजा है. वहां से मंजूरी मिलने के बाद यहां पर डिप्लोमा कोर्स शुरू हो जाएगा.
एमबीबीएस कर चुके छात्रों को मिलेगा फायदा...
बीडीके अस्पताल में डिप्लोमा कोर्स में पीजी में सेलेक्ट नहीं होने वाले एमबीबीएस चिकित्सकों को इसका लाभ मिल सकता है. पीएमओ डॉ. शुभकरण कालेर ने बताया कि, इस कोर्स के शुरू होने के बाद 2 साल के डिप्लोमा में सरकारी और गैर सरकारी दोनों चिकित्सक प्रवेश ले सकते हैं. डिप्लोमा कोर्स पूरी तरह से पीजी की तरह ही होगा. इसके लिए एनबीई की तय फीस उनको जमा करानी होगी. इसके लिए हर सेमेस्टर की परीक्षा भी एनबीई ही आयोजित करेगा.
ये भी पढ़ेंः झुंझुनू: माता-पिता को डंडे से पीटने वाला प्रधानाध्यापक निलंबित
6 कैटेगरी में होगा डिप्लोमा कोर्स, रहेंगी 34 सीटें...
एनबीई की तरफ से 6 कैटेगरी में पीजी डिप्लोमा कराने की मंजूरी दी गई है. जिसके बाद यहां महिला रोग व प्रसूति, ईएनटी, निश्चेतन, शिशु रोग, नेत्र रोग और मेडिसिन में पीजी डिप्लोमा हो सकेगा. इनके लिए 34 सीटें मिलेंगी. इसमें महिला रोग व प्रसूति विशेषज्ञ और शिशु रोग विशेषज्ञ की 6-6, निश्चेतन विशेषज्ञ और नेत्र रोग विशेषज्ञ की 5-5, मेडिसिन विशेषज्ञ और ईएनटी विशेषज्ञ की 6-6 सीटें मिलेंगी.