झुंझुनू. जिले में जबसे सुपर स्प्रेडर के सैंपल लेने शुरू किए गए हैं, तब से औसत 1000 से ज्यादा सैंपल लिए जा रहे हैं. जिले में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस संक्रमण के कारण अब अस्पताल प्रशासन के सामने रोजाना बड़ी संख्या में सैंपलिंग कर जांच रिपोर्ट तैयार करना चुनौती बनने लगा है. संक्रमित लोगों की संख्या रोजाना बढ़ने लगी है, जबकि बीडीके अस्पताल की कोरोना टेस्टिंग लैब में तीन मशीनों से सैंपल्स की टेस्टिंग कर कोरोना पॉजिटिव और नेगेटिव की जांच करने में समस्या उत्पन्न होने लगी है.
चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को मशीनों में पुल के हिसाब से सैंपल्स की जांच करनी पड़ रही है और एक सैंपल की जगह 5-5 सैंपल एक ही खांचे में लगाने पड़ रही है. ऐसे में चिकित्सकों के सामने रिस्क फैक्टर होता है कि अगर पांचों सैंपल में एक की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो फिर से सभी सैंपल को दोबारा जांचना पड़ता है. ऐसे में अस्पताल प्रशासन की लैब के लिए और मशीनों की जरूरत है.
जर्मनी और यूएसए से आई तीन मशीनों से जांच...
बीडीके अस्पताल में फिलहाल तीन मशीनों से कोरोना वायरस की टेस्टिंग की जा रही है, जिसमें बायोसेफ्टी कैबिनेट, ऑटोमेटेड आरएनए एक्सटेंशन और आरटीपीसीआर-सीआर मशीन शामिल हैं. ये तीनों मशीनें जर्मनी और यूएसए से आई हुई हैं. इनमें ऑटोमेटेड आरएनए एक्सटेंशन मशीन तो केवल झुंझुनूं जिले और जयपुर एसएमएस के पास ही बताई जा रही है. इसके अलावा जांच से जुड़े कई अन्य उपकरण भी बीडीके अस्पताल की लैब में उपलब्ध बताए जा रहे हैं.
औसत एक हजार सैंपल्स की टेस्टिंग...
झुंझुनूं जिले में तेजी से फैल रहे संक्रमण के चलते बीडीके अस्पताल प्रशासन को रोजाना औसतन एक हजार लोगों की सैंपलिंग टेस्ट कर जांच रिपोर्ट तैयार करनी पड़ती है, जबकि इनमें आरटीपीसीआर-सीआर मशीन की एक बार में 96 सैंपल्स की टेस्ट करने की क्षमता है. इसके चलते मजबूरीवश चिकित्सकों को पुल के हिसाब से सैंपल्स की जांच करनी पड़ रही है और तय समय से कई गुना कार्य करना पड़ रहा है.
अस्पताल प्रशासन की मानें तो लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते मशीनों की डिमांड और भेजनी पड़ी. अस्पताल की ओर से दो आरटीपीसीआर-सीआर मशीनों की डिमांड भेजी बताई है, जिसमें एक मशीन जल्द मिलने की संभावना है.