झुंझुनू. राजस्थान की दो विधानसभा सीटों पर उप चुनाव प्रचार के बीच केंद्रीय संसदीय राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. बातचीत के दौरान प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार को मेघवाल ने बैड गवर्नेंस वाली सरकार करार दिया. उन्होंने कहा कि जनता के बीच सरकार की कमजोर छवि के कारण उपचुनाव के परिणाम भारतीय जनता पार्टी के हक में होंगे.
अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार के किए वादों को जनता ने याद रखा है और अब यह वादे ही सरकार के गले की फांस बन चुके हैं. वहीं, बीते दिनों प्रदेश सरकार के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल के अनुसूचित जाति के वोट बैंक पर दावे को मेघवाल ने सिरे से खारिज किया. मेघवाल ने कहा कि एससी का वोटर अब समझदार हो चुका है और उसे इस बात का एहसास है कि कौन सी पार्टी उनके कल्याण के लिए काम कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रकार एक समाज की ठेकेदारी करने का दावा करने वाली कांग्रेस बाबा भीमराव अंबेडकर के विचारों के खिलाफ है.
मीसा बंदियों के पेंशन बंद करने के मुद्दे पर भी बोले मेघवाल...
जब ईटीवी भारत के संवाददाता अश्विनी पारीक ने मीसा बंदियों के पेंशन बंद करने के मसले पर मंत्री मेघवाल की राय जाननी चाही तो उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार को अपने फैसले पर रोलबैक करना होगा. मेघवाल ने कहा कि मीसाबंदी आखिर वे लोग थे जिन्होंने इंदिरा गांधी के समय लगी इमरजेंसी को नकारा था. उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए जेल में जाना स्वीकार किया. इसलिए गहलोत सरकार ने उनकी पेंशन बंद कर जो फैसला किया है वह पूरी तरह से गलत है.
मंडावा विधानसभा क्षेत्र के भोजासर गांव में सभा के बाद बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री मेघवाल ने बताया कि भाजपा ने स्थानीय प्रत्याशी सुशीला सींगड़ा को जिताने के लिए एकजुट होकर प्रयास किया है और झुंझुनू सांसद नरेंद्र कुमार भी इस चुनाव में अपना पूरा दमखम लगा चुके हैं. स्थानीय प्रत्याशी सुशीला और सांसद के बीच टिकट बंटवारे पर गतिरोध को मेघवाल ने नकार दिया. उन्होंने खींवसर के साथ-साथ मंडावा सीट पर भी कमल खिलाने का दावा किया.
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गुड गवर्नेंस का दावा करने वाली सरकार बैड गवर्नेंस में हुई तब्दील...
मंत्री मेघवाल ने कहा कि प्रदेश में पिछले 9 से 10 महीने के बीच कांग्रेस की सरकार रही है और यह सरकार गुड गवर्नेंस के दावे पर सत्ता में आई थी. लेकिन अब यह बैड गवर्नेंस वाली सरकार के रूप में तब्दील हो चुकी है.
उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब सत्ता के दो भाग बन जाते हैं तो फिर गुड गवर्नेंस जैसी कोई चीज नहीं रह जाती है. क्योंकि जो सरकार खुद अस्थिर हो वो गुड गवर्नेंस नहीं दे सकती.