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झुंझुनू: AAP कार्यकर्ताओं ने सुनवाई के अधिकार अधिनियम को लागू करने को लेकर सौंपा ज्ञापन

झुंझुनू में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर सुनवाई के अधिकार अधिनियम को लागू करने की मांग की. इस दौरान जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.

कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, Jhunjhunu News
झुंझुनू में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
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Published : Aug 14, 2020, 2:59 AM IST

झुंझुनू. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए सुनवाई का अधिकार अधिनियम वास्तविक रूप से जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई है. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसके लागू होने से आम जनता को फायदा मिलेगा.

झुंझुनू में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

पढ़ें: अजमेर: संविदा नर्सिंगकर्मियों ने पूर्व शिक्षा मंत्री नसीम अख्तर से की मुलाकात, मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

इस दौरान आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष शुभकरण सिंह महला ने बताया कि साल 2012 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुनवाई के अधिकार अधिनियम कानून पास किया था, जिसको अभी तक लागू नहीं किया गया है. इस अधिनियम के तहत गवर्नमेंट ऑफिस में सभी कर्मचारियों को आम लोगों की परेशानी सुननी होगी और उनकी समस्याओं का समाधान करना होगा. लेकिन, राजस्थान में हर गवर्नमेंट ऑफिस में भ्रष्टाचार का माहौल है. बिना पैसे कोई अधिकारी काम नहीं कर रहा है.

पढ़ें: जोधपुर में यहां खुलेंगे 4 मेडिकल हाउस, सस्ती Generic दवाइयां होंगी उपलब्ध

जिलाध्यक्ष शुभकरण सिंह महला ने कहा कि आम लोगों को अपना काम करवाने के लिए सरकारी कर्मचारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, फिर भी काम होता नहीं है. जब तक अधिकारी को पैसे नहीं मिलते हैं, तब तक लोगों का काम नहीं होता हैं. इसी को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि जिस भी गवर्नमेंट ऑफिस में भ्रष्टाचार चल रहा है, उन पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए.

इन मांगों को लेकर दिया गया ज्ञापन

अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ हर सरकारी कार्यालय पर अधिनियम संबंधी जानकारी पट्ट लगाया जाए. राजकीय कार्यालयों में प्राप्त-पत्र का लिखित जवाब निश्चित अवधि में दिया जाना आवश्यक हो. प्राप्त आवेदन-पत्रों पर की जाने वाली कार्रवाई की समीक्षा करने करने के लिए एक अलग प्रकोष्ठ की स्थापना हो, जो सिर्फ प्राप्त आवेदनों की निगरानी कर समय पर निस्तारण सुनिश्चित करें. वर्तमान में प्राप्त आवेदनों की पेंडेंसी लटकाए रखने की आदत और गोल-मोल जवाब उसे कार्योंं को टालते रहने की प्रवृत्ति से जनता त्रस्त है. प्राप्त आवेदनों के निष्पादन और लटकाए जाने वाले प्रकरणों की भी जानकारी लेंगे तो जिम्मेदारी की कार्य दक्षता का स्वयं आकलन हो जाएगा.

झुंझुनू. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए सुनवाई का अधिकार अधिनियम वास्तविक रूप से जल्द से जल्द लागू करने की मांग की गई है. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि इसके लागू होने से आम जनता को फायदा मिलेगा.

झुंझुनू में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

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इस दौरान आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष शुभकरण सिंह महला ने बताया कि साल 2012 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुनवाई के अधिकार अधिनियम कानून पास किया था, जिसको अभी तक लागू नहीं किया गया है. इस अधिनियम के तहत गवर्नमेंट ऑफिस में सभी कर्मचारियों को आम लोगों की परेशानी सुननी होगी और उनकी समस्याओं का समाधान करना होगा. लेकिन, राजस्थान में हर गवर्नमेंट ऑफिस में भ्रष्टाचार का माहौल है. बिना पैसे कोई अधिकारी काम नहीं कर रहा है.

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जिलाध्यक्ष शुभकरण सिंह महला ने कहा कि आम लोगों को अपना काम करवाने के लिए सरकारी कर्मचारियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, फिर भी काम होता नहीं है. जब तक अधिकारी को पैसे नहीं मिलते हैं, तब तक लोगों का काम नहीं होता हैं. इसी को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि जिस भी गवर्नमेंट ऑफिस में भ्रष्टाचार चल रहा है, उन पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए.

इन मांगों को लेकर दिया गया ज्ञापन

अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ हर सरकारी कार्यालय पर अधिनियम संबंधी जानकारी पट्ट लगाया जाए. राजकीय कार्यालयों में प्राप्त-पत्र का लिखित जवाब निश्चित अवधि में दिया जाना आवश्यक हो. प्राप्त आवेदन-पत्रों पर की जाने वाली कार्रवाई की समीक्षा करने करने के लिए एक अलग प्रकोष्ठ की स्थापना हो, जो सिर्फ प्राप्त आवेदनों की निगरानी कर समय पर निस्तारण सुनिश्चित करें. वर्तमान में प्राप्त आवेदनों की पेंडेंसी लटकाए रखने की आदत और गोल-मोल जवाब उसे कार्योंं को टालते रहने की प्रवृत्ति से जनता त्रस्त है. प्राप्त आवेदनों के निष्पादन और लटकाए जाने वाले प्रकरणों की भी जानकारी लेंगे तो जिम्मेदारी की कार्य दक्षता का स्वयं आकलन हो जाएगा.

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