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झुंझुनू में एक परिवार की अच्छी पहल...निशुल्क आयुर्वेदिक औषधि इन रोगों के लिए है 'रामबाण'

झुंझुनू शहर का एक अल्पसंख्यक परिवार करीब 40 साल से शरद पूर्णिमा को आयुर्वेदिक औषधि का निशुल्क वितरण कर रहा है. इस औषधि को लेने के लिए राजस्थान सहित हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश से भी लोग आते हैं.

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इन रोगों के लिए है रामबाण
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Published : Oct 30, 2020, 5:38 PM IST

झुंझुनू. शरद पूर्णिमा के मौके पर हर साल करीब तीन हजार से ज्यादा लोगों को आयुर्वेदिक औषधि का निशुल्क वितरण किया जाता है. इस बार भी शरद पूर्णिमा पर सुबह नौ बजे से जिला मुख्यालय के इंदिरा नगर में औषधि का वितरण किया जा रहा है. इसमें खास बात यह है यह परिवार पिछले कई दशकों से दुर्गा पूजा और नवरात्र सहित अनेक धार्मिक कार्यक्रमों में भी शामिल हो रहा है.

इन रोगों के लिए है रामबाण

'डॉक्टर एसडी चोपदार हेल्थ ऐजुकेशन सोसाइटी' के सचिव एवं डॉ. सलाऊदीन चोपदार के पुत्र एमडी चोपदार ने बताया कि उनके पिताजी डॉ. एसडी चोपदार आयुर्वेद में सरकारी चिकित्सक थे. बाद में उन्होंने खुद का चिकित्सालय खोल लिया. उन्होंने आयुर्वेदिक दवाई पर मुख्य रूप से साइंटिफिक रिसर्च किया. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक शास्त्रों में भी लिखा है कि शरद पूर्णिमा पर रात को निकलने वाली चांद की किरणें स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं.

यह भी पढ़ें: स्पेशल: बिना सामाजिक समरसता बिगाड़े सभी जातियों का श्मशान स्थल लोगों से हो रहा गुलजार

दमा, श्वास और एलर्जी जैसे रोगों के लिए यह किरण कारगर साबित होती हैं. इस पर पूरी रिसर्च की गई. शास्त्रों पर रिसर्च कर यह आयुर्वेदिक औषधि बनाई गई है, जिसे चांद के सामने देर रात को दमा, श्वास, एलर्जी से पीड़ित मरीज शरद पूर्णिमा के दिन खीर में मिलाकर आयुर्वेदिक औषधि को खाते हैं.

झुंझुनू. शरद पूर्णिमा के मौके पर हर साल करीब तीन हजार से ज्यादा लोगों को आयुर्वेदिक औषधि का निशुल्क वितरण किया जाता है. इस बार भी शरद पूर्णिमा पर सुबह नौ बजे से जिला मुख्यालय के इंदिरा नगर में औषधि का वितरण किया जा रहा है. इसमें खास बात यह है यह परिवार पिछले कई दशकों से दुर्गा पूजा और नवरात्र सहित अनेक धार्मिक कार्यक्रमों में भी शामिल हो रहा है.

इन रोगों के लिए है रामबाण

'डॉक्टर एसडी चोपदार हेल्थ ऐजुकेशन सोसाइटी' के सचिव एवं डॉ. सलाऊदीन चोपदार के पुत्र एमडी चोपदार ने बताया कि उनके पिताजी डॉ. एसडी चोपदार आयुर्वेद में सरकारी चिकित्सक थे. बाद में उन्होंने खुद का चिकित्सालय खोल लिया. उन्होंने आयुर्वेदिक दवाई पर मुख्य रूप से साइंटिफिक रिसर्च किया. हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक शास्त्रों में भी लिखा है कि शरद पूर्णिमा पर रात को निकलने वाली चांद की किरणें स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती हैं.

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दमा, श्वास और एलर्जी जैसे रोगों के लिए यह किरण कारगर साबित होती हैं. इस पर पूरी रिसर्च की गई. शास्त्रों पर रिसर्च कर यह आयुर्वेदिक औषधि बनाई गई है, जिसे चांद के सामने देर रात को दमा, श्वास, एलर्जी से पीड़ित मरीज शरद पूर्णिमा के दिन खीर में मिलाकर आयुर्वेदिक औषधि को खाते हैं.

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