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स्पेशल रिपोर्ट: राजस्थान का ऐसा मंदिर जहां भूत-प्रेत लगाते है हाजिरी!, खुद बजरंग बली सुनाते हैं सजा

राजस्थान में बालाजी का एक ऐसा अनोखा मंदिर है. जहां दर्शन करने से सभी कष्ट दूर हो जाते है. यहीं नहीं दावा किया जाता है कि यहां संध्या आरती में भूत-प्रेत हाजरी लगाते हैं. जी हां, सुनकर थोड़ा आपको हैरानी होगी. लेकिन बताया जाता है कि झालावाड़ के कामखेड़ा बालाजी धाम पर भूतों की अदालत लगती है और प्रेत-आत्माओं को खुद बजरंग बली सजा सुनाते है. हर शनिवार और मंगलवार को इस मंदिर का चौंकाने वाला नजारा होता है. देखिए झालावाड़ से स्पेशल रिपोर्ट

झालावाड़ में कामखेड़ा बालाजी धाम, Kamkheda Balaji Dham in Jhalawar,
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Published : Nov 9, 2019, 8:01 PM IST

झालावाड़. जिले के कामखेड़ा बालाजी धाम पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं. कोई भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए, तो कोई प्रेत आत्माओं से निजात पाने के लिए प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कामखेड़ा बालाजी धाम पर हाजिरी लगाता है.

झालावाड़ जिले का कामखेड़ा धार्मिक स्थल भूत प्रेतों के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर को लेकर लोगों का दावा है कि यहां भूतों की अदालत लगती है और प्रेत-आत्माओं को खुद बजरंग बली सजा सुनाते है. हर शनिवार और मंगलवार को चौंकाने वाला नजारा मंदिर में देखने को मिलता है. लेकिन शनिवार को चौंकाने वाला नजारा दिखाई देता है. झालावाड से 60 किलोमीटर दूर कामखेडा बालाजी का दरबार है. कहा जाता है कि कामखेड़ा बालाजी में स्थित हनुमान जी के मंदिर में भूतों की अदालत लगते हुए 1000 साल से भी ज्यादा का वक्त हो गया. यहां पर इंसानों को परेशान करने वाली प्रेतात्माओं को बजरंग बली खुद सजा सुनाते है. कामखेड़ा बालाजी धाम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां भूत और प्रेत आत्माएं खुद पेशी देने आती हैं, उन्हें बुलाया नहीं जाता.

राजस्थान का ऐसा मंदिर जहां भूत-प्रेत लगाते है हाजिरी!, खुद बजरंग बली सुनाते हैं सजा..देखिए स्पेशल रिपोर्ट

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: लकवेश्वर हनुमान मंदिर..जहां आने से लकवा पीड़ित हो जाते है रोग मुक्त

प्रेत आत्माएं खुद बताती हैं अपनी परेशानी
कामखेड़ा बालाजी धाम में पेशी पर आने वाली प्रेत आत्माओं की बाकायदा सुनवाई होती है. उनकी अदालत लगती है. जहां प्रेत आत्माएं हाजिरी लगा कर अपनी परेशानी खुद बताती हैं. जो प्रेत आत्माएं बेवजह लोगों को परेशान करती हैं. उन्हें इस अदालत में सजा भी दी जाती है. सबसे पहले उन्हें जंजीरो से बंधा जाता है, फिर अभिमंत्रित कीलों और दंडकरों से दंड दिया जाता है, ताकि वह दोबारा फिर से इंसानों को परेशान ना कर सकें. प्रेतबाधाओं से पीड़ित लोगों को निजात दिलाने के लिए देश भर से लोग यहां आते हैं.

मन्नत पूरी होने पर लगानी पड़ती है गुप्त देवी की हाजिरी
कामखेड़ा बालाजी आने वाले भक्तों की जब मुंह मांगी मन्नते पूरी हो जाती हैं, तो वह पहले यहां स्थित गुप्त देवी और प्रेतराज के दर्शन करते हैं. इसके बाद ही उन्हें बालाजी महाराज के मन्दिर में प्रवेश मिलता है. राजस्थान ही नहीं मध्यप्रदेश, गुजरात उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और देश के बाकी हिस्सों से यहां हर रोज हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. आम आदमी ही नहीं तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री तक कामखेडा बाला जी के दरबार में मन्नत मांगते हुए कभी भी देखे जा सकते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि मंदिर ट्रस्ट यहां आने वाले भक्तों के खाने और ठहरने से लेकर पार्किंग तक का मुफ्त इंतजाम करते हैं.

नहीं आते कमजोर दिल वाले
यहां कमजोर दिल वाले लोग नहीं आते है, क्योकि मंदिर में हर ओर प्रेतबाधाओं से पीड़ित लोग चिल्ला-चिल्लाकर अपनी कहानी बयां करते नजर आते हैं. जिन्हें देखकर रूह तक कांप जाती है, लेकिन इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि प्रेतबाधाओं से पीड़ित व्यक्ति यहां आने के बाद ठीक होकर ही वापस लौटता है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: अजमेर में सगाई वाले बालाजी कुंवारों को देते हैं शादी का आशीर्वाद

दावा की खुद अवतरित हुए थे बालाजी
यहां के लोगों ने बताया कि हजारों साल पहले यहां एक छोटा सा चबूतरा था. जिस पर हनुमान जी की आकृति खुद ब खुद उभर आई. यह आकृति इतनी साफ है कि ऐसा लगता है जैसे किसी ने अपने हाथों से बनाया हो और मूर्ति के पास एक जल का छोटा सा कुण्ड है. जिसमें 12 महीनों पानी भरा रहता है. कामखेड़ा बालाजी को दुष्ट आत्माओं से छुटकारा दिलाने के लिए दिव्य शक्ति से प्रेरित हनुमानजी का बहुत ही शक्तिशाली मन्दिर माना जाता है.

कामखेड़ा के बालाजी की एक और खास मान्यता है कि शादी के बाद पति-पत्नी यहां रामायण पाठ कराते हैं, ताकि उनके पारिवारिक जीवन में आने वाली सारी बाधाएं पहले से ही खत्म हो जाएं.
वहीं हनुमान जी महाराज गुड़ और चना चढ़ाने से भगवान शनि की साढ़ेसाती, ढैया, नौ ग्रह के चक्कर में पढ़ने वाले जातकों के लिए यह दरबार अनूठा है जहां पर सब ग्रह की पीड़ाओं से छुटकारा मिलता है. सिर्फ यहां आकर हनुमान जी महाराज को चमेली का तेल, गुड़, चना, मावा, मिश्री इत्यादि चढ़ाने से बजरंगबली प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर देते है. बालाजी का ये मंदिर झालावाड़ जिले में प्रमुख प्रसिद्ध तीर्थ स्थल माना जाता है. हालांकि इस मंदिर के दावों पर ईटीवी भारत किसी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है. ना हम किसी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे है.

झालावाड़. जिले के कामखेड़ा बालाजी धाम पर भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. यहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं. कोई भक्त अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए, तो कोई प्रेत आत्माओं से निजात पाने के लिए प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कामखेड़ा बालाजी धाम पर हाजिरी लगाता है.

झालावाड़ जिले का कामखेड़ा धार्मिक स्थल भूत प्रेतों के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर को लेकर लोगों का दावा है कि यहां भूतों की अदालत लगती है और प्रेत-आत्माओं को खुद बजरंग बली सजा सुनाते है. हर शनिवार और मंगलवार को चौंकाने वाला नजारा मंदिर में देखने को मिलता है. लेकिन शनिवार को चौंकाने वाला नजारा दिखाई देता है. झालावाड से 60 किलोमीटर दूर कामखेडा बालाजी का दरबार है. कहा जाता है कि कामखेड़ा बालाजी में स्थित हनुमान जी के मंदिर में भूतों की अदालत लगते हुए 1000 साल से भी ज्यादा का वक्त हो गया. यहां पर इंसानों को परेशान करने वाली प्रेतात्माओं को बजरंग बली खुद सजा सुनाते है. कामखेड़ा बालाजी धाम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां भूत और प्रेत आत्माएं खुद पेशी देने आती हैं, उन्हें बुलाया नहीं जाता.

राजस्थान का ऐसा मंदिर जहां भूत-प्रेत लगाते है हाजिरी!, खुद बजरंग बली सुनाते हैं सजा..देखिए स्पेशल रिपोर्ट

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प्रेत आत्माएं खुद बताती हैं अपनी परेशानी
कामखेड़ा बालाजी धाम में पेशी पर आने वाली प्रेत आत्माओं की बाकायदा सुनवाई होती है. उनकी अदालत लगती है. जहां प्रेत आत्माएं हाजिरी लगा कर अपनी परेशानी खुद बताती हैं. जो प्रेत आत्माएं बेवजह लोगों को परेशान करती हैं. उन्हें इस अदालत में सजा भी दी जाती है. सबसे पहले उन्हें जंजीरो से बंधा जाता है, फिर अभिमंत्रित कीलों और दंडकरों से दंड दिया जाता है, ताकि वह दोबारा फिर से इंसानों को परेशान ना कर सकें. प्रेतबाधाओं से पीड़ित लोगों को निजात दिलाने के लिए देश भर से लोग यहां आते हैं.

मन्नत पूरी होने पर लगानी पड़ती है गुप्त देवी की हाजिरी
कामखेड़ा बालाजी आने वाले भक्तों की जब मुंह मांगी मन्नते पूरी हो जाती हैं, तो वह पहले यहां स्थित गुप्त देवी और प्रेतराज के दर्शन करते हैं. इसके बाद ही उन्हें बालाजी महाराज के मन्दिर में प्रवेश मिलता है. राजस्थान ही नहीं मध्यप्रदेश, गुजरात उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और देश के बाकी हिस्सों से यहां हर रोज हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. आम आदमी ही नहीं तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री तक कामखेडा बाला जी के दरबार में मन्नत मांगते हुए कभी भी देखे जा सकते हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि मंदिर ट्रस्ट यहां आने वाले भक्तों के खाने और ठहरने से लेकर पार्किंग तक का मुफ्त इंतजाम करते हैं.

नहीं आते कमजोर दिल वाले
यहां कमजोर दिल वाले लोग नहीं आते है, क्योकि मंदिर में हर ओर प्रेतबाधाओं से पीड़ित लोग चिल्ला-चिल्लाकर अपनी कहानी बयां करते नजर आते हैं. जिन्हें देखकर रूह तक कांप जाती है, लेकिन इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि प्रेतबाधाओं से पीड़ित व्यक्ति यहां आने के बाद ठीक होकर ही वापस लौटता है.

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दावा की खुद अवतरित हुए थे बालाजी
यहां के लोगों ने बताया कि हजारों साल पहले यहां एक छोटा सा चबूतरा था. जिस पर हनुमान जी की आकृति खुद ब खुद उभर आई. यह आकृति इतनी साफ है कि ऐसा लगता है जैसे किसी ने अपने हाथों से बनाया हो और मूर्ति के पास एक जल का छोटा सा कुण्ड है. जिसमें 12 महीनों पानी भरा रहता है. कामखेड़ा बालाजी को दुष्ट आत्माओं से छुटकारा दिलाने के लिए दिव्य शक्ति से प्रेरित हनुमानजी का बहुत ही शक्तिशाली मन्दिर माना जाता है.

कामखेड़ा के बालाजी की एक और खास मान्यता है कि शादी के बाद पति-पत्नी यहां रामायण पाठ कराते हैं, ताकि उनके पारिवारिक जीवन में आने वाली सारी बाधाएं पहले से ही खत्म हो जाएं.
वहीं हनुमान जी महाराज गुड़ और चना चढ़ाने से भगवान शनि की साढ़ेसाती, ढैया, नौ ग्रह के चक्कर में पढ़ने वाले जातकों के लिए यह दरबार अनूठा है जहां पर सब ग्रह की पीड़ाओं से छुटकारा मिलता है. सिर्फ यहां आकर हनुमान जी महाराज को चमेली का तेल, गुड़, चना, मावा, मिश्री इत्यादि चढ़ाने से बजरंगबली प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर देते है. बालाजी का ये मंदिर झालावाड़ जिले में प्रमुख प्रसिद्ध तीर्थ स्थल माना जाता है. हालांकि इस मंदिर के दावों पर ईटीवी भारत किसी प्रकार की पुष्टि नहीं करता है. ना हम किसी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे है.

Intro:यहां लगती है भूतों की अदालत, डांस करती हैं प्रेत आत्माएं, कमजोर दिल वाले ना देखें


अकलेरा/ झालावाड़/ हेमराज शर्मा की स्पेशल रिपोर्ट 9950555135


राजस्थान के झालावाड़ जिले के कामखेड़ा बालाजी धाम पर लगता है भक्तों का जनसैलाब देश देश के कोने कोने से आते हैं यहां पर अपनी मन्नत को पूरी करने के लिए कोई प्रेत आत्माओं पेड़ों से निजात पाने के लिए झालावाड़ जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्री कामखेड़ा बालाजी धाम पर राजनीति से लेकर व्यापारी तक हर तबके के लोग इस धार्मिक स्थल पर दर्शन करने के लिए वह अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए पहुंचते जी हां राजस्थान का झालावाड़ जिले का कामखेड़ा धार्मिक स्थल भूत प्रेतों के नाम से भी जाना जाता है । ईटीवी संवाददाता हेमराज शर्मा ने खुद स्वयं जाकर इस धार्मिक स्थल का अवलोकन कर जायजा लिया और यहां की हकीकत को जाने



यहां भूतो की अदालत लगती है और प्रेतात्माओं को खुद बजरंग बली सजा सुनाते है।हर शनिवार और मंगलवार को चौंकाने वाला नजारा होता है इस मंदिर का।

Video: यहां लगती है भूतों की अदालत, डांस करती हैं प्रेत आत्माएं, कमजोर दिल वाले ना देखें

राजस्थान के झालावाड जिले में स्थित कामखेडा बालाजी का मन्दिर। जहां हर शनिवार को चौंकाने वाला नजारा दिखाई पड़ता है। हजारों भक्तों की भीड़ के बीच यहां लगती है प्रेतराज की अदालत और खुद हनुमान जी की इस अदालत में करते है प्रेत आत्माओं का फैसला। ये कोई किस्सा कहानी नहीं है और ना ही भ्रम फैलाने वाला वायरल झूठ। ये वो हकीकत है जो 1000 साल से भी ज्यादा यहां दिखाई और सुनाई पड़ती है।







झालावाड से 60 किलोमीटर दूर चारों ओर फैली खूबसूरती के बीच किसी जन्नत सरीखा ही लगता है कामखेडा बालाजी का दरबार। कहा जाता है कि कामखेडा बालाजी में स्थित हनुमान जी के मंदिर में भूतो की अदालत लगते हुए 1000 साल से भी ज्यादा का वक्त हो गया। यहां पर इंसानों को परेशान करने वाली प्रेतात्माओं को बजरंग बली खुद सजा सुनाते है। कामखेड़ा बालाजी धाम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां भूत और प्रेत आत्माएं खुद पेशी देने आती हैं, उन्हें बुलाया नहीं जाता।



प्रेत आत्माएं खुद बताती हैं अपनी परेशानी

कामखेडा बालाजी धाम में पेशी पर आने वाली प्रेत आत्माओं की बाकायदा सुनवाई होती है। उनकी अदालत लगती है। जहां प्रेत आत्माएं हाजिरी लगा कर अपनी परेशानी खुद बताती हैं। जो प्रेत आत्माएं बेवजह लोगों को परेशान करती हैं उन्हें इस अदालत में सजा भी दी जाती है। सबसे पहले उन्हें जंजीरो से बंधा जाता है, फिर अभिमंत्रित कीलों और दंडकरों से दंड दिया जाता है, ताकि वह दोबारा फिर से इंसानों को परेशान ना कर सकें। प्रेतबाधाओं से पीड़ित लोगों को निजात दिलाने के लिए देश और दुनिया भर से लोग यहां आते हैं।




मन्नत पूरी होने पर लगानी पड़ती है गुप्त देवी की हाजिरी

कामखेड़ा बालाजी आने वाले भक्तों की जब मुंह मांगी मन्नते पूरी हो जाती हैं तो वह पहले यहां स्थित गुप्त देवी और प्रेतराज के दर्शन करते हैं। इसके बाद ही उन्हें बालाजी महाराज के मन्दिर में प्रवेश मिलता है। राजस्थान ही नहीं मध्यप्रदेश, गुजरात उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और देश के बाकी हिस्सों से यहां हर रोज हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। आम आदमी ही नहीं तमाम राज्यों के मुख्यमंत्री और मंत्री तक कामखेडा बाला जी के दरबार में मन्नत मांगते हुए कभी भी देखे जा सकते हैँ। सबसे बड़ी बात यह है कि मंदिर ट्रस्ट यहां आने वाले भक्तों के खाने और ठहरने से लेकर पार्किंग तक का मुफ्त इंतजाम करते हैं।



नहीं आते कमजोर दिल वाले

यहां कमजोर दिल वाले लोग नही आते है क्योकि मंदिर में हर ओर प्रेतबाधाओं से पीड़ित लोग चिल्ला-चिल्लाकर अपनी कहानी बयां करते नजर आते हैं। जिन्हें देख कर रूह तक कांप जाती है, लेकिन इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि प्रेतबाधाओं से पीड़ित व्यक्ति यहां आने के बाद ठीक होकर ही वापस लौटता है।


खुद अवतरित हुए थे बालाजी

यहां के लोगों ने बताया कि हजारों साल पहले यहां एक छोटा सा चबूतरा था। जिस पर हनुमान जी की आकृति खुद ब खुद उभर आई। यह आकृति इतनी साफ है कि ऐसा लगता है जैसे किसी ने अपने हाथो से बनाया हो तथा मूर्ति के पास एक जल का छोटा सा कुण्ड है जिसमे 12 महीनो पानी भरा रहता है। कामखेडा बालाजी को दुष्ट आत्माओ से छुटकारा दिलाने के लिए दिव्य शक्ति से प्रेरित हनुमानजी का बहुत ही शक्तिशाली मन्दिर माना जाता है। कामखेड़ा के बालाजी की एक और खास मान्यता है कि शादी के बाद पति-पत्नी यहां रामायण पाठ कराते हैं, ताकि उनके पारिवारिक जीवन में आने वाली सारी बाधाएं पहले से ही खत्म हो जाएं।Body:खबर में चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश मीणा की बाइट श्रद्धालुओं की वाइट Conclusion:राजस्थान के झालावाड़ जिले के कामखेड़ा बालाजी दरबार की अजीबो गरीब दास्तान मंगलवार को लगने वाला मेला जहां पर भूत प्रेतों के मेले के साथ-साथ लोग यहां अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए पहुंचते हैं वही कहा जाता है हनुमान जी महाराज गुड़ और चना चढ़ाने से भगवान शनि की साढ़ेसाती ढैया नौ ग्रह के चक्कर में पढ़ने वाले जातकों के लिए यह दरबार अनूठा है जहां पर सब ग्रह की पीड़ाओं
से मिलता है छुटकारा सिर्फ यहां आकर हनुमान जी महाराज को चमेली का तेल गुड चना मावा मिश्री इत्यादि चढ़ाने से बजरंगबली प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर देते है। भगवान शनि देव की दृष्टि को साढ़ेसाती ढैया ग्रहों के अनुसार परेशान जातक भक्तगण जब परेशान हो जाते हैं तो वहीं एक ही दरबार में आकर माथा टेकते हैं आइए हम आपको सीधे में चलते कामखेड़ा दरबार में बालाजी दरबार से यहां की दास्तान आपको बताएंगे ग्रहों के चक्कर में आने के बाद व्यापार से परेशान होकर बिजनेसमैन कई प्रकार की समस्याओं को लेकर दरबार में पहुंचते हैं और अपनी समस्याएं रो-रो कर इस दरबार में भी बखान करते हैं चाहे कोई भी हो नौकरी क्या मन्नत किसी भी संबंधित कोई भी समस्या हो या कोई नया वाहन या कृषि अन्नदाता 20 दरबार में आकर अन्य चढ़ाता है और बीच में अपनी व्यापार की शुरुआत इस दरबार में माथा टेक कर ही करते हैं तभी तो कहा जाता है संकट मोचन मारुति नंदन बालाजी दरबार में बाबा को कहीं नामों से पुकारा जाता है अंजनी सुत पवन सूत्र वीर हनुमान महावीर स्वामी बजरंगबली बाल रूप के कहे जाने वाले श्री हनुमान जी महाराज राजस्थान के झालावाड़ जिले में जिले का प्रमुख प्रसिद्ध तीर्थ स्थल माना जाता है
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