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दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास, पॉक्सो कोर्ट ने बदला फांसी का फैसला - 6 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म

3 साल पहले झालावाड़ में सामने आए नाबालिग के दुष्कर्म और हत्या मामले में पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी की फांसी की सजा को बदलकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

POCSO court in Jhalawar
पॉक्सो कोर्ट ने बदला फांसी का फैसला
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 6, 2023, 6:54 PM IST

झालावाड़. जिले के पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश विनोद गिरी ने 6 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म तथा उसकी निर्मम हत्या के मामले में फांसी की सजा के फैसले को बदलते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

मामले की जानकारी देते हुए पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि 3 वर्ष पूर्व झालावाड़ जिले के सदर थाना क्षेत्र में पीड़िता के पिता ने उसकी 6 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म तथा निर्मम हत्या करने का मामला दर्ज करवाया था. मामले में पुलिस ने अनुसंधान के तहत आरोपी लालचंद बैरागी को गिरफ्तार किया था. वहीं पॉक्सो कोर्ट में चले लंबे ट्रायल के बाद आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई थी.

पढ़ें: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में परिवार सहित गवाह मुकरे, पीड़िता के बयान पर आरोपी को 20 साल का कारावास

आरोपी ने उच्च न्यायालय में फांसी की सजा के खिलाफ अपील दायर की थी. जिसमें मामले की फिर से सुनवाई करने के लिए कहा गया था. आरोपी ने उच्च न्यायालय में दायर अपील में बताया था कि पॉस्को कोर्ट में चल रहे विचाराधीन मामले में 30 गवाहों तथा 56 दस्तावेजों को आधार बनाया गया है. ऐसे में आरोपी का कहना था कि विचाराधीन मामले के दौरान कोरोना का समय चल रहा था. ऐसे में 30 गवाहों में से 15 गवाहों के बयान आरोपी के समक्ष नहीं हो पाए हैं.

पढ़ें: Bharatpur: नाबालिग बच्ची की दुष्कर्म के बाद कर दी थी बेरहमी से हत्या, आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

इसके बाद उच्च न्यायालय ने आरोपी की अपील को स्वीकार करते हुए पॉस्को कोर्ट को फिर से मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया था. तथा शेष रहे 15 गवाहों के बयान आरोपी के सामने करवाने का आदेश जारी किया था. इसके बाद बुधवार को पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश विनोद गिरी ने पूर्व में दी गई फांसी की सजा के फैसले को बदलते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

झालावाड़. जिले के पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश विनोद गिरी ने 6 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म तथा उसकी निर्मम हत्या के मामले में फांसी की सजा के फैसले को बदलते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

मामले की जानकारी देते हुए पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक रामहेतार गुर्जर ने बताया कि 3 वर्ष पूर्व झालावाड़ जिले के सदर थाना क्षेत्र में पीड़िता के पिता ने उसकी 6 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म तथा निर्मम हत्या करने का मामला दर्ज करवाया था. मामले में पुलिस ने अनुसंधान के तहत आरोपी लालचंद बैरागी को गिरफ्तार किया था. वहीं पॉक्सो कोर्ट में चले लंबे ट्रायल के बाद आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई थी.

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आरोपी ने उच्च न्यायालय में फांसी की सजा के खिलाफ अपील दायर की थी. जिसमें मामले की फिर से सुनवाई करने के लिए कहा गया था. आरोपी ने उच्च न्यायालय में दायर अपील में बताया था कि पॉस्को कोर्ट में चल रहे विचाराधीन मामले में 30 गवाहों तथा 56 दस्तावेजों को आधार बनाया गया है. ऐसे में आरोपी का कहना था कि विचाराधीन मामले के दौरान कोरोना का समय चल रहा था. ऐसे में 30 गवाहों में से 15 गवाहों के बयान आरोपी के समक्ष नहीं हो पाए हैं.

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इसके बाद उच्च न्यायालय ने आरोपी की अपील को स्वीकार करते हुए पॉस्को कोर्ट को फिर से मामले की सुनवाई करने का आदेश दिया था. तथा शेष रहे 15 गवाहों के बयान आरोपी के सामने करवाने का आदेश जारी किया था. इसके बाद बुधवार को पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश विनोद गिरी ने पूर्व में दी गई फांसी की सजा के फैसले को बदलते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

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