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Special: राजस्थान में कोरोना के बाद नया खतरा! सैकड़ों कौवों ने तोड़ा दम...इंसानों पर भी संकट

कोरोना वायरस का कहर अभी खत्म हुआ भी नहीं था कि अब झालावाड़ में एक नए रोग का प्रकोप देखने को मिल रहा है. झालावाड़ में एवियन इनफ्लुएंजा रोग के कारण सैकड़ों कौवों की मौत हो गई है. जिला प्रशासन ने राड़ी के बालाजी क्षेत्र में 1 किलोमीटर तक कर्फ्यू की घोषणा कर दी है.

bird flue entry in rajasthan, avian influenza in jhalawar
राजस्थान में बर्ड फ्लू की दस्तक...
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Published : Dec 31, 2020, 8:02 PM IST

झालावाड़. पूरी दुनिया अभी कोरोना महामारी से जूझ रही है. लोग अभी भी वैक्सीन के इंतजार में है. इसी बीच राजस्थान में एक और जानलेवा बीमारी ने दस्तक दे दी है. झालावाड़ में अब तक इस बीमारी से सैकड़ों कौवों की मौत हो चुकी है. जबकि, कुछ का उपचार जारी है. इस बीमारी का नाम एवियन इनफ्लुएंजा बताया जा रहा है. झालावाड़ में यह पहला मामला है, जब पक्षियों में इस तरह की बीमारी देखने को मिली है. इससे राजस्थान सरकार की चिताएं भी बढ़ गई हैं.

झालावाड़ के राड़ी के बालाजी मंदिर क्षेत्र में एवियन इनफ्लुएंजा रोग कौवों में फैल रहा है...

सैकड़ों कौवों की मौत...

झालावाड़ के राड़ी के बालाजी मंदिर क्षेत्र में एवियन इनफ्लुएंजा रोग कौवों में फैल रहा है. अब तक सैकड़ों कौवों की इस बीमारी के चलते मौत हो चुकी है. एवियन इनफ्लुएंजा की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है.

पढ़ें: जोधपुर में सैकड़ों कौवों की मौत, सूचना के बाद भी नहीं पहुंचे वन विभाग के अधिकारी

क्या होता है एवियन इनफ्लुएंजा..?

झालावाड़ के पशु चिकित्सा चिकित्सक डॉ. टीए बंसोड़ ने बताया कि एवीएन एन्फ्लूएंजा एक तरह का बर्ड फ्लू होता है. यह एक वायरस जनित रोग है, जो एक पक्षी से दूसरे पक्षी में फैलता है. अधिकांश पक्षियों की इस बीमारी के चलते मौत हो जाती है. जिले में अभी तक कौवों में ही यह बीमारी देखने को मिल रही है. अन्य पक्षियों या जानवरों में ये रोग ना फैले, इसके लिए एवियन इनफ्लुएंजा एक्शन प्लान 2015 के तहत कार्रवाई की जा रही है. डॉक्टर ने बताया कि यह एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है. जो खाद्य उत्पादन करने वाले पक्षियों सहित पालतू पक्षियों एवं जंगली पक्षियों की कई प्रजातियों में होती है. मुख्यतः इसका संक्रमण पक्षियों में पाया जाता, लेकिन कभी-कभी यह मानव सहित कई स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है. जब यह मानव को संक्रमित करता है, तो इससे जुखाम व बुखार होता है.

पढ़ें: अजमेरः जांच के बाद भी नहीं सुलझा कौवों की मौत का राज, अब तक 98 की मौत

इलाके में कर्फ्यू...

झालावाड़ जिला कलेक्टर ने निकया गोहाएन ने बताया कि राड़ी के बालाजी मंदिर परिसर में 25 दिसंबर को कौवों की असामान्य मृत्यु होने पर वन विभाग और पशुपालन की संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण किया गया. इस दौरान बीमारी के उपचार करके रोकथाम हेतु कौवों के सैंपल लेकर जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल को भेजे गए. जिनमें एवियन इनफ्लुएंजा रोग की पुष्टि हुई है.

जिला कलेक्टर ने बताया कि राड़ी के बालाजी मंदिर क्षेत्र के 1 किलोमीटर क्षेत्र में संक्रमण फैलने की संभावना के मद्देनजर और नागरिकों की स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आगामी आदेश तक कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है- इसके अलावा रोकथाम के लिए त्वरित कार्रवाई दल भी गठित किया गया है- जिसके द्वारा राड़ी के बालाजी क्षेत्र में सैनिटाइज करवाया जा रहा है. आसपास स्थित पोल्ट्री फार्म एवं अंडों की दुकानों को बंद करवा कर शहर में स्थित व्यवसाई पोल्ट्री फार्म की सैम्पलिंग करवाई जा रही है.

झालावाड़. पूरी दुनिया अभी कोरोना महामारी से जूझ रही है. लोग अभी भी वैक्सीन के इंतजार में है. इसी बीच राजस्थान में एक और जानलेवा बीमारी ने दस्तक दे दी है. झालावाड़ में अब तक इस बीमारी से सैकड़ों कौवों की मौत हो चुकी है. जबकि, कुछ का उपचार जारी है. इस बीमारी का नाम एवियन इनफ्लुएंजा बताया जा रहा है. झालावाड़ में यह पहला मामला है, जब पक्षियों में इस तरह की बीमारी देखने को मिली है. इससे राजस्थान सरकार की चिताएं भी बढ़ गई हैं.

झालावाड़ के राड़ी के बालाजी मंदिर क्षेत्र में एवियन इनफ्लुएंजा रोग कौवों में फैल रहा है...

सैकड़ों कौवों की मौत...

झालावाड़ के राड़ी के बालाजी मंदिर क्षेत्र में एवियन इनफ्लुएंजा रोग कौवों में फैल रहा है. अब तक सैकड़ों कौवों की इस बीमारी के चलते मौत हो चुकी है. एवियन इनफ्लुएंजा की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है.

पढ़ें: जोधपुर में सैकड़ों कौवों की मौत, सूचना के बाद भी नहीं पहुंचे वन विभाग के अधिकारी

क्या होता है एवियन इनफ्लुएंजा..?

झालावाड़ के पशु चिकित्सा चिकित्सक डॉ. टीए बंसोड़ ने बताया कि एवीएन एन्फ्लूएंजा एक तरह का बर्ड फ्लू होता है. यह एक वायरस जनित रोग है, जो एक पक्षी से दूसरे पक्षी में फैलता है. अधिकांश पक्षियों की इस बीमारी के चलते मौत हो जाती है. जिले में अभी तक कौवों में ही यह बीमारी देखने को मिल रही है. अन्य पक्षियों या जानवरों में ये रोग ना फैले, इसके लिए एवियन इनफ्लुएंजा एक्शन प्लान 2015 के तहत कार्रवाई की जा रही है. डॉक्टर ने बताया कि यह एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है. जो खाद्य उत्पादन करने वाले पक्षियों सहित पालतू पक्षियों एवं जंगली पक्षियों की कई प्रजातियों में होती है. मुख्यतः इसका संक्रमण पक्षियों में पाया जाता, लेकिन कभी-कभी यह मानव सहित कई स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है. जब यह मानव को संक्रमित करता है, तो इससे जुखाम व बुखार होता है.

पढ़ें: अजमेरः जांच के बाद भी नहीं सुलझा कौवों की मौत का राज, अब तक 98 की मौत

इलाके में कर्फ्यू...

झालावाड़ जिला कलेक्टर ने निकया गोहाएन ने बताया कि राड़ी के बालाजी मंदिर परिसर में 25 दिसंबर को कौवों की असामान्य मृत्यु होने पर वन विभाग और पशुपालन की संयुक्त टीम द्वारा निरीक्षण किया गया. इस दौरान बीमारी के उपचार करके रोकथाम हेतु कौवों के सैंपल लेकर जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल को भेजे गए. जिनमें एवियन इनफ्लुएंजा रोग की पुष्टि हुई है.

जिला कलेक्टर ने बताया कि राड़ी के बालाजी मंदिर क्षेत्र के 1 किलोमीटर क्षेत्र में संक्रमण फैलने की संभावना के मद्देनजर और नागरिकों की स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए आगामी आदेश तक कर्फ्यू की घोषणा कर दी गई है- इसके अलावा रोकथाम के लिए त्वरित कार्रवाई दल भी गठित किया गया है- जिसके द्वारा राड़ी के बालाजी क्षेत्र में सैनिटाइज करवाया जा रहा है. आसपास स्थित पोल्ट्री फार्म एवं अंडों की दुकानों को बंद करवा कर शहर में स्थित व्यवसाई पोल्ट्री फार्म की सैम्पलिंग करवाई जा रही है.

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