झालावाड़. अरसों बाद नगर परिषद में कांग्रेस ने अपना बोर्ड जिताने में कामयाबी हासिल की थी, लेकिन वसुंधरा राजे के गढ़ में कांग्रेस का यह किला ध्वस्त होने की कगार पर है. सभापति ने कांग्रेस को बागी तेवर दिखाते हुए दिए पार्टी छोड़ने के संकेत दिए है.
दरअसल, झालावाड़ नगर परिषद में उठापटक का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिसके बाद सभापति ने पार्टी छोड़ने के संकेत तक दे दिए है. गौतलब है कि नगर परिषद के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद कांग्रेस के मनीष शुक्ला को सभापति बनाया गया था, लेकिन कांग्रेस के ही पार्षदों ने बीजेपी पार्षदों के साथ मिलकर पहले सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. हालांकि बाद में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर होने वाली बैठक को अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया गया था, लेकिन इस सियासी घटनाक्रम में तब एक और नाटकीय मोड़ आता है. जब नगर परिषद के 27 पार्षदों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. ऐसे में अब मनीष शुक्ला ने कांग्रेस पार्टी को बागी तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं.
झालावाड़ नगर परिषद के सभापति मनीष शुक्ला ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि कांग्रेस पार्टी के पार्षदों ने ही मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया, पार्टी विरोधी काम करने के बावजूद उन पार्षदों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया. इसको लेकर आलाकमान को भी अवगत कराया गया, लेकिन उनकी तरफ से भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में अब जो भी कदम मेरे द्वारा उठाया जाएगा उसकी जिम्मेदारी पार्टी की होगी.
ऐसे में नगर परिषद के सभापति की इस तरह की बातों को बगावती तेवर मानते हुए पार्टी छोड़ने का संकेत माना जा रहा है. शुक्ला ने कहा कि इस्तीफे देने वाले पार्षदों ने न सिर्फ पार्टी बल्कि जनता से भी गद्दारी की है. पार्षदों की सबसे पहली जवाबदेही जनता के लिए बनती है. इसलिए मैं उन पार्षदों से अपील करता हूं कि वह सभी अपने इस्तीफे वापस लें.