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झालावाड़: इलाज के दौरान प्रसूता की मौत पर परिजनों ने काटा हंगामा, अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

झालावाड़ के जनाना अस्पताल में इलाज के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों ने डॉक्टरों से पैसे मांगने और दर्द की शिकायत पर प्रसूता को थप्पड़ मारने का आरोप लगाया.

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Published : Feb 28, 2020, 11:45 PM IST

झालावाड़ की खबर, pregnant lady died
अस्पताल में हंगामा करते परिजन

झालावाड़. जिले के जनाना अस्पताल में शुक्रवार देर शाम इलाज के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई. जिसके बाद उसके परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटा.

इलाज के दौरान प्रसूता की मौत पर परिजनों का फूटा गुस्सा

हंगामा शांत कराने के लिए अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक राजेश यादव, डीएसपी अर्जुन सिंह शेखावत, एसडीएम मनीषा तिवारी और अस्पताल अधीक्षक संजय जैन ने काफी देर तक परिजनों से समझाइश की. बावजूद इसके परिजन नहीं माने.

दरअसल, परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से प्रसूता की जान गई है. उनका कहना है कि दोपहर तक मृतका की तबीयत ठीक थी. लेकिन, डॉक्टरों ने उसके ऊपर बराबर ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से उसकी जान चली गई.

परिजनों का ये भी आरोप है कि डॉक्टरों ने उनसे पैसे की मांग की. यह नहीं जब प्रसूता ने दर्द में होने की शिकायत की, तो डॉक्टर ने उसके ऊपर हाथ भी उठाया. ऐसे में प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जबरदस्त हंगामा खड़ा कर दिया. बाद में भारी पुलिस बल अस्पताल परिसर में पहुंचा और भीड़ को हटाया. प्रशासन के द्वारा परिजनों को समझाइश करने का प्रयास किया गया.

पढ़ें: झालावाड़: तीर्थ पेढ़ी सचिव दीपचंद जैन के निधन पर सांसद ने शोक व्यक्त किया

मामले को लेकर अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि भर्ती करने के बाद मृतका (श्वेता) की 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही थी. लेकिन दोपहर में अचानक उसकी तबीयत खराब हुई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. ऐसे में संबंधित डॉक्टर पर जो भी आरोप लगे हैं उनकी जांच करवाई जाएगी और कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.

झालावाड़. जिले के जनाना अस्पताल में शुक्रवार देर शाम इलाज के दौरान एक प्रसूता की मौत हो गई. जिसके बाद उसके परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटा.

इलाज के दौरान प्रसूता की मौत पर परिजनों का फूटा गुस्सा

हंगामा शांत कराने के लिए अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक राजेश यादव, डीएसपी अर्जुन सिंह शेखावत, एसडीएम मनीषा तिवारी और अस्पताल अधीक्षक संजय जैन ने काफी देर तक परिजनों से समझाइश की. बावजूद इसके परिजन नहीं माने.

दरअसल, परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही से प्रसूता की जान गई है. उनका कहना है कि दोपहर तक मृतका की तबीयत ठीक थी. लेकिन, डॉक्टरों ने उसके ऊपर बराबर ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से उसकी जान चली गई.

परिजनों का ये भी आरोप है कि डॉक्टरों ने उनसे पैसे की मांग की. यह नहीं जब प्रसूता ने दर्द में होने की शिकायत की, तो डॉक्टर ने उसके ऊपर हाथ भी उठाया. ऐसे में प्रसूता की मौत के बाद परिजनों ने जबरदस्त हंगामा खड़ा कर दिया. बाद में भारी पुलिस बल अस्पताल परिसर में पहुंचा और भीड़ को हटाया. प्रशासन के द्वारा परिजनों को समझाइश करने का प्रयास किया गया.

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मामले को लेकर अस्पताल अधीक्षक का कहना है कि भर्ती करने के बाद मृतका (श्वेता) की 24 घंटे मॉनिटरिंग की जा रही थी. लेकिन दोपहर में अचानक उसकी तबीयत खराब हुई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. ऐसे में संबंधित डॉक्टर पर जो भी आरोप लगे हैं उनकी जांच करवाई जाएगी और कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.

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