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हैवान पिता को 20 साल की सजा, नाबालिग बेटी से दुष्कर्म पर पॉक्सो कोर्ट ने सुनाई सजा

अपनी ही बेटी से दुष्कर्म करने के मामले में झालावाड़ की पॉक्सो कोर्ट ने आरोपी पिता को 20 साल की सजा सुनाई है. पिता पर 10 हजार अर्थदंड भी कोर्ट ने लगाया है.

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रेप के आरोपी पिता को सजा
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Published : Jul 20, 2021, 3:29 PM IST

झालावाड़. जिले की पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार ने अपनी ही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के मामले में पिता को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही ₹10000 का जुर्माना भी लगाया है.

पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक लालचंद मीणा ने बताया कि 24 दिसंबर 2018 को पीड़िता ने अपनी नानी के साथ महिला थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पीड़िता ने बताया था कि 12 दिसंबर को सुबह जब वो विद्यालय जा रही थी तो उसके पापा ने रोककर उसकी मां को ढूंढने के बहाने उनकी बुआ के घर समराई ले जाने के लिए बस में बैठा लिया. इसके बाद बस से नीचे उतरने के बाद उसके पिता उसे सरसों के खेत में ले गये जहां उसके उसके साथ बलात्कार किया.

पढ़ें- धर्मांतरण और दुष्कर्म मामला : पुलिस ने जम्मू-कश्मीर और भरतपुर में डाला कैंप, SHO लाइन हाजिर

जब वह चिल्लाई तो उसे जान से मारने की धमकी दी और फिर बुआ के घर ले गये. नाबालिग ने अपनी बुआ को सारी बात बताई जिसपर उन्होंने उनको गांव छोड़ने के लिए मोटरसाइकिल से अपने बेटे के साथ भेजा लेकिन उसके पिता ने नाबालिग को रास्ते में ही उतार लिया और दोबारा से जंगल में ले जाकर फिर से बलात्कार किया और फिर घर छोड़कर फरार हो गया.

ऐसे में नाबालिग ने सारी घटना अपनी नानी को बताई. इसके बाद नानी के साथ महिला थाने में पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई. उसकी रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अनुसंधान कर न्यायालय में चालान पेश किया जिसमें 12 गवाह एवं 23 दस्तावेज साक्ष्यों के रूप में पेश किया जिनके आधार पर आरोपी पिता को को पॉक्सो कोर्ट ने 20 साल का कठोर कारावास तथा दस हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है.

झालावाड़. जिले की पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार ने अपनी ही नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के मामले में पिता को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. साथ ही ₹10000 का जुर्माना भी लगाया है.

पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक लालचंद मीणा ने बताया कि 24 दिसंबर 2018 को पीड़िता ने अपनी नानी के साथ महिला थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पीड़िता ने बताया था कि 12 दिसंबर को सुबह जब वो विद्यालय जा रही थी तो उसके पापा ने रोककर उसकी मां को ढूंढने के बहाने उनकी बुआ के घर समराई ले जाने के लिए बस में बैठा लिया. इसके बाद बस से नीचे उतरने के बाद उसके पिता उसे सरसों के खेत में ले गये जहां उसके उसके साथ बलात्कार किया.

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जब वह चिल्लाई तो उसे जान से मारने की धमकी दी और फिर बुआ के घर ले गये. नाबालिग ने अपनी बुआ को सारी बात बताई जिसपर उन्होंने उनको गांव छोड़ने के लिए मोटरसाइकिल से अपने बेटे के साथ भेजा लेकिन उसके पिता ने नाबालिग को रास्ते में ही उतार लिया और दोबारा से जंगल में ले जाकर फिर से बलात्कार किया और फिर घर छोड़कर फरार हो गया.

ऐसे में नाबालिग ने सारी घटना अपनी नानी को बताई. इसके बाद नानी के साथ महिला थाने में पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई. उसकी रिपोर्ट पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए अनुसंधान कर न्यायालय में चालान पेश किया जिसमें 12 गवाह एवं 23 दस्तावेज साक्ष्यों के रूप में पेश किया जिनके आधार पर आरोपी पिता को को पॉक्सो कोर्ट ने 20 साल का कठोर कारावास तथा दस हजार रुपए के अर्थदण्ड से दंडित किया है.

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