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झालावाड़: कोरोना की मार भगवान भी झेल रहे, कभी लगा रहता था भक्तों का तांता, अब पसरा है सन्नाटा

झालावाड़ के मनोहरथाना स्थित कामखेड़ा बालाजी मंदिर पर भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है. बताया जाता है कि हमेशा यहां भक्तों का तांता लगा रहता था, लेकिन लॉकडाउन के चलेत मंदिर में सन्नाटा पसरा हुआ है. 400 सालों में पहली बार बिना भक्त के कामखेड़ा बालाजी मंदिर में पूजा-आर्चना हो रही है.

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कोरोना की मार भगवान भी झेल रहे
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Published : Apr 17, 2020, 11:27 AM IST

Updated : May 24, 2020, 12:12 PM IST

मनोहरथाना (झालावाड़). कामखेड़ा बालाजी मंदिर पर भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है. यहां हमेशा भक्तों का तांता लगा रहता था और कामखेड़ा बालाजी को भक्त कभी अकेला नहीं छोड़ते थे, लेकिन इस बार मंदिर में भगवान अकेले हैं. बताया जा रहा है कि 400 साल में पहली बार बिना भक्त के भगवान कामखेड़ा बालाजी का मंदिर जगमगाया है.

कोरोना सक्रंमण के चलते जहां एक ओर लॉकडाउन में लोग अपने परिवार के साथ घर में बैठकर एक-दूसरे के साथ टाइम बिता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हाड़ोती अंचल के कामखेड़ा के पालनहार में कामखेड़ा बालाजी मंदिर 400 साल में पहली बार बिना भक्तों के जगमगाया. बताया जा रहा है कि जिले के कामखेड़ा का हनुमान मंदिर में हमेशा भक्तों भीड़ रहती थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद आम लोगों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया गया है. ऐसे में अब पुजारी परिवार के चुनिंदा लोगों की ओर से ही भगवान हनुमान जी महाराज की पूजा की जा रही है.

यह भी पढ़ें- मॉडिफाइड लॉकडाउन के लिए राजस्थान ने जारी की गाइडलाइन

बता दें कि इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब भगवान बिना भक्तों के मंदिर में है और भगत अपने घर से भगवान की मनोकामनाएं कर रहे हैं. भगवान को भक्तों का इंतजार देशभर में लॉडाउन लागू होने के बाद सभी सार्वजनिक स्थलों, मंदिरों को पूरी तरह आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. इसके चलते झालावाड़ जिले के कामखेड़ा में भी सभी मंदिर पूरी तरह से बंद है. ऐसे में झालावाड़ जिले के कामखेड़ा के पालनहार कहे जाने वाले भगवान हनुमान जी महाराज का मंदिर भी मानो भक्तों का इंतजार कर रहा हो. भक्तों से भरा रहने वाला कामखेड़ा का हनुमान जी महाराज का मंदिर कुछ दिनों से शांत और पूरी तरह खाली नजर आ रहा है.

वहीं कामखेड़ा बालाजी सार्वजनिक ट्रस्ट के अध्यक्ष मदनलाल मीणा ने बताया कि इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि भगवान अपने भक्तों को दर्शन नहीं दे रहे हैं. इस दौरान कामखेड़ा बालाजी सार्वजनिक ट्रस्ट मैनेजर ने बताया कि प्रतिदिन भगवान की सभी झांकियों की आरती की जाती है. उसके बाद भगवान को भोग लगाया जाता है. पहली बार भगवान अकेले पिछले 65 साल से हनुमान मंदिर में आने वाली व्यापार संघ अध्यक्ष माणक चंद मीणा का कहना है कि पहली बार ऐसा देख रहा हूं, जब मंदिर इतना खाली और सूना सूना दिखाई दे रहा है. पिछले 65 साल से प्रतिदिन भगवान हनुमान जी महाराज के दर्शन कर रहा हूं, लेकिन उम्मीद नहीं की थी, कि ऐसा दिन भी देखने को मिलेगा.

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झालावाड़ जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल कामखेड़ा बालाजी धाम पर भूतों की अदालत लगती थी, जहां पर लोग अपनी पीड़ाओं से निजात पाने के लिए इस दरबार में पहुंचते थे. संकट के दाता कहे जाने वाले हनुमान जी महाराज का मंदिर जहां पर देश के कोने कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं को लेकर पहुंचते थे. इस मंदिर में मंत्री से लेकर हर तबके का हर प्रशासनिक अधिकारी इस दरबार में दर्शन करने के लिए आता था. आज मंदिर में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.

मनोहरथाना (झालावाड़). कामखेड़ा बालाजी मंदिर पर भी कोरोना का असर देखने को मिल रहा है. यहां हमेशा भक्तों का तांता लगा रहता था और कामखेड़ा बालाजी को भक्त कभी अकेला नहीं छोड़ते थे, लेकिन इस बार मंदिर में भगवान अकेले हैं. बताया जा रहा है कि 400 साल में पहली बार बिना भक्त के भगवान कामखेड़ा बालाजी का मंदिर जगमगाया है.

कोरोना सक्रंमण के चलते जहां एक ओर लॉकडाउन में लोग अपने परिवार के साथ घर में बैठकर एक-दूसरे के साथ टाइम बिता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हाड़ोती अंचल के कामखेड़ा के पालनहार में कामखेड़ा बालाजी मंदिर 400 साल में पहली बार बिना भक्तों के जगमगाया. बताया जा रहा है कि जिले के कामखेड़ा का हनुमान मंदिर में हमेशा भक्तों भीड़ रहती थी, लेकिन लॉकडाउन के बाद आम लोगों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया गया है. ऐसे में अब पुजारी परिवार के चुनिंदा लोगों की ओर से ही भगवान हनुमान जी महाराज की पूजा की जा रही है.

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बता दें कि इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब भगवान बिना भक्तों के मंदिर में है और भगत अपने घर से भगवान की मनोकामनाएं कर रहे हैं. भगवान को भक्तों का इंतजार देशभर में लॉडाउन लागू होने के बाद सभी सार्वजनिक स्थलों, मंदिरों को पूरी तरह आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. इसके चलते झालावाड़ जिले के कामखेड़ा में भी सभी मंदिर पूरी तरह से बंद है. ऐसे में झालावाड़ जिले के कामखेड़ा के पालनहार कहे जाने वाले भगवान हनुमान जी महाराज का मंदिर भी मानो भक्तों का इंतजार कर रहा हो. भक्तों से भरा रहने वाला कामखेड़ा का हनुमान जी महाराज का मंदिर कुछ दिनों से शांत और पूरी तरह खाली नजर आ रहा है.

वहीं कामखेड़ा बालाजी सार्वजनिक ट्रस्ट के अध्यक्ष मदनलाल मीणा ने बताया कि इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि भगवान अपने भक्तों को दर्शन नहीं दे रहे हैं. इस दौरान कामखेड़ा बालाजी सार्वजनिक ट्रस्ट मैनेजर ने बताया कि प्रतिदिन भगवान की सभी झांकियों की आरती की जाती है. उसके बाद भगवान को भोग लगाया जाता है. पहली बार भगवान अकेले पिछले 65 साल से हनुमान मंदिर में आने वाली व्यापार संघ अध्यक्ष माणक चंद मीणा का कहना है कि पहली बार ऐसा देख रहा हूं, जब मंदिर इतना खाली और सूना सूना दिखाई दे रहा है. पिछले 65 साल से प्रतिदिन भगवान हनुमान जी महाराज के दर्शन कर रहा हूं, लेकिन उम्मीद नहीं की थी, कि ऐसा दिन भी देखने को मिलेगा.

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झालावाड़ जिले के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल कामखेड़ा बालाजी धाम पर भूतों की अदालत लगती थी, जहां पर लोग अपनी पीड़ाओं से निजात पाने के लिए इस दरबार में पहुंचते थे. संकट के दाता कहे जाने वाले हनुमान जी महाराज का मंदिर जहां पर देश के कोने कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं को लेकर पहुंचते थे. इस मंदिर में मंत्री से लेकर हर तबके का हर प्रशासनिक अधिकारी इस दरबार में दर्शन करने के लिए आता था. आज मंदिर में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा हुआ है.

Last Updated : May 24, 2020, 12:12 PM IST
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