झालावाड़. प्राकृतिक आपदा में बचाव और राहत कार्यो के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम किस तत्परता से कार्य करती है इसको जानने के लिए झालावाड़ के गांवड़ी तालाब पर मॉक ड्रिल की गई. जिसमें प्रशासन ने बचाव और राहत कार्यों के दौरान एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साहसिक कार्यो को करीब से जाना.
गांवड़ी तालाब पर हुई मॉकड्रिल में जैसे ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम को बाढ़ में लोगों के फंसे होने की सूचना मिलती है वैसे ही टीम मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य प्रारंभ करती है. सबसे पहले गांव से घायल व्यक्तियों को स्टीमरों की सहायता से किनारे पहुंचा कर प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल पहुंचाया जाता है. उसके बाद बच्चों, वृद्धजनों और महिलाओं को टीम की ओर से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाता है.
पढ़ेंः झालावाड़ में युवक की गोली मारकर हत्या
इसके बाद शेष बचे लोगों और पालतू जानवरों को आपदा ग्रस्त गांव से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर गांव खाली करवाया जाता है. इस मॉक ड्रिल में राहत और बचाव कार्यो को तीव्र गति से करते हुए अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का साहसिक प्रदर्शन किया गया. इस मॉकड्रिल में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ सिविल डिफेंस और स्काउट्स की टीम भी शामिल रही.