ETV Bharat / state

झालावाड़ः मोटर मार्केट के मिस्त्रियों ने सभापति पर लगाया रिश्वत मांगने का आरोप

झालावाड़ शहर के मोटर मार्केट के मिस्त्रियों ने गुरुवार को मिनी सचिवालय और नगरपरिषद कार्यालय के सामने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया तथा सभापति मनीष शुक्ला के ऊपर कार्रवाई नहीं करवाने की एवज में 50 हजार रुपये रिश्वत के रूप में मांगने का आरोप लगाया.

झालावाड़ न्यूज, jhalawar news
author img

By

Published : Nov 7, 2019, 11:21 PM IST

झालावाड़. शहर के मोटर मार्केट के मिस्त्रियों ने गुरुवार को मिनी सचिवालय और नगर परिषद कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया तथा सभापति मनीष शुक्ला के ऊपर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया. मिस्त्रियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने से पहले सभापति के द्वारा कार्रवाई नहीं करने की एवज में प्रत्येक दुकानदार से 50 हजार रुपये की मांग की गई थी लेकिन, जब रिश्वत नहीं दी तो उन्होंने भेदभाव पूर्ण तरीके से उनकी दुकानों को तुड़वाया है. इसको लेकर मोटर मार्केट के मिस्त्रियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

सभापति पर 50 हजार की रिश्वत मांगने का आरोप

बता दें कि बुधवार को नगर परिषद के द्वारा झालावाड़ शहर के मोटर मार्केट पर अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई थी. इसको लेकर मोटर मार्केट के मिस्त्रियों का कहना है कि 3 साल पहले मोटर मार्केट मामा-भांजा चौराहे पर हुआ करता था. लेकिन, तत्कालीन सरकार ने मोटर मार्केट के लिए कोटा रोड पर जमीन आवंटित कर दी थी. लेकिन, कल नगर परिषद के द्वारा भेदभाव पूर्ण तरीके से मिस्त्रियों की दुकाने तोड़ दी गई थी.

पढ़ें- नर्मदा की वितरिकाओं से पानी मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन, कहा- मिले पूरा पानी

जिसके बाद आज मिस्त्रियों ने नगरपरिषद कार्यालय और मिनी सचिवालय के सामने प्रदर्शन किया तथा सभापति के ऊपर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि सभापति के द्वारा कार्रवाई नहीं करने की एवज में पहले प्रत्येक दुकानदार से 50 हजार रुपये रिश्वत के रूप में मांगे थे और 3 दिन का वक्त दिया था. लेकिन, जब हमने सभापति को रिश्वत नहीं दी तो उन्होंने अचानक से भेदभावपूर्ण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: पुष्कर के पवित्र सरोवर में सीवेज के पानी की आवक का मुद्दा फिर गर्माया, कांग्रेस और बीजेपी भुनाने में जुटी

वहीं सभापति मनीष शुक्ला का कहना है कि मेरे ऊपर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो बेबुनियाद हैं, क्योंकि इन मोटर मार्केट के मिस्त्रियों से मैं कभी मिला ही नहीं और अगर ऐसा ही आरोप लगा रहे हैं तो इसका सबूत दें.सभापति ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नगर परिषद आयुक्त औरनगर परिषद प्रशासन द्वारा की जाती है, मुझे इस प्रकरण के बारे में बहुत ही कम जानकारी है, क्योंकि ये पूरा मामला मेरे कार्यकाल से पहले का है.

उनका कहना है कि 2016 में जमीन आवंटन के बाद डीएलसी रेट पर नीलामी के लिए डीएलबी से निर्देश मांगे गए थे. लेकिन, उन्होंने डीएलसी रेट पर नीलामी करने से स्पष्ट मना कर दिया था. ऐसे में सभी मिस्त्री बिना जमीन की नीलामी किए ही वहां पर काम कर रहे थे, जिसके बाद कल नगर परिषद प्रशासन ने यह कार्रवाई की है.

झालावाड़. शहर के मोटर मार्केट के मिस्त्रियों ने गुरुवार को मिनी सचिवालय और नगर परिषद कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया तथा सभापति मनीष शुक्ला के ऊपर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया. मिस्त्रियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने से पहले सभापति के द्वारा कार्रवाई नहीं करने की एवज में प्रत्येक दुकानदार से 50 हजार रुपये की मांग की गई थी लेकिन, जब रिश्वत नहीं दी तो उन्होंने भेदभाव पूर्ण तरीके से उनकी दुकानों को तुड़वाया है. इसको लेकर मोटर मार्केट के मिस्त्रियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

सभापति पर 50 हजार की रिश्वत मांगने का आरोप

बता दें कि बुधवार को नगर परिषद के द्वारा झालावाड़ शहर के मोटर मार्केट पर अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई थी. इसको लेकर मोटर मार्केट के मिस्त्रियों का कहना है कि 3 साल पहले मोटर मार्केट मामा-भांजा चौराहे पर हुआ करता था. लेकिन, तत्कालीन सरकार ने मोटर मार्केट के लिए कोटा रोड पर जमीन आवंटित कर दी थी. लेकिन, कल नगर परिषद के द्वारा भेदभाव पूर्ण तरीके से मिस्त्रियों की दुकाने तोड़ दी गई थी.

पढ़ें- नर्मदा की वितरिकाओं से पानी मांग को लेकर किसानों का प्रदर्शन, कहा- मिले पूरा पानी

जिसके बाद आज मिस्त्रियों ने नगरपरिषद कार्यालय और मिनी सचिवालय के सामने प्रदर्शन किया तथा सभापति के ऊपर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि सभापति के द्वारा कार्रवाई नहीं करने की एवज में पहले प्रत्येक दुकानदार से 50 हजार रुपये रिश्वत के रूप में मांगे थे और 3 दिन का वक्त दिया था. लेकिन, जब हमने सभापति को रिश्वत नहीं दी तो उन्होंने अचानक से भेदभावपूर्ण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की.

पढ़ें- निकाय चुनाव 2019: पुष्कर के पवित्र सरोवर में सीवेज के पानी की आवक का मुद्दा फिर गर्माया, कांग्रेस और बीजेपी भुनाने में जुटी

वहीं सभापति मनीष शुक्ला का कहना है कि मेरे ऊपर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो बेबुनियाद हैं, क्योंकि इन मोटर मार्केट के मिस्त्रियों से मैं कभी मिला ही नहीं और अगर ऐसा ही आरोप लगा रहे हैं तो इसका सबूत दें.सभापति ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नगर परिषद आयुक्त औरनगर परिषद प्रशासन द्वारा की जाती है, मुझे इस प्रकरण के बारे में बहुत ही कम जानकारी है, क्योंकि ये पूरा मामला मेरे कार्यकाल से पहले का है.

उनका कहना है कि 2016 में जमीन आवंटन के बाद डीएलसी रेट पर नीलामी के लिए डीएलबी से निर्देश मांगे गए थे. लेकिन, उन्होंने डीएलसी रेट पर नीलामी करने से स्पष्ट मना कर दिया था. ऐसे में सभी मिस्त्री बिना जमीन की नीलामी किए ही वहां पर काम कर रहे थे, जिसके बाद कल नगर परिषद प्रशासन ने यह कार्रवाई की है.

Intro:झालावाड़ शहर के मोटर मार्केट के मिस्त्रियों ने आज मिनी सचिवालय व नगरपरिषद कार्यालय के सामने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के विरोध में प्रदर्शन किया तथा सभापति मनीष शुक्ला के ऊपर कार्रवाई नहीं करवाने की एवज में 50 हजार रुपये रिश्वत के रूप में मांगने का आरोप लगाया।


Body:झालावाड़ शहर के मोटर मार्केट के मिस्त्रियों ने आज मिनी सचिवालय व नगर परिषद कार्यालय के सामने जमकर प्रदर्शन किया तथा सभापति मनीष शुक्ला के ऊपर 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया. मिस्त्रियों का कहना है कि अतिक्रमण हटाने से पहले सभापति के द्वारा कार्रवाई नहीं करने की एवज में प्रत्येक दुकानदार से 50 हजार रुपये की मांग की गई थी लेकिन जब रिश्वत नहीं दी तो उन्होंने भेदभाव पूर्ण तरीके से उनकी दुकानों को तुड़वाया है. इसको मोटर मार्केट के मिस्त्रियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा.

आपको बता दें कि कल नगर परिषद के द्वारा झालावाड़ शहर के मोटर मार्केट पर अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई थी इसको लेकर मोटर मार्केट के मिस्त्रियों का कहना है कि 3 साल पहले मोटर मार्केट मामा भांजा चौराहे पर हुआ करता था लेकिन तत्कालीन सरकार ने मोटर मार्केट के लिए कोटा रोड पर जमीन आवंटित कर दी थी लेकिन कल नगर परिषद के द्वारा भेदभाव पूर्ण तरीके से मिस्त्रियों की दुकाने तोड़ दी गई थी। जिसके बाद आज मिस्त्रियों ने नगरपरिषद कार्यालय व मिनी सचिवालय के सामने प्रदर्शन किया तथा सभापति के ऊपर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि सभापति के द्वारा कार्रवाई नहीं करने की एवज में पहले प्रत्येक दुकानदार से 50 हजार रुपये रिश्वत के रूप में मांगे थे और 3 दिन का वक्त दिया था लेकिन जब हमने सभापति को रिश्वत नहीं दी तो उन्होंने अचानक से भेदभावपूर्ण अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की।

वहीं सभापति मनीष शुक्ला का कहना है कि मेरे ऊपर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वो बेबुनियाद हैं क्योंकि इन मोटर मार्केट के मिस्त्रियों से मैं कभी मिला ही नहीं और अगर ऐसा ही आरोप लगा रहे हैं तो इसका सबूत दें। सभापति ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नगर परिषद आयुक्त व नगर परिषद प्रशासन व आयुक्त के द्वारा की जाती है मुझे इस प्रकरण के बारे में बहुत ही कम जानकारी है क्योंकि ये पूरा मामला मेरे कार्यकाल से पहले का है। उनका कहना है कि 2016 में जमीन आवंटन के बाद डीएलसी रेट पर नीलामी के लिए डीएलबी से निर्देश मांगे गए थे लेकिन उन्होंने डीएलसी रेट पर नीलामी करने से स्पष्ट मना कर दिया था। ऐसे में सभी मिस्त्री बिना जमीन की नीलामी किए ही वहां पर काम कर रहे थे जिसके बाद कल नगर परिषद प्रशासन ने यह कार्रवाई की है।


Conclusion:बाइट 1 - मिस्त्री
बाइट 2 - मिस्त्री
बाइट 3 - मनीष शुक्ला (सभापति, नगरपरिषद झालावाड़)
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.