झालावाड़. जिले भर से महिला और पुरुष मदरसा पैराटीचर्स सैकड़ों की संख्या में इकट्ठे होकर रैली के रूप में मिनी सचिवालय स्थित जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के खिलाफ रोष जताते हुए जमकर नारेबाजी की.
मदरसा पैराटीचर्स ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, नित नए आदेश निकालकर पैराटीचर्स को परेशान कर रहे हैं. साथ ही जिन आदेशों का राजस्थान के दूसरे मदरसों में पालन हो रहा है, उन नियमों से अलग इस जिले में नियम लागू किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि मदरसों का समय सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक रहता है. लेकिन झालावाड़ में समय बदलकर सुबह 10 से शाम 4 बजे का कर दिया गया है. इसके अलावा सभी पैराटीचर्स को एंड्राइड मोबाइल रखना अनिवार्य कर दिया गया है. जबकि उन्हें महज 8 हजार रुपए का वेतन ही मिल पाता है.
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ऐसे में अल्प वेतन में 8 हजार रुपए का फोन लेना उनके लिए संभव नहीं है. उसके अलावा मदरसा पहुंचकर रोज वीडियो कॉल करने के लिए कहा जाता है. ऐसे में मदरसा पैराटीचर्स पिछले कई महीनों से खासे परेशान हो रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि पूरे राजस्थान में एक ही नियम की पालना सुनिश्चित करवाई जाए. साथ ही जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को भी निर्देश देकर मदरसा पैराटीचर्स को परेशान न करने के लिए पाबंद किया जाए.