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झालावाड़ की ये नगरपालिका बनी Corona Epicenter, अंत्येष्टि कार्यक्रम बना संक्रमण की वजह - झालरापाटन में कोरोना

झालावाड़ के झालरापाटन में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. इस बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर कई कारण सामने आ रहे हैं लेकिन सबसे बड़ा कारण क्षेत्र में आयोजित अंत्येष्टि कार्यक्रम को बताया जा रहा है.

झालरापाटन में कोरोना, Covid-19
झालरापाटन में कोरोना विस्फोट
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Published : May 31, 2020, 12:13 PM IST

Updated : May 31, 2020, 6:47 PM IST

झालावाड़. जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. झालरापाटन शहर कोरोना का एपिसेंटर बन चुका है. जहां पर बीते 4 दिनों में कोरोना के 175 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं. जिससे प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं कोरोना संक्रमण फैलाने के आरोप में कई लोगों के ऊपर मामला दर्ज किया गया है.

देश की सबसे पहली नगरपालिका झालरापाटन अब कोरोना का एपिसेंटर बन चुकी है. यहां पर अब तक कुल 199 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. वहीं बीते 4 दिनों में 175 केस देखने को मिले हैं. झालरापाटन में कोरोना विस्फोट के पीछे सबसे बड़ी वजह आयोजित अंत्येष्टि कार्यक्रम बताया जा रहा है.

झालावाड़ की ये नगरपालिका बनी Corona Epicenter

अंत्येष्टि कार्यक्रम से फैला संक्रमण

19 मई को क्षेत्र के एक परिवार में एक महिला की मौत हो गई थी. जिसके अंतिम संस्कार और बाद में होने वाले कार्यक्रमों में कई लोग शामिल हुए. जब जांच की गई तो रिपोर्ट में महिला का पूरा परिवार और कार्यक्रम में शामिल होने वाले कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. इसके अलावा एक और परिवार में भी इसी तरह का कार्यक्रम हुआ. जिसके बाद कोरोना का संक्रमण फैल गया. अब पुलिस ने अंत्येष्टि कार्यक्रम का आयोजन करने वाले परिवार को सुपर स्प्रेडर मानते हुए मामला दर्ज किया है.

कोरोना संक्रमित क्लीनिक संचालक ने किया मरीजों का इलाज

वहीं दूसरा सबसे बड़ा कारण एक निजी क्लीनिक संचालक की लापरवाही रही. जिसने तीन-चार दिन में करीबन 150 से अधिक लोगों का इलाज किया और बाद में वो डॉक्टर खुद कोरोना पॉजिटिव निकला. उसके संपर्क में आए कई मरीज भी कोरोना से संक्रमित पाए गए. निजी क्लीनिक संचालक के ऊपर भी मामला दर्ज किया गया है.

यह भी पढ़ें. कोरोना से लड़ाई में काढ़ा बना मददगार, Corona संक्रमित मरीज 5 से 6 दिन में हो रहे Negative

डिप्टी एसपी विजय शंकर शर्मा का कहना है कि झालरापाटन बहुत पुराना शहर है. ऐसे में घरों के बाहर चबूतरे बने हुए हैं, जहां पर सुबह-शाम लोग बैठकर एक दूसरे से बात किया करते थे. उसी दौरान लोगों में संक्रमण फैला है. झालरापाटन में सार्वजनिक शौचालय भी कोरोना के फैलने का कारण बना है. शहर के इमली गेट क्षेत्र में अधिकतर घरों में शौचालय नहीं है. ऐसे में वहां के लोग सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. इसी दौरान लोगों में संक्रमण फैला.

यह भी पढ़ें. Corona Update: प्रदेश में 252 नए मामले आए सामने, कुल पॉजिटिव आंकड़ा 8617, 193 मौतें

इसके अलावा नगर पालिका के हैंडपंप से भी संक्रमण फैलने की आशंका जताई जा रही है. माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग यहां से पानी भरते हैं. जिसके चलते कोरोना का संक्रमण फैला है. फिलहाल, जिला प्रशासन का कहना है कि झालरापाटन में जीरो मोबिलिटी क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. लोगों की आवाजाही पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसे में जल्द ही कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ दिया जाएगा.

झालावाड़. जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है. झालरापाटन शहर कोरोना का एपिसेंटर बन चुका है. जहां पर बीते 4 दिनों में कोरोना के 175 नए पॉजिटिव केस सामने आए हैं. जिससे प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं कोरोना संक्रमण फैलाने के आरोप में कई लोगों के ऊपर मामला दर्ज किया गया है.

देश की सबसे पहली नगरपालिका झालरापाटन अब कोरोना का एपिसेंटर बन चुकी है. यहां पर अब तक कुल 199 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. वहीं बीते 4 दिनों में 175 केस देखने को मिले हैं. झालरापाटन में कोरोना विस्फोट के पीछे सबसे बड़ी वजह आयोजित अंत्येष्टि कार्यक्रम बताया जा रहा है.

झालावाड़ की ये नगरपालिका बनी Corona Epicenter

अंत्येष्टि कार्यक्रम से फैला संक्रमण

19 मई को क्षेत्र के एक परिवार में एक महिला की मौत हो गई थी. जिसके अंतिम संस्कार और बाद में होने वाले कार्यक्रमों में कई लोग शामिल हुए. जब जांच की गई तो रिपोर्ट में महिला का पूरा परिवार और कार्यक्रम में शामिल होने वाले कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. इसके अलावा एक और परिवार में भी इसी तरह का कार्यक्रम हुआ. जिसके बाद कोरोना का संक्रमण फैल गया. अब पुलिस ने अंत्येष्टि कार्यक्रम का आयोजन करने वाले परिवार को सुपर स्प्रेडर मानते हुए मामला दर्ज किया है.

कोरोना संक्रमित क्लीनिक संचालक ने किया मरीजों का इलाज

वहीं दूसरा सबसे बड़ा कारण एक निजी क्लीनिक संचालक की लापरवाही रही. जिसने तीन-चार दिन में करीबन 150 से अधिक लोगों का इलाज किया और बाद में वो डॉक्टर खुद कोरोना पॉजिटिव निकला. उसके संपर्क में आए कई मरीज भी कोरोना से संक्रमित पाए गए. निजी क्लीनिक संचालक के ऊपर भी मामला दर्ज किया गया है.

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डिप्टी एसपी विजय शंकर शर्मा का कहना है कि झालरापाटन बहुत पुराना शहर है. ऐसे में घरों के बाहर चबूतरे बने हुए हैं, जहां पर सुबह-शाम लोग बैठकर एक दूसरे से बात किया करते थे. उसी दौरान लोगों में संक्रमण फैला है. झालरापाटन में सार्वजनिक शौचालय भी कोरोना के फैलने का कारण बना है. शहर के इमली गेट क्षेत्र में अधिकतर घरों में शौचालय नहीं है. ऐसे में वहां के लोग सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. इसी दौरान लोगों में संक्रमण फैला.

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इसके अलावा नगर पालिका के हैंडपंप से भी संक्रमण फैलने की आशंका जताई जा रही है. माना जा रहा है कि बड़ी संख्या में लोग यहां से पानी भरते हैं. जिसके चलते कोरोना का संक्रमण फैला है. फिलहाल, जिला प्रशासन का कहना है कि झालरापाटन में जीरो मोबिलिटी क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. लोगों की आवाजाही पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसे में जल्द ही कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ दिया जाएगा.

Last Updated : May 31, 2020, 6:47 PM IST
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