झालावाड़. जयपुर के निजी अस्पतालों द्वारा भामाशाह योजना के तहत फर्जी ऑपरेशन करते हुए क्लेम की लूट का खेल जारी है, ऐसा एक मामला जिले के सुनेल क्षेत्र में भी देखने को मिला.
बता दें कि जब 20, 21 और 22 नवंबर को जयपुर के निजी अस्पताल के द्वारा फर्जी तरीके से ग्रामीणों के तत्वावधान में पंपलेट छपवा कर बिना स्वास्थ्य विभाग की बिना अनुमति के आंगनवाड़ी केंद्रों पर शिविर आयोजित किए गए, जिसमें लोगों की बिना जांच किये ही सीधे उनको बहला फुसलाकर ऑपरेशन के नाम पर जयपुर के एक निजी चिकित्सालय में ले जाकर फर्जी ऑपरेशन किया गया और भामाशाह कार्ड से क्लैम की राशि उठा ली गयी, जब ऑपरेशन के नाम पर हजारों रुपए के मैसेज आने लगे तब ग्रामीणों को याद आया कि उनके साथ धोखा हुआ है.
वहीं निजी अस्पताल द्वारा शिविर के पंपलेट वितरण करने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग को इसकी भनक नहीं लगी, लेकिन जब लोगों के साथ ठगी हुई तो उसके बाद स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ी और सीएमएचओ ने जयपुर के निजी अस्पताल के खिलाफ सुनेल थाने में मामला दर्ज करवाया.
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केस न. 1
सुनेल के रोशनबाड़ी में हुए शिविर में रामचंद्र घुटने के इलाज के लिए गया तो चिकित्सकों ने उसे बहला-फुसलाकर निःशुल्क इलाज के नाम पर वाहन से जयपुर के निजी चिकित्सालय में भेज दिया, यहां पर उसके कान की सफाई की गई और ऊपर पट्टी बांध दी. रामचंद्र का कहना है कि उसका कोई ऑपरेशन नहीं किया गया और जब उसने मोबाइल देखा तो पता चला कि भामाशाह योजना के तहत 14 हज़ार रुपये की राशि उठा ली गयी है.
केस न. 2
रोशन बाड़ी निवासी लालचंद ने बताया कि जब वह शिविर में गया तो उसे कहा गया कि ऑपरेशन होगा और निःशुल्क भोजन निःशुल्क दवाई व निःशुल्क ऑपरेशन के नाम पर बहला-फुसलाकर जयपुर भेज दिया गया. वहां पर उसे एक बोतल चढ़ा दी गई और नाक में दवा डाल दी गई व पट्टी बांध दी गयी. बाहर आकर जब मैंने पट्टी खोल कर मोबाइल देखा तो उसमें बीमा क्लेम की राशि के 19 हजार रुपये निजी अस्पताल के द्वारा फर्जी तरीके से उठा लिए गए.
केस न. 3
लाल गांव निवासी प्रभुलाल मेहर ने बताया कि 21 नवंबर को कलोतिया गांव में शिविर आयोजित हुआ था. जब शिविर का समय समाप्त हो गया उसके बाद वह डॉक्टरों के पास गया और कहा कि उनके घुटनों में दर्द है तो डॉक्टरों ने शिविर में बिना जांच किए ही मुझे बहला-फुसलाकर ऑपरेशन के लिए जयपुर भेज दिया गया. वहां पर भामाशाह कार्ड और आधार कार्ड की सत्यापित छाया प्रति लेकर मेरे अंगूठे का निशान लगाया और बोतल चढ़ाकर मुझे बेहोश कर दिया. जब मुझे होश आया तो मेरे घुटने पर बस एक चीरा लगा हुआ था और मेरा ऑपरेशन भी नहीं किया गया था. मैंने मोबाइल देखा तो उसमें से क्लेम की राशि उठा ली गई थी.