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झालावाड़ निकाय चुनाव: टिकट वितरण को लेकर पूर्व पार्षदों में नाराजगी, पर्यवेक्षकों पर लगाए गंभीर आरोप - पर्यवेक्षकों पर लगाए गंभीर आरोप

झालावाड़ नगर परिषद के 9 पूर्व पार्षदों ने टिकट वितरण को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने पर्यवेक्षक व प्रभारी पर आरएसएस और बीजेपी के लोगों को टिकट देने का आरोप लगाया है.

Former councilor angry over ticket distribution
टिकट वितरण को लेकर पूर्व पार्षद नाराज
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Published : Jan 17, 2021, 11:04 PM IST

झालावाड़. जिले में निकाय चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ने लग गई हैं. निकाय चुनाव को लेकर पार्टियों की ओर से टिकटों के वितरण के बाद नामांकन दाखिल हो चुके हैं. ऐसे में अब शहर में राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है. इसी बीच झालावाड़ नगर परिषद के 9 पूर्व पार्षदों ने टिकट वितरण को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने पर्यवेक्षक व प्रभारी पर आरएसएस और बीजेपी के लोगों को टिकट देने का आरोप लगाया है.

टिकट वितरण को लेकर पूर्व पार्षद नाराज

झालावाड़ शहर की एक निजी होटल में कांग्रेस के पूर्व पार्षदों ने प्रेस वार्ता करते हुए टिकट वितरण को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आगामी निकाय चुनाव में भाजपा समर्थित लोगों को टिकट दिए जाने व कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं के टिकट काटे जाने से आज वे ठगा सा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व में झालावाड़ नगर परिषद में कांग्रेस का बोर्ड था. जिसे गिराने में कांग्रेस के जिन पार्षदों का अहम रोल था, उन्हें वापस टिकट दे दिया गया है. इनमें फारुक अहमद, गजेंद्र गुर्जर व ललित सुमन मुख्य हैं.

यह भी पढ़ें: महाकुंभ 2021: लोक परंपरा और संस्कृति के रंगों से सराबोर हुआ हरिद्वार, देखें तस्वीरें

इस दौरान उन्होंने कहा कि इस चुनाव में अशोक गहलोत गुट के लोगों का टिकट काटा गया है और सचिन पायलट गुट के लोगों को ज्यादा टिकट दिया गया है. जबकि उन लोगों की ओर से विधानसभा चुनाव में भी मानवेंद्र सिंह जसोल को टिकट दिए जाने पर कांग्रेस कार्यालय के सामने पुतला जलाया गया था. साथ ही कार्यालय पर कालिख भी पोत दी गई थी. वहीं उसके बाद जब निकाय चुनाव को लेकर प्रभारी की मीटिंग थी. इस दौरान भी खूब हंगामा किया गया था. उसके बावजूद ऐसे लोगों को टिकट दिया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने बताया कि इन पार्षदों ने कांग्रेस बोर्ड को गिराने के लिए पहले अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और उसके बाद बीजेपी के 15 पार्षदों के साथ मिलकर बोर्ड गिराने के लिए सामूहिक रूप से इस्तीफे दिए गए. वहीं जो पार्षद कांग्रेस बोर्ड को बचाने के लिए आखिर तक खड़े रहे उनके ही टिकट काट दिए गए हैं. जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में अब वे पर्यवेक्षक व प्रभारी के द्वारा उनके साथ किए गए इस तरीके के व्यवहार के बारे में आलाकमान को अवगत करवाया जाएगा.

झालावाड़. जिले में निकाय चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ने लग गई हैं. निकाय चुनाव को लेकर पार्टियों की ओर से टिकटों के वितरण के बाद नामांकन दाखिल हो चुके हैं. ऐसे में अब शहर में राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है. इसी बीच झालावाड़ नगर परिषद के 9 पूर्व पार्षदों ने टिकट वितरण को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने पर्यवेक्षक व प्रभारी पर आरएसएस और बीजेपी के लोगों को टिकट देने का आरोप लगाया है.

टिकट वितरण को लेकर पूर्व पार्षद नाराज

झालावाड़ शहर की एक निजी होटल में कांग्रेस के पूर्व पार्षदों ने प्रेस वार्ता करते हुए टिकट वितरण को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आगामी निकाय चुनाव में भाजपा समर्थित लोगों को टिकट दिए जाने व कांग्रेस के निष्ठावान कार्यकर्ताओं के टिकट काटे जाने से आज वे ठगा सा महसूस कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व में झालावाड़ नगर परिषद में कांग्रेस का बोर्ड था. जिसे गिराने में कांग्रेस के जिन पार्षदों का अहम रोल था, उन्हें वापस टिकट दे दिया गया है. इनमें फारुक अहमद, गजेंद्र गुर्जर व ललित सुमन मुख्य हैं.

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इस दौरान उन्होंने कहा कि इस चुनाव में अशोक गहलोत गुट के लोगों का टिकट काटा गया है और सचिन पायलट गुट के लोगों को ज्यादा टिकट दिया गया है. जबकि उन लोगों की ओर से विधानसभा चुनाव में भी मानवेंद्र सिंह जसोल को टिकट दिए जाने पर कांग्रेस कार्यालय के सामने पुतला जलाया गया था. साथ ही कार्यालय पर कालिख भी पोत दी गई थी. वहीं उसके बाद जब निकाय चुनाव को लेकर प्रभारी की मीटिंग थी. इस दौरान भी खूब हंगामा किया गया था. उसके बावजूद ऐसे लोगों को टिकट दिया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

उन्होंने बताया कि इन पार्षदों ने कांग्रेस बोर्ड को गिराने के लिए पहले अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और उसके बाद बीजेपी के 15 पार्षदों के साथ मिलकर बोर्ड गिराने के लिए सामूहिक रूप से इस्तीफे दिए गए. वहीं जो पार्षद कांग्रेस बोर्ड को बचाने के लिए आखिर तक खड़े रहे उनके ही टिकट काट दिए गए हैं. जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसे में अब वे पर्यवेक्षक व प्रभारी के द्वारा उनके साथ किए गए इस तरीके के व्यवहार के बारे में आलाकमान को अवगत करवाया जाएगा.

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