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जमीनी विवाद में हत्या के मामले में पिता- पुत्र को आजीवन कारावास, 50 हजार रुपए का लगा अर्थदंड - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

झालावाड़ जिले में चार साल पहले हुए गोलीकांड मामले में एडीजी (two accused to life imprisonment) कोर्ट ने शुक्रवार को फैसला सुनाया. कोर्ट ने आरोपी पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

Jhalawar ADG Court sentenced,  sentenced two accused to life imprisonment
आजीवन कारावास की सजा.
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Published : Jul 21, 2023, 9:10 PM IST

झालावाड़. जिले के पनवाड़ थाना क्षेत्र में 4 साल पहले जमीनी विवाद को लेकर हुए गोलीकांड में एडीजे कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश प्रशांत शर्मा ने पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों आरोपियों पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.

एडीजे कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक प्रदीप शर्मा ने बताया कि 4 साल पहले पनवाड़ थाना क्षेत्र में फरियादी बलराम ने एक रिपोर्ट पेश की थी. रिपोर्ट में बताया कि वह और उसका साथी मुकेश गुर्जर तथा भंवर ट्रैक्टर पर सवार होकर उनके गांव गुलखेड़ी जा रहे थे. इसी दौरान तिराहे पर गांव के ही शिवराज सिंह तथा उसके पुत्र सत्येंद्र सिंह ने उनका ट्रैक्टर रुकवा लिया. साथ ही मुकेश गुर्जर को नीचे उतार लिया और 12 बोर की बंदूक से गोली चला दी. इस दौरान उन्होंने दोनों को छुड़ाने का प्रयास किया. इस बीच सत्येंद्र के पिता शिवराज सिंह ने दूसरी बंदूक से उन पर गोली चला दी, जिसमें वह बाल-बाल बच गए और भागकर जान बचाई.

पढ़ेंः Dharmendra alias Bulbul murder case: धर्मेंद्र उर्फ बुलबुल हत्याकांड के चारों आरोपियों को उम्र कैद

विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि बाद में मुकेश गुर्जर की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद अनुसंधान अधिकारी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 341/34 के तहत मामला दर्ज कर एडीजे कोर्ट में चालान पेश किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान 40 लोगों के बयानों और 42 दस्तावेजों को साक्षी मानते हुए एडीजी कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश प्रशांत कुमार शर्मा ने दोनों आरोपियों को मुकेश गुर्जर की हत्या का दोषी ठहराते आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों को 50 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है.

झालावाड़. जिले के पनवाड़ थाना क्षेत्र में 4 साल पहले जमीनी विवाद को लेकर हुए गोलीकांड में एडीजे कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश प्रशांत शर्मा ने पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों आरोपियों पर 50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.

एडीजे कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक प्रदीप शर्मा ने बताया कि 4 साल पहले पनवाड़ थाना क्षेत्र में फरियादी बलराम ने एक रिपोर्ट पेश की थी. रिपोर्ट में बताया कि वह और उसका साथी मुकेश गुर्जर तथा भंवर ट्रैक्टर पर सवार होकर उनके गांव गुलखेड़ी जा रहे थे. इसी दौरान तिराहे पर गांव के ही शिवराज सिंह तथा उसके पुत्र सत्येंद्र सिंह ने उनका ट्रैक्टर रुकवा लिया. साथ ही मुकेश गुर्जर को नीचे उतार लिया और 12 बोर की बंदूक से गोली चला दी. इस दौरान उन्होंने दोनों को छुड़ाने का प्रयास किया. इस बीच सत्येंद्र के पिता शिवराज सिंह ने दूसरी बंदूक से उन पर गोली चला दी, जिसमें वह बाल-बाल बच गए और भागकर जान बचाई.

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विशिष्ट लोक अभियोजक ने बताया कि बाद में मुकेश गुर्जर की इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके बाद अनुसंधान अधिकारी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 341/34 के तहत मामला दर्ज कर एडीजे कोर्ट में चालान पेश किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान 40 लोगों के बयानों और 42 दस्तावेजों को साक्षी मानते हुए एडीजी कोर्ट के विशिष्ट न्यायाधीश प्रशांत कुमार शर्मा ने दोनों आरोपियों को मुकेश गुर्जर की हत्या का दोषी ठहराते आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों को 50 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया है.

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