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भारतीय किसान संघ की मांग- MP की तर्ज पर दिए जाएं बिजली के बिल

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Published : Jul 6, 2020, 11:23 AM IST

झालावाड़ के मनोहर थाना क्षेत्र में भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने बिजली के बिल को लेकर ज्ञापन सौंपा. किसानों की मांग है कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम नहीं मिल पाया है. ऐसे में सरकार 6 माह के बिजली के बिल को माफ करे.

rajasthan news, झालावाड़ न्यूज
भारतीय किसान संघ नेल बिजली बिल को लेकर सौंपा ज्ञापन

मनोहरथाना (झालावाड़). जिले की मनोहरथाना पंचायत समिति के अंतर्गत बिजली की समस्याओं को लेकर चंदीपुर, छान, कामखेड़ा, खजूरी, खाताखेड़ी, कोलूखेड़ी के ग्रामिणों ने भारतीय किसान संघ के बैनर तले अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया.

किसानों का कहना है कि कोरोना महामारी को लेकर किसानों की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई है, क्योंकि किसानों को अपनी उपज की लागत मूल्य के आधार पर लाभकारी मूल्य नहीं मिल पाया है. ऐसी स्थिति में सरकार पिछले 6 माह का बिजली बिल माफ करें और किसानों को राहत प्रदान करे.

भारतीय किसान संघ नेल बिजली बिल को लेकर सौंपा ज्ञापन

किसानों की मांग है कि जनवरी 2012 से अब तक जो कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन की फाइलें है अभी तक पेंडिंग चल रही हैं. वे सभी कनेक्शन जारी कर किसानों को राहत प्रदान करें. पिछली सरकार की ओर से बिजली बिलों में दी जाने वाली सब्सिडी जो वर्तमान सरकार ने बंद कर दी है उसे पुनः चालू किया जाए. पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की तर्ज पर किसानों को जब तक स्थाई बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाते तब तक आवश्यकता अनुसार स्थाई विद्युत कनेक्शन कृषि के लिए उपलब्ध करवाए जाएं. किसानों को मासिक बिजली बिल के बजाया 6 मासिक बिजली बिल की व्यवस्था की जाए क्योंकि किसानों के पास साल में दो बार ही पैसे आते हैं.

ग्राम समिति अध्यक्ष राम कल्याण सेन ने बताया कि कृषि करने के लिए जो कृषि कनेक्शन है उन कनेक्शनों का 12 महीने का बिल दिया जाता है जो गलत है, क्योंकि किसान अपने खेत की मोटर मात्र 4 महीने चलाता है और बिल पूरे 12 महीने का देता है. सरकार किसानों को लूट रही है. जब नरेगा जैसे कार्यों में बिना काम के पैसे नहीं मिलते हैं तो किसानों से बिना बिजली जलाए बिल क्यों वसूले जा रहे हैं. कृषि कनेक्शनों का बिल 6 माह का ही निकाला जाना चाहिए. उक्त समस्याओं का समाधान समय रहते नहीं होता है तो भारतीय किसान संघ आंदोलन कर सकता है.

पढ़ें- झालावाड़ में दर्दनाक सड़क हादसा, 2 बाइक की जोरदार भिड़ंत में 4 की मौत, 1 घायल

भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने बताया कि जब नरेगा में कार्य किया जाता है तब जाकर भुगतान होता है, किसानों ने मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से शुरू करने की मांग की. जिसको लेकर किसानों ने ज्ञापन दिया.

किसानों का कहना है कि किसान दोनों फसलों में छोड़कर एक ही फसल में बिजली का उपयोग करता है. गर्मी में होने वाली फसल पैदावार के समय ही बिजली उपयोग होती है. ऐसे में 4 माह के बिजली बिल की जगह बिजली विभाग पूरे 1 साल का बिजली बिल लेता है. ऐसे में किसानों की मांग है जितनी बिजली उपयोग की जाए उतना ही बिल किसानों को दिया जाए.

मनोहरथाना (झालावाड़). जिले की मनोहरथाना पंचायत समिति के अंतर्गत बिजली की समस्याओं को लेकर चंदीपुर, छान, कामखेड़ा, खजूरी, खाताखेड़ी, कोलूखेड़ी के ग्रामिणों ने भारतीय किसान संघ के बैनर तले अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन दिया.

किसानों का कहना है कि कोरोना महामारी को लेकर किसानों की आर्थिक स्थिति में गिरावट आई है, क्योंकि किसानों को अपनी उपज की लागत मूल्य के आधार पर लाभकारी मूल्य नहीं मिल पाया है. ऐसी स्थिति में सरकार पिछले 6 माह का बिजली बिल माफ करें और किसानों को राहत प्रदान करे.

भारतीय किसान संघ नेल बिजली बिल को लेकर सौंपा ज्ञापन

किसानों की मांग है कि जनवरी 2012 से अब तक जो कृषि कनेक्शन के लिए आवेदन की फाइलें है अभी तक पेंडिंग चल रही हैं. वे सभी कनेक्शन जारी कर किसानों को राहत प्रदान करें. पिछली सरकार की ओर से बिजली बिलों में दी जाने वाली सब्सिडी जो वर्तमान सरकार ने बंद कर दी है उसे पुनः चालू किया जाए. पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की तर्ज पर किसानों को जब तक स्थाई बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाते तब तक आवश्यकता अनुसार स्थाई विद्युत कनेक्शन कृषि के लिए उपलब्ध करवाए जाएं. किसानों को मासिक बिजली बिल के बजाया 6 मासिक बिजली बिल की व्यवस्था की जाए क्योंकि किसानों के पास साल में दो बार ही पैसे आते हैं.

ग्राम समिति अध्यक्ष राम कल्याण सेन ने बताया कि कृषि करने के लिए जो कृषि कनेक्शन है उन कनेक्शनों का 12 महीने का बिल दिया जाता है जो गलत है, क्योंकि किसान अपने खेत की मोटर मात्र 4 महीने चलाता है और बिल पूरे 12 महीने का देता है. सरकार किसानों को लूट रही है. जब नरेगा जैसे कार्यों में बिना काम के पैसे नहीं मिलते हैं तो किसानों से बिना बिजली जलाए बिल क्यों वसूले जा रहे हैं. कृषि कनेक्शनों का बिल 6 माह का ही निकाला जाना चाहिए. उक्त समस्याओं का समाधान समय रहते नहीं होता है तो भारतीय किसान संघ आंदोलन कर सकता है.

पढ़ें- झालावाड़ में दर्दनाक सड़क हादसा, 2 बाइक की जोरदार भिड़ंत में 4 की मौत, 1 घायल

भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने बताया कि जब नरेगा में कार्य किया जाता है तब जाकर भुगतान होता है, किसानों ने मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से शुरू करने की मांग की. जिसको लेकर किसानों ने ज्ञापन दिया.

किसानों का कहना है कि किसान दोनों फसलों में छोड़कर एक ही फसल में बिजली का उपयोग करता है. गर्मी में होने वाली फसल पैदावार के समय ही बिजली उपयोग होती है. ऐसे में 4 माह के बिजली बिल की जगह बिजली विभाग पूरे 1 साल का बिजली बिल लेता है. ऐसे में किसानों की मांग है जितनी बिजली उपयोग की जाए उतना ही बिल किसानों को दिया जाए.

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