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स्पेशल: झालावाड़ में 6 जिलों की सरकारी शिक्षिकाएं सिख रही हैं Self defense के गुर, अब मनचलों की खैर नहीं - झालावाड़ में आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर

झालावाड़ में कोटा संभाग के 6 जिलों के सरकारी स्कूल की शारीरिक शिक्षिकाएं सक्षम आत्मरक्षा की ट्रेनिंग ले रही हैं. जिनमें वो पंच, किक, थ्रो, ब्लॉक सिख रही हैं. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बालिका और महिलाओं को आत्मरक्षा की दिशा में आगे बढ़ाना है.

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Published : Nov 19, 2019, 11:58 AM IST

झालावाड़. जिले के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में संभाग स्तरीय सक्षम आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है. इस शिविर में 6 जिलों से आई हुई पचानवे 95 शारीरिक शिक्षिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गयी है. जो वापस जाकर न सिर्फ अपने विद्यार्थियों को बल्कि अपने साथ के कर्मचारियों को भी सेल्फ डिफेंस सिखाएंगी.

6 जिलों की सरकारी शिक्षिकाएं सिखा रही हैं सेल्फ डिफेंस के गुर

बता दें कि बालिका और महिला सुरक्षा की दिशा में मजबूत कदम उठाते हुए आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से समग्र शिक्षा अभियान के तहत विद्यालयों में कार्यरत शारिरिक शिक्षिकाओं के लिए इसका आयोजन किया गया है. जिसमें करौली, टोंक, बूंदी, बारां, कोटा और झालावाड़ जिले के शारीरिक शिक्षिकाओं ने आत्मरक्षा के गुर सीखे है.

पढ़ेंः झालावाड़ः पटवार घर के बाहर कूड़े का ढेर बना राहगिरों के लिए परेशानी का सबब

शिविर में शिक्षिकाओं के लिए सेल्फ डिफेंस के अलग अलग सेशन लगाए गए है. जिनमें महिला ट्रेनर्स की ओर से ही इनको ट्रेनिंग दी गयी है. ट्रेनर्स ने बताया कि शिक्षिकाओं को यहां पर सेल्फ डिफेंस में जरूरी पंच, किक, ब्लॉक, थ्रो और हैंड मूवमेंट सिखाया गया है. ताकि यह शिक्षिकाएं स्वयं की रक्षा कर सकें. साथ ही आगे चलकर यह अपने विद्यार्थियों और साथी कर्मचारियों को भी आत्मरक्षा के गुण सिखा सकें.

ट्रेनिंग लेने के लिए आई शिक्षिकाओं का कहना है कि वह यहां पर सेल्फ डिफेंस सीख रहे है ताकि बालिकाओं और महिलाओं को सिखा सके. हैं जो कि लड़कियों के लिए बहुत जरुरी है. साथ ही बताया कि यहां पर उनको काफी अच्छे से प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

झालावाड़. जिले के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में संभाग स्तरीय सक्षम आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है. इस शिविर में 6 जिलों से आई हुई पचानवे 95 शारीरिक शिक्षिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गयी है. जो वापस जाकर न सिर्फ अपने विद्यार्थियों को बल्कि अपने साथ के कर्मचारियों को भी सेल्फ डिफेंस सिखाएंगी.

6 जिलों की सरकारी शिक्षिकाएं सिखा रही हैं सेल्फ डिफेंस के गुर

बता दें कि बालिका और महिला सुरक्षा की दिशा में मजबूत कदम उठाते हुए आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाने के उद्देश्य से समग्र शिक्षा अभियान के तहत विद्यालयों में कार्यरत शारिरिक शिक्षिकाओं के लिए इसका आयोजन किया गया है. जिसमें करौली, टोंक, बूंदी, बारां, कोटा और झालावाड़ जिले के शारीरिक शिक्षिकाओं ने आत्मरक्षा के गुर सीखे है.

पढ़ेंः झालावाड़ः पटवार घर के बाहर कूड़े का ढेर बना राहगिरों के लिए परेशानी का सबब

शिविर में शिक्षिकाओं के लिए सेल्फ डिफेंस के अलग अलग सेशन लगाए गए है. जिनमें महिला ट्रेनर्स की ओर से ही इनको ट्रेनिंग दी गयी है. ट्रेनर्स ने बताया कि शिक्षिकाओं को यहां पर सेल्फ डिफेंस में जरूरी पंच, किक, ब्लॉक, थ्रो और हैंड मूवमेंट सिखाया गया है. ताकि यह शिक्षिकाएं स्वयं की रक्षा कर सकें. साथ ही आगे चलकर यह अपने विद्यार्थियों और साथी कर्मचारियों को भी आत्मरक्षा के गुण सिखा सकें.

ट्रेनिंग लेने के लिए आई शिक्षिकाओं का कहना है कि वह यहां पर सेल्फ डिफेंस सीख रहे है ताकि बालिकाओं और महिलाओं को सिखा सके. हैं जो कि लड़कियों के लिए बहुत जरुरी है. साथ ही बताया कि यहां पर उनको काफी अच्छे से प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

Intro:झालावाड़ में कोटा संभाग के 6 जिलों के सरकारी स्कूल की शारीरिक शिक्षिकाएं सक्षम आत्मरक्षा की ट्रेनिंग ले रही है जिनमें वो पंच, किक, थ्रो, ब्लॉक सिख रही है। यह प्रशिक्षण बालिका व महिला सुरक्षा की दिशा में उठाया कदम माना जा रहा है। Body:झालावाड़ के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में संभाग स्तरीय सक्षम आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इस शिविर में 6 जिलों से आई हुई 95 शारीरिक शिक्षिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गयी है। जो वापस जाकर न सिर्फ अपने विद्यार्थियों को बल्कि अपने साथ के कर्मचारियों को भी सिखाएंगी। बालिका एवम महिला सुरक्षा की दिशा में मजबूत कदम उठाते हुए समग्र शिक्षा अभियान के द्वारा विद्यालयों में कार्यरत शारिरिक शिक्षिकाओं को आत्मरक्षा के लिए सक्षम बनाने का दिया गया है। जिसमें करौली, टोंक, बूंदी, बारां, कोटा व झालावाड़ जिले के शारीरिक शिक्षिकाओं ने आत्मरक्षा के गुर सीख सीखे है। यहां पर आई शिक्षिकाओं के लिए सेल्फ डिफेंस के अलग अलग सेशन लगाए गए हैं जिनमें महिला ट्रेनर्स के द्वारा ही इनको ट्रेनिंग दी गयी है।

ट्रेनर्स ने बताया कि शिक्षिकाओं को यहाँ पर सेल्फ डिफेंस में जरूरी पंच, किक, ब्लॉक, थ्रो और हैंड मूवमेंट सिखाया गया है ताकि यह शिक्षिकाएं स्वयं की रक्षा कर सकें साथ ही आगे चलकर यह अपने विद्यार्थियों और साथी कर्मचारियों को भी सिखा सकें।

ट्रेनिंग लेने के लिए आई शिक्षिकाओं का कहना है कि वह यहां पर सेल्फ डिफेंस सीख रहे हैं ताकि बालिकाओं व महिलाओं को सिखा सकें। यहां पर उनको काफी अच्छे से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।


Conclusion:बाइट 1 - कृष्णा वर्मा (ट्रेनर)
बाइट 2 - शमशाद बेगम (सह शिविर प्रभारी)
बाइट 3 - मंजू मेवाड़ा (प्रतिभागी)
बाइट 4 - शबाना कुरेशी (प्रतिभागी)
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