झालावाड़. शहर के एक स्कूल की शिक्षिका ने प्रिंसिपल पर उत्पीड़न करने के आरोप लगाए हैं. पीड़िता ने मंगलवार को एसपी कार्यालय में एक परिवाद दायर किया था. महिला थाना अधिकारी बाबूलाल ने बताया कि मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस ने बुधवार को आरोपी स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ महिला उत्पीड़न और एससी-एसटी एक्ट जैसी गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है. इस पूरे मामले की जांच झालावाड़ सीओ को सौंपी गई है.
बात न मानने पर 11 महीने का नोटिस : उन्होंने बताया कि पीड़िता की ओर से दायर परिवाद में बताया गया है कि वह पिछले 5 वर्षों से स्कूल में कार्यरत है. ग्रीष्म अवकाश के दौरान विद्यालय में समर कैंप का आयोजन हुआ था. इस दौरान प्रिंसिपल ने स्कूल के ऊपर वाली बिल्डिंग पर उसकी ड्यूटी लगा दी थी. पीड़िता का आरोप है कि इस दौरान प्रिंसिपल उसे एक कमरे में लेकर गया और उसका हाथ पकड़ा लिया. साथ ही उसके कहे अनुसार काम न करने पर स्कूल से निकालने की धमकी दी. पीड़िता ने बताया कि पिछले एक साल से प्रिंसिपल ने उसके काम की खूब तारीफ की, लेकिन उनकी बात न मानने पर उसे 11 महीने का नोटिस दे दिया गया. इसके साथ ही उसे कई प्रकार से टॉर्चर किया गया.
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प्रिंसिपल ने दी सफाई : पूरे मामले पर अपनी सफाई पेश करते हुए स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि शिक्षिका की ओर से उनपर लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं. उसने दावा किया है कि शिक्षिका लगातार अपने पति को स्कूल में रखने की मांग कर रही थी. छात्रों के अभिभावक की ओर से भी शिक्षिका की शिकायत आ चुकी थी. स्कूल मीटिंग के दौरान शिक्षकों पर कई बार हंसी मजाक में कमेंट किए जाते हैं, लेकिन किसी शिक्षक ने आज तक इसकी शिकायत नहीं की है.