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चंद्रभागा मेले में सांस्कृतिक समारोह का आयोजन, कठपुतलियों द्वारा गणेश वंदना कर कार्यक्रम का शुभारंभ

झालावाड़ के झालारापाटन में चल रहे चंद्रभागा मेले में बुधवार को लोकरंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कार्यक्रम की शुरूआत अनूठे रूप से कठपुतलियों द्वारा गणेश वंदना कर की गई. वहीं समारोह में लोक कलाकारों ने विभिन्न राजस्थानी लोक नृत्य प्रस्तुत किए.

झालावाड़ न्यूज, jhalawar news
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Published : Nov 13, 2019, 11:45 PM IST

झालावाड़. जिले के झालरापाटन में आयोजित चंद्रभागा मेले में 3 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसकी तहत बुधवार को लोकरंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें राजस्थान के विभिन्न लोक नृत्यों को कलाकारों ने प्रस्तुत किया.

चन्द्रभागा मेले में लोकरंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

जहां आमतौर पर भजनों और नृत्यों से गणेश वंदना करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाता है लेकिन, इस कार्यक्रम में कठपुतलियों ने नृत्य के माध्यम से गणेश वंदना की शुरूआत की, जिसे देखकर दर्शक रोमांचित हो उठे. गणेश वंदना के बाद कठपुतलियों ने ही चरी नृत्य किया गया, जिनमें कठपुतलियों के सिर पर चरी में जलती हुई आग रखी गई और उसके बाद कलाकारों ने कठपुतलियों को नृत्य करवाया.

यह भी पढ़ें. स्पेशल स्टोरी: अच्छे भाव के चलते बढ़ रहा कोटा संभाग में लहसुन का रकबा, 1 लाख पहुंचने का अनुमान

कार्यक्रम में बारां जिले के छबड़ा से आए कलाकारों ने चकरी नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे लोगों ने खूब सराहा. वहीं इस दौरान भंवई नृत्य किया गया, जिसमें ग्रामीण अंचल के जनजीवन को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. समरोह में झालावाड़ जिले के खानपुर के कलाकारों ने कानग्वालि नृत्य भी प्रस्तुत किया, जिसमें श्री कृष्ण के कई प्रसंगों को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया.

मेले के दौरान राजस्थान में सबसे प्रसिद्ध माने जाने वाले कालबेलिया, तेरहताली और घूमर नृत्य भी कलाकारों ने प्रस्तुत किए. जिन्हें देखकर लोगों ने खूब आनंद उठाया. लोकरंग के इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए साथ ही कई मेले में आये कई पशुपालक और पर्यटक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और राजस्थानी लोक नृत्य को सराहा.

झालावाड़. जिले के झालरापाटन में आयोजित चंद्रभागा मेले में 3 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसकी तहत बुधवार को लोकरंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें राजस्थान के विभिन्न लोक नृत्यों को कलाकारों ने प्रस्तुत किया.

चन्द्रभागा मेले में लोकरंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन

जहां आमतौर पर भजनों और नृत्यों से गणेश वंदना करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाता है लेकिन, इस कार्यक्रम में कठपुतलियों ने नृत्य के माध्यम से गणेश वंदना की शुरूआत की, जिसे देखकर दर्शक रोमांचित हो उठे. गणेश वंदना के बाद कठपुतलियों ने ही चरी नृत्य किया गया, जिनमें कठपुतलियों के सिर पर चरी में जलती हुई आग रखी गई और उसके बाद कलाकारों ने कठपुतलियों को नृत्य करवाया.

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कार्यक्रम में बारां जिले के छबड़ा से आए कलाकारों ने चकरी नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे लोगों ने खूब सराहा. वहीं इस दौरान भंवई नृत्य किया गया, जिसमें ग्रामीण अंचल के जनजीवन को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. समरोह में झालावाड़ जिले के खानपुर के कलाकारों ने कानग्वालि नृत्य भी प्रस्तुत किया, जिसमें श्री कृष्ण के कई प्रसंगों को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया.

मेले के दौरान राजस्थान में सबसे प्रसिद्ध माने जाने वाले कालबेलिया, तेरहताली और घूमर नृत्य भी कलाकारों ने प्रस्तुत किए. जिन्हें देखकर लोगों ने खूब आनंद उठाया. लोकरंग के इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए साथ ही कई मेले में आये कई पशुपालक और पर्यटक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और राजस्थानी लोक नृत्य को सराहा.

Intro:चंद्रभागा मेले में लोकरंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लोक कलाकारों ने विभिन्न राजस्थानी लोक नृत्य प्रस्तुत किए।


Body:झालावाड़ के झालरापाटन में आयोजित चंद्रभागा मेले में तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. ऐसे में आज लोकरंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें राजस्थान के विभिन्न लोक नृत्यों को कलाकारों ने प्रस्तुत किया। आमतौर पर भजनों व नृत्यों से गणेश वंदना करते हुए कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाता है लेकिन इस कार्यक्रम में कठपुतलियों ने नृत्य के माध्यम से शुरुआत गणेश वंदना की जिसे देखकर दर्शक रोमांचित हो उठे. गणेश वंदना के बाद कठपुतलियों ने ही चरी नृत्य किया गया जिनमें कठपुतलियों के सिर पर चरी में जलती हुई आग रखी गई और उसके बाद कलाकारों ने कठपुतलीयों को नृत्य करवाया. कार्यक्रम में बारां जिले के छबड़ा से आए कलाकारों ने चकरी नृत्य प्रस्तुत किया जिसे लोगों ने खूब सराहा। कार्यक्रम के दौरान भंवई नृत्य किया गया जिसमें ग्रामीण अंचल के जनजीवन को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम में झालावाड़ जिले के खानपुर के कलाकारों ने कानग्वालि नृत्य भी प्रस्तुत किया जिसमें श्री कृष्ण के कई प्रसंगों को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।

कार्यक्रम के दौरान राजस्थान में सबसे प्रसिद्ध माने जाने वाले कालबेलिया, तेरहताली व घूमर नृत्य कलाकारों ने प्रस्तुत किया. जिन्हें देखकर लोगों ने खूब आनंद उठाया. लोकरंग के इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए साथ ही कई मेले में आये कई पशुपालक व पर्यटक भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए और राजस्थानी लोक नृत्य को देखा.


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