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Special: मध्यप्रदेश के मरीजों ने बिगाड़ी झालावाड़ जिला अस्पताल की सेहत ! - Rajasthan News

झालावाड़ में कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है. जिला अस्पताल खुद वेंटीलेटर पर आ पहुंचा है. नए संक्रमितों में करीब 50 फीसदी मध्यप्रदेश के हैं. जिससे झालावाड़ मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं.

Lack of beds in Jhalawar District Hospital,  Jhalawar District Hospital
एमपी के मरीजों ने बिगाड़ी व्यवस्थाएं
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Published : Apr 26, 2021, 8:50 PM IST

Updated : Apr 26, 2021, 9:59 PM IST

झालावाड़. मध्यप्रदेश का सीमावर्ती जिला होने की वजह से बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश के लोग झालावाड़ आते हैं. जिला प्रशासन ने सीमा पर 6 पोस्ट बनाई है, लेकिन मध्यप्रदेश के लोग बड़ी संख्या में झालावाड़ में प्रवेश कर रहे हैं और अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. यहां 4 दिन में 28 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 11 लोग मध्यप्रदेश के हैं.

एमपी के मरीजों ने बिगाड़ी व्यवस्थाएं

पढ़ें- SPECIAL : ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी पर सियासत...कांग्रेस के आरोप कटारिया ने किए खारिज, प्रदेश सरकार से किए ये सवाल

एमपी के मरीजों ने बिगाड़ी व्यवस्थाएं

झालावाड़ अस्पताल के कोविड वार्ड में कुल 60 पलंग हैं. सभी पहले ही भर चुके हैं. अस्पताल के दूसरे वार्डों में भी कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की गई है. ऐसे में झालावाड़ चिकित्सालय में कोरोना के कुल सवा दो सौ मरीज भर्ती हैं. इनमें 100 से ज्यादा मरीज मध्य प्रदेश के हैं. जिसके चलते ऑक्सीजन की खपत सवा सौ सिलेंडरों से बढ़कर 600 सिलेंडरों पर जा पहुंची है. ऑक्सीजन का टोटा पड़ने लगा है. ऐसे में अस्पताल और मेडिकल कॉलेज प्रशासन की सांसें फूल गई हैं. वे दबी जुबां में स्थिति के बिगड़ जाने की बात कह रहे हैं.

जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों ने बताया कि मध्यप्रदेश के राजगढ़, जीरापुर, मंदसौर, आगर, इंदौर और उज्जैन के मरीज झालावाड़ में आ रहे हैं क्योंकि इंदौर और भोपाल के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी है.

सीमाओं पर चौकसी नहीं होने से बिगड़े हालात

सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक दूसरे राज्यों से आने वाले मरीजों को कोविड-19 रिपोर्ट दिखाने के बाद ही प्रवेश दिया जाना है, लेकिन झालावाड़ जिले की मध्यप्रदेश से सटी सीमाओं पर महज खानापूर्ति की जा रही है. जिसके चलते धड़ल्ले से निजी वाहनों के साथ साथ रोडवेज, लोक परिवहन और निजी बसों के द्वारा भी मध्यप्रदेश से कोविड-19 के मरीज झालावाड़ पहुंच रहे हैं.

पढ़ें- SPECIAL : कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही न हों परेशान...सीटी स्कैन, चेस्ट X-Ray और रेमडेसीविर इंजेक्शन की सब को नहीं है जरूरत

जिला कलेक्टर, एसपी, एसडीएम और पुलिस उपाधीक्षक चेक पोस्टों और सीमाओं के दौरे कर रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश से मरीजों का आवागमन नहीं रुक पा रहा है. एसपी का कहना है कि लगभग 15 दिनों पहले ही सीमाओं पर चेक पोस्ट बनाकर कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट देखने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है.

मध्यप्रदेश के मरीज इस्तेमाल कर रहे हैं झालावाड़ के हिस्से की ऑक्सीजन

मध्यप्रदेश में कोरोना की स्थिति बद से बदतर हो गई है. वहां हालात नियंत्रण से बाहर हैं. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राजस्थान, विशेषकर झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के लिए भोपाल और इंदौर से आने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई को ठेका निरस्त करते हुए रोक दिया गया है. ऐसे में झालावाड़ जिले के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की काफी किल्लत हो गई है.

लेकिन, हैरत की बात यह है कि झालावाड़ अस्पताल में ऑक्सीजन का उपभोग करने वाले मरीजों में लगभग आधी संख्या मध्यप्रदेश के मरीजों की है. ऐसे में झालावाड़ मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पर दोगुनी मार पड़ रही है. एक तो ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी आ गई है. दूसरा मध्य प्रदेश के ही मरीज सर्वाधिक आक्सीजन का उपभोग झालावाड़ अस्पताल में कर रहे हैं.

झालावाड़. मध्यप्रदेश का सीमावर्ती जिला होने की वजह से बड़ी संख्या में मध्यप्रदेश के लोग झालावाड़ आते हैं. जिला प्रशासन ने सीमा पर 6 पोस्ट बनाई है, लेकिन मध्यप्रदेश के लोग बड़ी संख्या में झालावाड़ में प्रवेश कर रहे हैं और अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. यहां 4 दिन में 28 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 11 लोग मध्यप्रदेश के हैं.

एमपी के मरीजों ने बिगाड़ी व्यवस्थाएं

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एमपी के मरीजों ने बिगाड़ी व्यवस्थाएं

झालावाड़ अस्पताल के कोविड वार्ड में कुल 60 पलंग हैं. सभी पहले ही भर चुके हैं. अस्पताल के दूसरे वार्डों में भी कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने की व्यवस्था की गई है. ऐसे में झालावाड़ चिकित्सालय में कोरोना के कुल सवा दो सौ मरीज भर्ती हैं. इनमें 100 से ज्यादा मरीज मध्य प्रदेश के हैं. जिसके चलते ऑक्सीजन की खपत सवा सौ सिलेंडरों से बढ़कर 600 सिलेंडरों पर जा पहुंची है. ऑक्सीजन का टोटा पड़ने लगा है. ऐसे में अस्पताल और मेडिकल कॉलेज प्रशासन की सांसें फूल गई हैं. वे दबी जुबां में स्थिति के बिगड़ जाने की बात कह रहे हैं.

जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों ने बताया कि मध्यप्रदेश के राजगढ़, जीरापुर, मंदसौर, आगर, इंदौर और उज्जैन के मरीज झालावाड़ में आ रहे हैं क्योंकि इंदौर और भोपाल के अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी है.

सीमाओं पर चौकसी नहीं होने से बिगड़े हालात

सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक दूसरे राज्यों से आने वाले मरीजों को कोविड-19 रिपोर्ट दिखाने के बाद ही प्रवेश दिया जाना है, लेकिन झालावाड़ जिले की मध्यप्रदेश से सटी सीमाओं पर महज खानापूर्ति की जा रही है. जिसके चलते धड़ल्ले से निजी वाहनों के साथ साथ रोडवेज, लोक परिवहन और निजी बसों के द्वारा भी मध्यप्रदेश से कोविड-19 के मरीज झालावाड़ पहुंच रहे हैं.

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जिला कलेक्टर, एसपी, एसडीएम और पुलिस उपाधीक्षक चेक पोस्टों और सीमाओं के दौरे कर रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश से मरीजों का आवागमन नहीं रुक पा रहा है. एसपी का कहना है कि लगभग 15 दिनों पहले ही सीमाओं पर चेक पोस्ट बनाकर कोविड-19 नेगेटिव रिपोर्ट देखने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है.

मध्यप्रदेश के मरीज इस्तेमाल कर रहे हैं झालावाड़ के हिस्से की ऑक्सीजन

मध्यप्रदेश में कोरोना की स्थिति बद से बदतर हो गई है. वहां हालात नियंत्रण से बाहर हैं. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राजस्थान, विशेषकर झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के लिए भोपाल और इंदौर से आने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई को ठेका निरस्त करते हुए रोक दिया गया है. ऐसे में झालावाड़ जिले के मरीजों के लिए ऑक्सीजन की काफी किल्लत हो गई है.

लेकिन, हैरत की बात यह है कि झालावाड़ अस्पताल में ऑक्सीजन का उपभोग करने वाले मरीजों में लगभग आधी संख्या मध्यप्रदेश के मरीजों की है. ऐसे में झालावाड़ मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पर दोगुनी मार पड़ रही है. एक तो ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी आ गई है. दूसरा मध्य प्रदेश के ही मरीज सर्वाधिक आक्सीजन का उपभोग झालावाड़ अस्पताल में कर रहे हैं.

Last Updated : Apr 26, 2021, 9:59 PM IST
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