जयपुर. वसुंधरा राजे के गढ़ झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर कांग्रेस 30 साल से जीत की तलाश कर रही थी. इसके लिए उन्होंने पिछले एक साल में राहुल गांधी, सुष्मिता देव, दिग्विजय सिंह, अशोक गहलोत, सचिन पायलट, मानवेंद्र सिंह, नवजोत सिंह सिद्धू और हार्दिक पटेल जैसे दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के दौरे भी करवाते हुए पूरी ताकत झोंकने का प्रयास किया, लेकिन जीत नहीं पाए.
वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद शर्मा अपना खुद का बूथ भी नहीं जीत पाए. शर्मा के बूथ नंबर 31 पर बीजेपी के दुष्यंत सिंह को 555 वोट मिले, जबकि शर्मा को केवल 224 वोट ही मिल पाए. ऐसे में शर्मा अपना खुद के बूथ से ही 331 वोटों से हार गए.
इस लोकसभा क्षेत्र से राज्य की कांग्रेस सरकार में मंत्री प्रमोद जैन भाया भी अपना बूथ बचाने में नाकामयाब रहे. भाया के बूथ नंबर 80 पर कांग्रेस को 184 वोट ही मिल पाए, जबकि बीजेपी को 474 वोट मिले. यहां पर भी कांग्रेस 289 वोटों से पिछड़ गई.
बारां जिले के कांग्रेस जिलाध्यक्ष और विधायक पानाचंद मेघवाल के बूथ 204 पर भी कांग्रेस 29 वोटों से पिछड़ गई. वहीं, कांग्रेस को झालावाड़ नगर परिषद के सभापति और झालरापाटन चेयरमैन के बूथ पर भी कांग्रेस को करारी हार देखने को मिली. पूरे लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के कई स्थानीय बड़े नेताओं के बूथ और वार्ड में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ रहा है.
इस बार लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के परंपरागत वोट भी खिसके हैं. कुल मतदान का भाजपा को 64.08 फीसदी वोट मिला, जबकि कांग्रेस केवल 31.63 फ़ीसदी वोट ही बटोर पाई. ऐसे में जब कांग्रेस के उम्मीदवार, मंत्री और विधायक अपने बूथ पर ही नहीं जीत पाए तो पूरे लोकसभा सीट को जीतना बहुत मुश्किल था.