झालावाड़. जिलें में शनिवार को चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई. जिसमें कुल 5314 प्रकरण रखे गए. जिनका 18 बैंचों ने 873 प्रकरणों का निस्तारण किया. राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार संपूर्ण झालावाड़ में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. लोक अदालत का शुभारंभ जिला और सेशन न्यायाधीश अतुल कुमार सक्सेना ने दीप प्रज्वलन करते हुए किया.
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव बीएल चन्देल ने बताया कि शनिवार को देश में चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई जा रही है. जिसका उद्देश्य लोक अदालत की भावना से अधिक से अधिक प्रकरणों का निस्तारण करना है. जिससे न्यायालय में लम्बित मामले कम हो सके. इसमें किसी भी प्रकार की कोर्ट फीस नहीं लगती है साथ ही किसी भी सिविल केस में अगर फीस जमा की गई है या शनिवार के दिन उस केस का निस्तारण होता है तो उसकी पूरी फीस वापस लौटाई जाती है. जिससे पक्षकारों में आपस में प्रेम भाव बना रहता है.
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इसके अलावा कोर्ट का अनावश्यक रूप से समय भी खराब नहीं होता है. ऐसे में शनिवार की लोक अदालत में न्यायालय में लंबित कुल 5314 प्रकरण रखे गए है जिनमें से 3377 प्रकरण और प्री लिटिगेशन के 1937 प्रकरण है. इनके लिए संपूर्ण झालावाड़ न्याय क्षेत्र में कुल 18 बैंचो का गठन करते हुए सुनवाई की गई. ऐसे में कुल 873 प्रकरणों का निस्तारण किया गया. जिनमें से 726 प्रकरण और 147 प्री लिटिगेशन प्रकरणों का निस्तारण किया.
जयपुर के निर्देश पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन
चितौड़गढ़. राष्ट्रीय और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के निर्देश पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. बता दें कि प्राधिकरण अध्यक्ष हेमंत कुमार जैन के आदेश पर शनिवार को जिला मुख्यालय और समस्त ताल्लुका मुख्यालयों पर स्थित न्यायालयों में वृहद् स्तर पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया.
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में दाण्डिक शमनीय प्रकरण, धारा 138 एन आई एक्ट, बैंक रिकवरी, एमएसीटी, पारिवारिक मामले, सिविल प्रकृति के प्रकरणों का आपसी सहमति के आधार पर कुल 837 प्रकरणों का निस्तारण किया गया. जिसमें 5 करोड 73 लाख 78 हजार 720 रूपये का अवार्ड पारित किया गया. इसके अतिरिक्त बैंक लोन, बीएसएनएल से संबंधित कुल 128 प्री-लिटिगेशन आवेदनों का निस्तारण किया जाकर 55 लाख 79 हजार 515 रूपये का अवार्ड पारित किया गया.
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जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 965 प्रकरणों का निस्तारण किया. 6 करोड 29 लाख 58 हजार 235 रूपये का अवार्ड पारित किया गया. इन प्रकरणों को निस्तारित करने में कुल 24 बेंचों ने कार्य किया. राष्ट्रीय लोक अदालत प्रभारी और एडीजे-01 सुनील कुमार गुप्ता ने राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सफल बनाने मे सहयोग करने वाले न्यायिक अधिकारीगण, बैंच के सदस्यगण्, अधिवक्तागण, पक्षकारान्, न्यायिक कर्मचारियों और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण् का आभार व्यक्त किया.
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जिला मुख्यालय पर संचालित महाराणा प्रताप विधि महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने न्यायालय परिसर में विभिन्न न्यायालयों में गठित बेंचेज की कार्यवाही देखी. वहीं, पारिवारिक न्यायालय में विचाराधीन 3 अलग-अलग प्रकरणों के दंपति विगत कई सालों से विचारों के मतभेद और आपसी कलह के कारण अलग-अलग रह रहे थे, जिनके प्रकरण का लोक अदालत में निस्तारण हो गया. न्यायाधीश शिव कुमार शर्मा की तरफ से समझाईश के बाद तीनो प्रकरण में दंपति एक दुजे के संग रहने के लिए राजी हो गये. लोक अदालत के प्रभारी गुप्ता ने बताया कि न्यायालय परिसर के मुख्य द्वार पर पूछताछ और सहायता केन्द्र स्थापित किया गया. जिससे न्यायालय परिसर में प्रवेश करने वाले पक्षकार को बैंचेज और प्रकरण की सुनवाई कहां होगी इसके बारे में जानकारी दी गई.