जालोर. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायतीराज में जिला परिषद और पंचायत समिति के आम चुनावों का कार्यक्रम घोषित कर दिया है. जिसके अनुसार जिले में चार चरणों में चुनाव करवाए जाएंगे. जिले में पंचायतीराज संस्थाओं के जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव 2020 होने के कारण और चुनाव शांतिपूर्वक, स्वतंत्र, निष्पक्ष और सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न करवाने की दृष्टि से सम्पूर्ण जिले में 24 अक्टूबर से निषेधाज्ञा जारी की है, जो कि आगामी 11 दिसम्बर 2020 तक प्रभावी रहेगी.
जिला मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 24 अक्टूबर को घोषित कार्यक्रमानुसार जिले में पंचायतीराज संस्थाओं के जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों के आम चुनाव 2020 होने जा रहे हैं. चुनाव को शान्तिपूर्वक, स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं सुव्यवस्थित रूप से सम्पन्न कराया जाना नितान्त आवश्यक है. इसके लिए असामाजिक, अवांछित एवं समाज विरोधी तत्वों की गैर कानूनी गतिविधियों को नियन्त्रित करने तथा कानून व्यवस्था एवं लोक शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबन्धात्मक उपाय किया जाना आवश्यक है.
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जिला मजिस्ट्रेट ने उपर्युक्त परिस्थितियों, प्रयोजन एवं राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों को देखते हुए जिले में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत सम्बंधित निर्वाचन क्षेत्रों में निषेधाज्ञा जारी की है. जिसके तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के विस्फोटक पदार्थ, घातक रासायनिक पदार्थ, आग्नेय शस्त्र जैसे रिवोल्वर, पिस्टल, राईफल, बन्दूक (एमएल गन एवं बीएल गन) आदि और अन्य घातक हथियार जैसे गण्डासा, फर्सा, तलवार, भाला, कृपाण, चाकू, छुरी, बर्छी, गुप्ती, कटार, धारिया, बाघनख (शेर पंजा) जो किसी भी धातु का बना हो आदि तथा विधि द्वारा प्रतिबन्धित हथियार और मोटे घातक हथियार, लाठी आदि सार्वजनिक स्थानों पर धारण कर न तो घूमेगा, न ही प्रदर्शन करेगा और न ही प्रयोग करेगा.
उन्होंने बताया कि यह आदेश ड्यूटी पर तैनात सीमा सुरक्षा बल, राजस्थान राजस्थान सशस्त्र पुलिस, राजस्थान सिविल पुलिस, चुनाव ड्यूटी में तैनात सैनिक, अर्द्धसैनिक बल, होमगार्ड एवं चुनाव ड्यूटी में मतदान केन्द्रों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा. इसके अलावा वृद्ध, अपाहिज एवं बीमार व्यक्ति जो बिना लाठी के सहारे नहीं चल सकते है, लाठी का उपयोग चलने में सहारा लेने के लिए कर सकेंगे. वही सिख समुदाय के लोगों को धार्मिक परम्परा के अनुसार कृपाण धारण करने की छूट होगी. यह आदेश शस्त्र अनुज्ञापत्र नवीनीकरण के लिए आदेशानुसार शस्त्र निरीक्षण करवाने अथवा शस्त्र पुलिस थाने में जमा कराने के लिए ले जाने पर लागू नहीं होगा.
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इसके अलावा सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रयोजन के लिए जुलूस, रैली, सभा, धरना आदि का आयोजन नहीं करेगा. सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना ध्वनि विस्तारण यंत्र का प्रयोग नहीं करेगा. विशेष परिस्थितियों में ध्वनि विस्तारण यंत्र के उपयोग के लिए सक्षम अधिकारी द्वारा प्रातः 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक दी जा सकेगी, लेकिन अनुमति इस प्रकार नहीं दी जाएगी कि जिससे यातायात व्यवस्था, लोकसुविधा एवं लोकशान्ति विक्षुब्ध हो. यह प्रतिबन्ध बारात एवं शव यात्रा पर लागू नहीं होगा.
उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति साम्प्रदायिक सद्भावना को ठेस पहुंचाने वाले तथा उत्तेजक नारे नहीं लगाएगा, न ही ऐसा कोई भाषण या उद्बोधन देगा और न ही ऐसे किसी पेम्पलेट, पोस्टर या अन्य प्रकार की चुनाव सामग्री छापेगा या छपवायेगा, न ही वितरण करेगा या वितरण करवायेगा. इसके अलावा एम्पलीफायर, रेडियो, टेप रिकार्डर, लाउडस्पीकर, ऑडियो- वीडियो कैसेट, सीडी या अन्य किसी दृश्य-श्रव्य इलेक्ट्रोनिक साधनों या इन्टरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने पर भी रोक रहेगी.