रानीवाड़ा (जालोर). रानीवाड़ा उपखंड प्रशासन की संवेदनशीलता के कारण अपने परिवार से बिछड़ी हुई महिला मिल गई. हीरपुरा गांव में अपने परिजनों से बिछड़ी हुई तमिलनाडु की एक अर्द्धविक्षिप्त महिला तमिल सैल्वी को उपखंड प्रशासन ने परिजनों से मिलवाया.
उपखंड अधिकारी को सूचना मिली कि दक्षिण भारत की लगभग 50 साल की अर्द्धविक्षिप्त महिला रानीवाड़ा-सांचौर रोड पर स्थित हीरपुरा गांव में बैठी मिली. पूछने पर वो नाम पता कुछ नहीं बता पा रही थी. उपखंड अधिकारी प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने सूचना देने वाले से निवेदन किया कि वे तुरंत ही उस महिला को उपखंड कार्यालय रानीवाड़ा पहुंचा दे. सूचना देने वाले हीरपुरा निवासी प्रधानाध्यापक जैसाराम मेघवाल ने महिला को उपखण्ड कार्यालय पहुंचा दिया.
जिसके बाद प्रकाशचन्द्र अग्रवाल ने बता किया कि महिला तमिलनाडु की है. अधिकारियों ने चेन्नई के व्यवसायी हाल गोदन निवासी निम्बाराम चौधरी से मोबाइल पर महिला से बात कराने के प्रयास किए. महिला से बातचीत में पता चला कि उस महिला का नाम तमिल सेल्वी है. उसके पति का नाम मणी अय्यर है. वे अर्नामंगलम के बरनावटा गांव की निवासी है.
जिसके बाद तहसीलदार को महिला की वाट्सएप के माध्यम से तस्वीर भेजी गई. कुछ ही समय में महिला के परिचितों से संपर्क हो गया. महिला के भाई आरूल और कुछ मारवाड़ी समाजसेवी व्यवसायियों से बात की. जिसके बाद महिला के रिश्तेदार रानीवाड़ा पहुंचे.
एक साल में एसडीएम ने चौथे व्यक्ति को अपने परिजनों से मिलवाया
रानीवाडा उपखंड अधिकारी प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने पिछले एक साल में कुल चार लोगों को अपने परिजनों से मिलवाया है. उन्होंने मई 2020 में 15 साल से घरवालों से बिछड़े अर्जुनसिंह को झारखंड, जनवरी 2021 में 3 साल से घरवालों से बिछड़ी मीना को तमिलनाडु और कच्छ गुजरात से निकली महिला को नारी निकेतन के माध्यम से परिजनों तक पहुंचाकर उनके होंठों पर मुस्कान लौटाई है.
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महिला के भाई ने दिया धन्यवाद
रानीवाड़ा उपखंड अधिकारी प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि 25 जून शुक्रवार को सुबह की फ्लाइट से महिला के भाई आरूल चेन्नई से रानीवाड़ा पहुंचे. उसके बाद आवश्यक कागजात तैयार कर दोपहर में महिला को उसके भाई के साथ चेन्नई रवाना कर दिया गया. तमिल सेल्वी के भाई आरूल ने भावुकता के साथ उपखंड अधिकारी प्रकाशचंद्र अग्रवाल और सहयोग करने वाले सभी लोगों का बेहद धन्यवाद दिया है.