रानीवाड़ा (जालोर). जिले में जसवंतपुरा के कलापुरा गांव के विश्वकर्मा मंदिर में सोमवार को सुथार समाज (देवलावटी मगरा परगना) की बैठक आयोजित हुई. बैठक में सुथार समाज के बंधुओं ने मृत्युभोज को पूर्ण रूप से बंद करने का निर्णय लिया. समाज के लोगों ने ये निर्णय मृत्युभोज को एक अभिशाप बताते हुए लिया गया.
बैठक में सकारात्मक पहल के साथ सर्वसम्मति से समाज हित में लिए इस निर्णय का सभी ने गर्मजोशी से स्वागत किया. साथ ही सुथार समाज के लोगों ने मृत्युभोज बंद करने की भी शपथ ली.
पढ़ें: RBSE: 12वीं कॉमर्स वर्ग का रिजल्ट जारी, 94.49 फीसदी रहा परिणाम
इस दौरान सुथार समाज के अध्यक्ष फूलाराम सीलदर ने कहा कि एक तो मृत्यु होने पर परिवार में गम का माहौल होता है, वहीं दूसरी ओर मृत्युभोज देना अच्छी बात नहीं है. मृत्युभोज से समाज के लोगों पर अनावश्यक बोझ भी पड़ता है. इस वजह से समाज ने अच्छी पहल करते हुए इसे बंद करने का निर्णय लिया है. साथ ही अफीम मनुहार पर भी पूर्णरूप से पाबंदी लगाई है. वहीं, उन्होंने कहा कि समाज द्वारा लिया गया ये निर्णय आने वाली पीढ़ी के लिए कल्याणकारी होगा और युवा वर्ग की सोच बदलने के साथ-साथ उनकी आर्थिक परिस्थितियों में भी मददगार साबित होगा.
पढ़ें: जयपुर: एक पोस्टमैन के भरोसे चल रहा आजादी के पहले का डाकघर, रिक्त पदों पर नहीं हो रही भर्ती
इस दौरान समाज को नशामुक्त बनाने का भी संकल्प लिया गया. साथ ही समाज में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक गतिविधियों पर चर्चा की गई. इस मौके पर सुथार समाज के उपाध्यक्ष बाबूलाल विकणवास, कोषाध्यक्ष जीवराज जसवंतपुरा, सचिव भूरमल अनापुर और व्यवस्थापक जेठाराम मेर मांडवाडा सहित समाज के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.