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लॉकडाउन में भी जालोर एसपी बेफिक्र, गुजरात सीमा से लगे सांचौर पुलिस थाने में SHO का पद खाली

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Published : Apr 11, 2020, 12:57 PM IST

जालोर के सांचौर पुलिस थाने में पिछले 18 मार्च से थानाधिकारी का पद खाली पड़ा है. जिसके कारण कानून व्यवस्था बिगड़ रही है. इस थाने में पिछले एक माह में दो थानाधिकारियों को हटाया गया है और वहीं वापस किसी को नहीं लाया गया है. ऐसे में एसपी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.

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सांचोर पुलिस थाने में थानाधिकारी का पद खाली

जालोर. गुजरात सीमा से सटा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सांचौर थाने में थानाधिकारी फुटबाल बन कर रह गए हैं. एक माह में दूसरी बार थानाधिकारी को बदल दिया गया है. जिसके कारण एक बार फिर थानाधिकारी का कार्यभार थाने में कार्यरत एसआई जगत सिंह को देना पड़ा है. सीआई की पोस्ट में कम रैंक के अधिकारियों से काम चल रहा है. जिसके कारण सांचौर में पुलिस की साख पर बट्टा लग रहा है.

यह भी पढ़ें- COVID-19 : चिकित्सा मंत्री का दावा, राजस्थान में 6 करोड़ 10 लाख लोगों की स्क्रीनिंग पूरी

वहीं कोरोना वायरस के चलते पूरे जिले में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन की पालना करवाने में पुलिस की अहम भूमिका होती है, लेकिन सीमावर्ती सांचौर पुलिस थाने में व्यवस्था संभालने वाले जिम्मेदार अधिकारी का पद ही खाली पड़ा है, जिसके कारण सांचौर शहर सहित आस-पास के गांवों में लॉकडाउन के बावजूद धड़ल्ले से वाहन दौड़ते नजर आते हैं.

एक माह में दो थानाधिकारी बदले

जिले के सीमावर्ती सांचौर थाने में पहले कैलाश दान कार्यरत थे, लेकिन एसपी ने 18 मार्च को आदेश जारी करके कैलाशदान को लाइन में लगा दिया था. उसके बाद थाने में एसआई जगत सिंह को कार्यभार दे दिया गया. कुछ दिन बाद आहोर थाने के थानाधिकारी घेवर सिंह को सांचौर में लगाया गया, लेकिन मात्र 5 दिन बाद घेवर सिंह को सांचौर से हटा दिया गया. ऐसे में एक बार फिर सांचौर थाने की कमान जगत सिंह के हाथों में दे दी गई है.

खाली पद से बेखौफ हो रहे बदमाश

जिला का सांचौर पुलिस थाना अपराध का गढ़ रहा है. यहां से नेशनल हाइवे 68 निकलता है. साथ में पड़ोसी राज्य गुजरात की सीमा लगती है, जिसके चलते इस क्षेत्र से तस्करी बहुत ज्यादा होती है. ऐसे संवेदनशील थाने में एक माह से थानाधिकारी का पद खाली रहना एसपी हिम्मत अभिलाष टांक की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता हैं.

जालोर. गुजरात सीमा से सटा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सांचौर थाने में थानाधिकारी फुटबाल बन कर रह गए हैं. एक माह में दूसरी बार थानाधिकारी को बदल दिया गया है. जिसके कारण एक बार फिर थानाधिकारी का कार्यभार थाने में कार्यरत एसआई जगत सिंह को देना पड़ा है. सीआई की पोस्ट में कम रैंक के अधिकारियों से काम चल रहा है. जिसके कारण सांचौर में पुलिस की साख पर बट्टा लग रहा है.

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वहीं कोरोना वायरस के चलते पूरे जिले में लॉकडाउन लागू है. लॉकडाउन की पालना करवाने में पुलिस की अहम भूमिका होती है, लेकिन सीमावर्ती सांचौर पुलिस थाने में व्यवस्था संभालने वाले जिम्मेदार अधिकारी का पद ही खाली पड़ा है, जिसके कारण सांचौर शहर सहित आस-पास के गांवों में लॉकडाउन के बावजूद धड़ल्ले से वाहन दौड़ते नजर आते हैं.

एक माह में दो थानाधिकारी बदले

जिले के सीमावर्ती सांचौर थाने में पहले कैलाश दान कार्यरत थे, लेकिन एसपी ने 18 मार्च को आदेश जारी करके कैलाशदान को लाइन में लगा दिया था. उसके बाद थाने में एसआई जगत सिंह को कार्यभार दे दिया गया. कुछ दिन बाद आहोर थाने के थानाधिकारी घेवर सिंह को सांचौर में लगाया गया, लेकिन मात्र 5 दिन बाद घेवर सिंह को सांचौर से हटा दिया गया. ऐसे में एक बार फिर सांचौर थाने की कमान जगत सिंह के हाथों में दे दी गई है.

खाली पद से बेखौफ हो रहे बदमाश

जिला का सांचौर पुलिस थाना अपराध का गढ़ रहा है. यहां से नेशनल हाइवे 68 निकलता है. साथ में पड़ोसी राज्य गुजरात की सीमा लगती है, जिसके चलते इस क्षेत्र से तस्करी बहुत ज्यादा होती है. ऐसे संवेदनशील थाने में एक माह से थानाधिकारी का पद खाली रहना एसपी हिम्मत अभिलाष टांक की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता हैं.

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