जालोर. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए देश में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया था. उसके बाद 24 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था, जिसमें निजी बसों के पहिये भी थम गए थे. लॉकडाउन 5.0 के लागू होने के बाद भी अभी तक बसें खड़ी है. ऐसे हालात में निजी बस ऑपरेटरों ने मंगलवार को जिला कलेक्टर हिमांशु गुप्ता को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर टैक्स में राहत देने की मांग की है.
निजी बस ऑपरेटरों ने ज्ञापन में बताया कि केंद्र सरकार की गाइडलाइन में निजी बसों के टैक्स में राहत देने की घोषणा की गई थी, लेकिन जिला परिवहन अधिकारी हठधर्मिता के कारण टैक्स वसूलने पर आमदा हैं. कोविड-19 महामारी के संकट की घड़ी में राजस्थान सरकार के आदेश के कारण मार्च से एक भी बस का संचालन नहीं किया गया है, जिसके कारण लॉकडाउन में हुए नुकसान को देखते हुए 6 महीने का टैक्स माफ किया जाए.
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वहीं, इसके अलावा ऑपरेटरों ने जिला परिवहन अधिकारी पर आरोप लगाया कि लॉकडाउन में बसों के परमिट सरेंडर करवाने के लिए कई बार चक्कर काटने के बावजूद एक भी बस का परमिट सरेंडर नहीं किया गया है. बस ऑपरेटर संघ ने बताया कि लॉकडाउन में हर वर्ग को राहत दी गई है लेकिन निजी बसों को लेकर कोई राहत की घोषणा नहीं की गई है.
बस ऑपरेटर संघ का कहना है कि पिछले 2 महीने से बसें खड़ी होने के कारण शादियों की सीजन भी निकल गई है, जिसके कारण भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में अब राहत देते हुए टैक्स में विशेष छूट देने के साथ जिले में विभिन्न टोलों पर भी छूट दी जाए.