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जालोर : निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर सरगरा समाज ने एडीएम को दिया ज्ञापन

जालोर में कुछ दिन पहले एक शव मिला था. जिसकी निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर गुरुवार को सरगरा समाज के सैंकड़ों लोगों ने एडीएम को ज्ञापन सौंपा.

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Published : Feb 27, 2020, 11:18 PM IST

जालोर आत्महत्या मामला,  Jalore news
निष्पक्ष जांच को लेकर एडीएम को दिया ज्ञापन

जालोर. जिले के बागरा थाना क्षेत्र के चुरा गांव के पास में 25 जनवरी को एक युवक का शव मिला था.जिसको आत्महत्या मानकर पुलिस ने मर्ग दर्ज कर लिया था, लेकिन अब उस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर गुरुवार को सरगरा समाज के सैकड़ों लोग एडीएम छगनलाल गोयल और एसपी हिम्मत अभिलाष टांक से मिले. जिन्होंने निष्पक्ष जांच करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया.

निष्पक्ष जांच को लेकर एडीएम को दिया ज्ञापन

लोगों ने बताया कि मृतक मुकेश कुआं चुरा गांव के पास आया हुआ था, जहां उसने गेंहू की खेती कर रखी थी. जो फसल की रखवाली करने के लिए आता जाता रहता है. खेत तक जाने के लिए पड़ोसी नेन सिंह पुत्र मोतीसिंह राजपूत के खेत के अंदर से जाना पड़ता था. इस खेत में मोतीसिंह के अलावा चेलाराम पुत्र आशाराम और उसका परिवार भी रहता था. जहां से आने जाने के दौरान मृतक मुकेश, खेत मालिक नेन सिंह और चेलाराम से विवाद हो गया था. जिसके बाद मुकेश को चेलाराम और दिनेश सहित अन्य लोगों ने जान से मारने की धमकी दी थी. उसके बाद दूसरे दिन मुकेश का शव बरामद हुआ था.

पढ़ेंः केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पहुंचे भीनमाल, रामकथा में गाया भजन

वहीं परिजनों ने बताया कि मृतक मुकेश बेल्ट का यूज करता ही नहीं था, साथ ही सरगरा समाज के लोगों ने पुलिस पर मामले को जानबूझ कर दबाने का आरोप भी लगाया है. परिजनों का आरोप है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कई दिनों से जा रही है, लेकिन पुलिस के अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं.

जालोर. जिले के बागरा थाना क्षेत्र के चुरा गांव के पास में 25 जनवरी को एक युवक का शव मिला था.जिसको आत्महत्या मानकर पुलिस ने मर्ग दर्ज कर लिया था, लेकिन अब उस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर गुरुवार को सरगरा समाज के सैकड़ों लोग एडीएम छगनलाल गोयल और एसपी हिम्मत अभिलाष टांक से मिले. जिन्होंने निष्पक्ष जांच करने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया.

निष्पक्ष जांच को लेकर एडीएम को दिया ज्ञापन

लोगों ने बताया कि मृतक मुकेश कुआं चुरा गांव के पास आया हुआ था, जहां उसने गेंहू की खेती कर रखी थी. जो फसल की रखवाली करने के लिए आता जाता रहता है. खेत तक जाने के लिए पड़ोसी नेन सिंह पुत्र मोतीसिंह राजपूत के खेत के अंदर से जाना पड़ता था. इस खेत में मोतीसिंह के अलावा चेलाराम पुत्र आशाराम और उसका परिवार भी रहता था. जहां से आने जाने के दौरान मृतक मुकेश, खेत मालिक नेन सिंह और चेलाराम से विवाद हो गया था. जिसके बाद मुकेश को चेलाराम और दिनेश सहित अन्य लोगों ने जान से मारने की धमकी दी थी. उसके बाद दूसरे दिन मुकेश का शव बरामद हुआ था.

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वहीं परिजनों ने बताया कि मृतक मुकेश बेल्ट का यूज करता ही नहीं था, साथ ही सरगरा समाज के लोगों ने पुलिस पर मामले को जानबूझ कर दबाने का आरोप भी लगाया है. परिजनों का आरोप है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कई दिनों से जा रही है, लेकिन पुलिस के अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं.

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