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NDRF-SDRF की तकनीक हुई नाकाम तो 'देसी जुगाड़' से बची 90 फीट गहरे बोरवेल में गिरे मासूम की जान - rajasthan news

जिले के सांचौर क्षेत्र के लाछड़ी गांव में बोरवेल में गिरे बच्चे को गुरुवार देर रात को तीन बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें विफल होने के बाद देसी जुगाड़ से माधाराम सुथार ने मासूम अनिल देवासी को सुरक्षित निकाला. जिसके बाद बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां उसका उपचार करके छुट्टी दी गई.

rescued from borewell in jalore
मासूम अनिल को बोरवेल से सुरक्षित निकाला बाहर
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Published : May 7, 2021, 10:08 AM IST

Updated : May 7, 2021, 1:51 PM IST

जालोर. सांचौर क्षेत्र के लाछड़ी गांव में कल यानी सुबह 10 बजे 4 साल का मासूम अनिल देवासी बोरवेल में गिर गया था. जिसको बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बुलाई गई थीं. जिनके द्वारा रात को दो बजे तक प्रयास किया गया, लेकिन तकनीक काम नहीं आई. जिसके बाद जिले के भीनमाल के मेडा निवासी माधाराम सुथार ने देसी जुगाड़ से मासूम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

मासूम अनिल देवासी को सुरक्षित निकाला बाहर...

जानकारी के अनुसार गुरुवार दस बजे खेलते-खेलते मासूम अनिल देवासी अपने खेत में खुदवाए बोरवेल में गिर गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और बच्चे को बाहर निकालने की कवायद शुरू की गई. कैमरा डालकर बच्चे की तस्वीर देखी गई तो बच्चा सुरक्षित था. ऐसे में बोरवेल में ऑक्सीजन की नली डाली गई. दो बार दूध और बिस्किट भी बोरवेल में दिए गए. इसी बीच गुजरात से एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची.

पढ़ें : जालोर में 4 साल का बच्चा बोरवेल में गिरा, राहत एवं बचाव कार्य शुरू

पढ़ें : जालोर में बोरवेल में गिरा बच्चा: रस्सी के सहारे पहुंचाई जा रही पानी की बोतलें और बिस्किट

वहीं, गुरुवार को शाम होते-होते जालोर से जिला कलेक्टर नम्रता और एसपी श्याम सिंह भी मौके पर पहुंच गए. देर रात तक एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें मेहनत करती रहीं, लेकिन अनिल को बाहर निकालने में नाकाम रहीं. जिसके बाद भीनमाल के पास मेडा गांव में रहने वाले माधाराम सुथार को बच्चे को बाहर निकालने का जिम्मा दिया गया. उन्होंने देसी जुगाड़ से अनिल को रात तीन बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

rescued from borewell in jalore
जान बचाने की जद्दोजहद...

अब हम आपको बतातें हैं कैसे बचाई गई मामूस की जिंदगी...

दरअसल, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ द्वारा अलग-अलग तरह की कार्य योजना बनाकर 4 साल के अनिल को बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. जिसके बाद स्थानीय निवासी माधाराम ने कमान संभाली और 90 फीट लंबी तीन पाइप मंगवाई गई.

ऐसे बची जिंदगी...
  • तीनों पाइपों के आगे वाले हिस्से पर रस्सी को बांधा गया. साथ ही एक जाल भी उसके साथ बांध दिया गया.
  • धीरे-धीरे पाइप को बोरवेल में बच्चे तक पहुंचाया गया.
  • फिर बच्चे को जाल के अंदर खड़ा होने को कहा गया. बच्चा खड़ा हुआ तो माधाराम ने पाइप के नीचे वाले हिस्से में बंधी रस्सी को बाहर वाले किनारे से खींचा तो तीनों पाइप में तनाव पैदा हो गया.
  • इससे बच्चा उस जाल में बंध गया और फिर तीनों पाइपों को आहिस्ता-आहिस्ता बाहर खींचा गया.

इस तरह मासूम अनिल को तीनों पाइपों के सहारे बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

जालोर. सांचौर क्षेत्र के लाछड़ी गांव में कल यानी सुबह 10 बजे 4 साल का मासूम अनिल देवासी बोरवेल में गिर गया था. जिसको बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बुलाई गई थीं. जिनके द्वारा रात को दो बजे तक प्रयास किया गया, लेकिन तकनीक काम नहीं आई. जिसके बाद जिले के भीनमाल के मेडा निवासी माधाराम सुथार ने देसी जुगाड़ से मासूम को सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

मासूम अनिल देवासी को सुरक्षित निकाला बाहर...

जानकारी के अनुसार गुरुवार दस बजे खेलते-खेलते मासूम अनिल देवासी अपने खेत में खुदवाए बोरवेल में गिर गया. घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और बच्चे को बाहर निकालने की कवायद शुरू की गई. कैमरा डालकर बच्चे की तस्वीर देखी गई तो बच्चा सुरक्षित था. ऐसे में बोरवेल में ऑक्सीजन की नली डाली गई. दो बार दूध और बिस्किट भी बोरवेल में दिए गए. इसी बीच गुजरात से एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची.

पढ़ें : जालोर में 4 साल का बच्चा बोरवेल में गिरा, राहत एवं बचाव कार्य शुरू

पढ़ें : जालोर में बोरवेल में गिरा बच्चा: रस्सी के सहारे पहुंचाई जा रही पानी की बोतलें और बिस्किट

वहीं, गुरुवार को शाम होते-होते जालोर से जिला कलेक्टर नम्रता और एसपी श्याम सिंह भी मौके पर पहुंच गए. देर रात तक एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें मेहनत करती रहीं, लेकिन अनिल को बाहर निकालने में नाकाम रहीं. जिसके बाद भीनमाल के पास मेडा गांव में रहने वाले माधाराम सुथार को बच्चे को बाहर निकालने का जिम्मा दिया गया. उन्होंने देसी जुगाड़ से अनिल को रात तीन बजे सुरक्षित बाहर निकाल लिया.

rescued from borewell in jalore
जान बचाने की जद्दोजहद...

अब हम आपको बतातें हैं कैसे बचाई गई मामूस की जिंदगी...

दरअसल, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ द्वारा अलग-अलग तरह की कार्य योजना बनाकर 4 साल के अनिल को बाहर निकालने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. जिसके बाद स्थानीय निवासी माधाराम ने कमान संभाली और 90 फीट लंबी तीन पाइप मंगवाई गई.

ऐसे बची जिंदगी...
  • तीनों पाइपों के आगे वाले हिस्से पर रस्सी को बांधा गया. साथ ही एक जाल भी उसके साथ बांध दिया गया.
  • धीरे-धीरे पाइप को बोरवेल में बच्चे तक पहुंचाया गया.
  • फिर बच्चे को जाल के अंदर खड़ा होने को कहा गया. बच्चा खड़ा हुआ तो माधाराम ने पाइप के नीचे वाले हिस्से में बंधी रस्सी को बाहर वाले किनारे से खींचा तो तीनों पाइप में तनाव पैदा हो गया.
  • इससे बच्चा उस जाल में बंध गया और फिर तीनों पाइपों को आहिस्ता-आहिस्ता बाहर खींचा गया.

इस तरह मासूम अनिल को तीनों पाइपों के सहारे बोरवेल से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया.

Last Updated : May 7, 2021, 1:51 PM IST
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